वाह रे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, ऐसी कौन सी बात कर देते हैं कि सरकारी खजाने को उसे सुनने पर इस तरह न्योछावर कर दिया जा रहा है। पता चला है कि ‘मन की बात’ का सबसे ज्यादा मजा मीडिया लूट रहा है। केंद्र सरकार इस रेडियो कार्यक्रम के प्रचार प्रसार के लिए अब तक साढ़े आठ करोड़ रुपए फूंक चुकी है। इस कारस्तानी को आरटीआई के जरिए सार्वजनिक किया है आम आदमी पार्टी के मीडिया संयोजक मुल्कराज आनंद ने।
इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2015 तक के आकड़ों के हिसाब से अब तक 8,54,74,783 रुपए केवल अखबारों में कार्यक्रम के प्रचार के लिए खर्च किए जा चुके हैं। यानी 8,54,74,783 रुपए गए अखबार मालिकों की जेब में कि करो भैया खूब प्रचार, बताओ जनता को कि वो पीएम साहब मन की बात करने वाले हैं, जरा रेडियो ऑन कर के सुन लेना ध्यान से। अब कोई सुने-न-सुने साढ़े आठ करोड़ तो गए पानी में। और वो रुपए हैं किसके, जनता के। अच्छे दिन आ गए हैं। गजब।
मुल्कराज आनंद मीडिया को बताते हैं कि बीजेपी सरकार ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी सरकार के काम का प्रचार करने के लिए 526 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उसके मुकाबले मोदी के कार्यक्रम में खर्च की गई धनराशि बहुत ज्यादा है, क्योंकि मोदी की पब्लिसिटी के लिए सिर्फ एक प्रोग्राम के तहत ही 8.5 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और वह भी अखबार के विज्ञापनों पर।