Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

काश! हिन्दी अखबारों में ऐसी खबरें भी प्रमुखता से छपतीं!!

आज हिन्दी-अंग्रेजी के लगभग सभी अखबारों में सुप्रीम कोर्ट में कल रफाल मामले में हुई सुनवाई की खबर लीड है पर चूंकि फैसला नहीं आया है और मैं पहले लिखता रहा हूं कि सुप्रीम कोर्ट की खबर लीड ही बनती है और यह भी कि एक ही खबर अलग शीर्षक से छपती रही है – इस मामले में आज चर्चा के लिए कुछ नया नहीं है। आज अंग्रेजी के दो अखबारों में दो खबरें दिखीं जो चर्चा करने और पढ़ने-जानने लायक है। इसलिए आज ये दो खबरें ही। पहले कोलकाता के अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ में नई दिल्ली डेटलाइन से जेपी यादव और संजय के झा की दो खबरें हैं जिन्हें अखबार ने एक साझे फ्लैग शीर्षक से छापा है जो हिन्दी में कुछ इस प्रकार होगा, “भाजपा ने ‘निपट लेंगे’ को ‘निपटा देंगे’ सुना”।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अखबार ने इन दोनों खबरों को सात कॉलम में लगभग एक चौथाई पन्ने पर छापा है। पेज पर बाईं तरफ छपी या पहली खबर का शीर्षक है, “बाइट पात्रा के अनुसार”। खबर के साथ संबित पात्रा की फोटो है। अंग्रेजी में लिखी खबर की शुरुआत का हिन्दी अनुवाद कुछ इस तरह होगा, “भाजपा कांग्रेस नेता कमलनाथ के भाषण वाले एक लीक्ड वीडियो पर पिल पड़ी है। यह भाषण चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के मौलवियों के साथ बंद कमरे में हुई एक बैठक में दिया गया था।”

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि कमलनाथ ने कहा है कि उन्हें ‘निपटा देंगे’ जबकि क्लिप में कहा गया है ‘निपट लेंगे’। अखबार ने अंग्रेजी के पाठकों को इनका मतलब समझाया है जिसकी जरूरत यहां नहीं है। आप जानते हैं मध्य प्रदेश में आरएसएस को लेकर विवाद चल रहा है और यह बैठक उसी पर थी जिसमें कमलनाथ ने जो कहा है वह आरएसएस के बारे में है और बताया जाता है कि पात्रा ने उसे घुमा दिया है। खबर के मुताबिक पात्रा ने कहा, “लीक्ड वीडियो से पता चलता है कि कांग्रेस के मन में आरएसएस और हिन्दुओं के प्रति कैसी घृणा है”।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दूसरी खबर का शीर्षक है, “चुनावों में गहलौत पायलट के ‘साथ’ रहेंगे”। आप जानते हैं कि राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए टकराव चल रहा है और कांग्रेस के जीतने पर इसके बढ़ जाने की संभावना है। यह खबर इसी संबंध में है। खबर में बताया गया है कि पार्टी ने अंतिम समय में निर्णय़ लिया है कि सचिन पायलट और अशोक गहलौत – दोनों सात दिसंबर को होने वाला चुनाव लड़ेंगे। …. पहले समझा जा रहा था कि पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलौत चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि वे राष्ट्रीय राजनीति में पहुंच चुके हैं हैं। और पार्टी के महासचिव के रूप में काफी व्यस्त हैं। पर पार्टी की सूचना है कि इनमें से किसी के भी चुनाव नहीं लड़ने का गलत संकेत जाएगा।

इसी तरह इंडियन एक्सप्रेस में आज एक महत्वपूर्ण और परेशान करने वाली खबर है। पहले पन्ने पर सबसे ऊपर दो कॉलम में छपी इस खबर का शीर्षक है, “हवाईअड्डा प्राधिकरण ने ट्रोल्स द्वारा टीएम कृष्णा को भारत विरोधी करार दिए जाने के बाद उनका कंसर्ट रद्द किया”। उपशीर्षक है, “दिल्ली में 17 नवंबर को मुझे कहीं भी मंच दीजिए … डराया नहीं जा सकता”। अखबार ने इस विषय पर अपने संपादकीय पन्ने पर राम चंद्र गुहा की टिप्पणी भी छापी है जिसका शीर्षक है, “अगर कृष्णा गा नहीं सकते”। इसमें उन्होंने कहा है, “एक महान संगीतकार को अगर राष्ट्रीय राजधानी में परफॉर्म करने से रोका जा सकता है तो यह एक असभ्य समाज है”।

Advertisement. Scroll to continue reading.

गुहा ने लिखा है कि पहले एएआई उत्साह से इस आयोजन के बारे में ट्वीट कर रहा था और लोगों को बुला रहा था। … पर जब उन्होंने (दक्षिणपंथी ट्रोल ने) सुना कि इसमें कृष्णा गाने वाले हैं तो उन्हें गालियां देनी शुरू कर दी और मांग की कि आयोजन रद्द किया जाए। ये (दक्षिणपंथी) ट्रोल उनके (कृष्णा के) संगीत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वे सिर्फ इतना जानते हैं कि संगीत से इतर अपने काम में वे हिन्दुत्व और मोदी सरकार के विरोधी हैं। मैंने इस खबर के शीर्षक को हिन्दी में गूगल किया तो यह खबर जनसत्ता के साइट पर मिली। बाद में यह खबर दूसरी साइट्स पर भी है। जनसत्ता के साइट पर थोड़ी ही देर पहले अपलोड हुई थी इसलिए मैंने देखना चाहा कि जनसत्ता ने भी इसे एक्सप्रेस की तरह पहले पेज पर छाप कर प्रमुखता दी है कि नहीं। जनसत्ता में यह खबर पहले पेज पर तो नहीं है।

नेट से ली गई खबर (संपादित) पेश है ताकि आप मामला समझ सकें। खबर इस प्रकार है, दक्षिणपंथी ट्रोल्स की ओर से सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान के बाद मशहूर दक्षिण भारतीय संगीतकार टीएम कृष्णा का दिल्ली में होने वाला एक कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया। आरोप है कि आयोजनकर्ताओं ने दबाव में कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला लिया। यह कार्यक्रम शनिवार को होना था। कृष्णा के संगीत में सेक्युलरिज्म और जातिगत पक्षपात को लेकर जाहिर किए जाने वाले विचारों की वजह से वह हिंदुत्व समर्थकों के निशाने पर हैं। इस साल अगस्त में भी मेरीलैंड मंदिर ने उनका कॉन्सर्ट रद्द कर दिया था। हिंदुत्व समर्थकों ने उन पर क्रिसमस के गीत गाने के आरोप लगाए थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दिल्ली के चाणक्यपुरी में ‘डांस एंड म्यूजिक इन द पार्क’ फेस्टिवल का आयोजन सरकारी एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और इसके सांस्कृतिक धड़े स्पिक मैके की ओर से होना था। 5 नवंबर को एएआई ने अपने टि्वटर हैंडल के जरिए इस कार्यक्रम का एलान किया था। पूरे हफ्ते यहां परफॉर्म करने वाले कलाकारों की जानकारी भी शेयर की जाती रही। 10 नवंबर को कृष्णा के कार्यक्रम के बारे में ट्वीट किया गया था। शहर के कुछ अखबारों में विज्ञापन भी दिया गया। हालांकि, मंगलवार देर रात एएआई ने ईमेल के जरिए स्पिक मैके को जानकारी दी कि कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया है। एएआई के चेयरमैन गुरु प्रसाद महापात्रा ने उन आरोपों को खारिज किया, जिनके मुताबिक कृष्णा को बुलाने से उनकी हो रही आलोचना के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। उनका कहना है कि अचानक कुछ काम निकल आया है।

वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट। संपर्क : [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement