प्रतिदिन खुद को देश के सबसे विश्वसनीय अख़बार के बतौर पेश करने वाले दैनिक भास्कर ने पाठकों को पाजिटिव न्यूज़ की घुट्टी पिलाने का सा अभियान छेड़ रखा है. अखबार में हफ्ते का एक दिन ऐसी खबरों को ही समर्पित रहता है. अब सौ करोड़ गरीबों के मुल्क में रोज तो सकारात्मक ख़बरें मिलने से रहीं सो अख़बार अमेरिका जैसे अमीर मुल्कों की बेसिर पैर की खबरों को छाप-छाप कर जनता को अपने दुःख दर्द और तकलीफें भुलाने के लिए प्रेरित करता रहता है. इसके लिए बाकायदा टाइम, इकानामिस्ट और न्यूयार्क टाइम्स जैसे अख़बारों से करार किया गया है.
अफ़सोस, ऐसी खबरें परोस कर पत्रकारिता की तो अनदेखी की ही जा रही है, देश-प्रदेश के मिजाज का भी खयाल नहीं रखा जा रहा है.
अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी बारबरा बुश की ९२ साल की भरी पूरी उम्र में हुई मृत्यु की पहले पेज पर छपी बड़ी खबर को ही लें.! पहले तो खबर के शीर्षक को ही लेते हैं जिससे आभास होता है की पति के अलावा उनके कई बेटे भी राष्ट्रपति रह चुके हैं. दुनिया जानती है की उनके एक ही बेटे जार्ज बुश जूनियर इस पद पर पहुंचे जो लादेन के जेहादियों के हमले के समय वहां के राष्ट्रपति थे.
अगर उनकी ९२ साल की उम्र और ७३ साल के दाम्पत्य जीवन को भी उपलब्धि मान लें तो भी इस खबर की हिन्दुस्तानियों के लिए इतनी अहमियत नहीं थी की उसे पहले पेज पर पांच कालम में दो तस्वीरों के साथ जगह दी जाती. अब जिसका पति चार बरस तक और बेटा आठ बरस तक दुनिया के सबसे ताकतवर राजनेता के नाते व्हाइट हाउस में रहा हो उसका ९२ की उम्र पार कर जाना और ७३ साल का वैवाहिक जीवन कोई बड़ी बात है क्या?
यही खबर इंडियन एक्सप्रेस ने भी छापी है मगर अन्दर के पेज पर और वो भी सिंगल कालम में.
लेखक श्रीप्रकाश दीक्षित भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार हैं.