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जानिये मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों / मीडिया प्रतिष्ठानों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू है और किन-किन ने नहीं लागू किया है

: आरटीआई से हुआ खुलासा : दिन रात कड़ी मेहनत कर समाचार पत्र और प्रतिष्ठान के लिये जी-जान लगा देने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों के मामले में आरटीआई के जरिये अब तक का एक बड़ा खुलासा हुआ है जो किसी राज्य के पत्रकारों के लिये उर्जा का काम कर सकता है। मुंबई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी एकत्र किया है कि मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू किया गया है और कौन-कौन से समाचार पत्रो में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू की गयी है। अगर नहीं लागू की गयी है तो उसका कारण क्या है। इस दौरान काफी चौकाने वाले तथ्य भी सामने आये हैं। कई समाचार पत्रों ने मजीठिया जहां पूरी तरह लागू कर दिया, ऐसा दर्शाया है, वहीं कई समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने या तो इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है या फिर आंशिक तौर पर लागू किया है। मुंबई के कई बड़े समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड इसलिये नहीं लागू किया क्योंकि इसके पीछे वित्तीय कारण थे।

<p>: <strong>आरटीआई से हुआ खुलासा</strong> : दिन रात कड़ी मेहनत कर समाचार पत्र और प्रतिष्ठान के लिये जी-जान लगा देने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों के मामले में आरटीआई के जरिये अब तक का एक बड़ा खुलासा हुआ है जो किसी राज्य के पत्रकारों के लिये उर्जा का काम कर सकता है। मुंबई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी एकत्र किया है कि मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू किया गया है और कौन-कौन से समाचार पत्रो में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू की गयी है। अगर नहीं लागू की गयी है तो उसका कारण क्या है। इस दौरान काफी चौकाने वाले तथ्य भी सामने आये हैं। कई समाचार पत्रों ने मजीठिया जहां पूरी तरह लागू कर दिया, ऐसा दर्शाया है, वहीं कई समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने या तो इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है या फिर आंशिक तौर पर लागू किया है। मुंबई के कई बड़े समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड इसलिये नहीं लागू किया क्योंकि इसके पीछे वित्तीय कारण थे।</p>

: आरटीआई से हुआ खुलासा : दिन रात कड़ी मेहनत कर समाचार पत्र और प्रतिष्ठान के लिये जी-जान लगा देने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों के मामले में आरटीआई के जरिये अब तक का एक बड़ा खुलासा हुआ है जो किसी राज्य के पत्रकारों के लिये उर्जा का काम कर सकता है। मुंबई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी एकत्र किया है कि मुंबई के कौन-कौन से समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू किया गया है और कौन-कौन से समाचार पत्रो में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू की गयी है। अगर नहीं लागू की गयी है तो उसका कारण क्या है। इस दौरान काफी चौकाने वाले तथ्य भी सामने आये हैं। कई समाचार पत्रों ने मजीठिया जहां पूरी तरह लागू कर दिया, ऐसा दर्शाया है, वहीं कई समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने या तो इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है या फिर आंशिक तौर पर लागू किया है। मुंबई के कई बड़े समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड इसलिये नहीं लागू किया क्योंकि इसके पीछे वित्तीय कारण थे।

इंडियन नेशनल प्रेस प्राईवेट लिमिटेड के समाचार पत्रों ‘फ्री प्रेस जरनल’ और ‘नवशक्ती’ में जहां पूरी तरह मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू कर दी गयी है वहीं समाचार पत्र ‘उर्दू टाईम्स’ ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश आंशिक रूप से लागू किया है क्योंकि उसके पीछे वित्तीय कारण थे। ‘बांबे समाचार’ ने पूरी तरह मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की है। पत्रकार शशिकांत सिंह द्वारा मुंबई शहर के श्रम आयुक्त कार्यालय से आर टी आई के जरिये यह सूचना मांगी थी। दी गई सूचना में इन समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के मजीठिया वेतन आयोग के लागू होने या ना होने या आंशिक रूप से इसे लागू करने की पूरी जानकारी दी गयी है।

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बेनमेट कोलमन एंड कंपनी के समाचार पत्रों महाराष्ट्र टाईम्स, नवभारत टाईम्स, इकोनामिक टाईम्स, टाईम्स आफ इंडिया, मुंबई मिरर और पुणे मिरर में मजिठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दी गयी है। ऐसा दावा किया गया है। श्री अंबिका प्रिंटर्स एंड पब्लीकेशन के समाचार पत्रों पुण्यनगरी, मुंबई चौफेर, यशोभूमि, कर्नाटक मल्ला और वार्ताहर समाचार पत्रों के पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों को पूरी तरह मजीठिया वेज वोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू करने की जानकारी इस आर टी आई से उपलब्ध करायी गयी सूचना में दी गयी है। इंडियन एक्सप्रेस लिमिटेड के समाचार पत्रों लोकसत्ता, इंडियन एक्सप्रेस, फाईनेंसियल एक्सप्रेस, लोकप्रभा में आंशिक रूप से मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की गयी है। इंडियन एक्सप्रेस इसके पीछे वित्तीय कारण बता रहा है।

इसी तरह सौराष्ट्र ट्रस्ट के समाचार पत्रों जन्मभूमि, जन्मभूमि प्रवासी, व्यापार गुजराती, व्यापार हिन्दी में आंशिक रूप से वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की गयी है। हालांकि सौराष्ट्र ट्रस्ट के इन समाचार पत्रो में अक्टूबर के इसी माह में पूरी तरह मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू कर देने का लिखित भरोसा दिया गया है। प्रहार समाचार पत्र में मजिठिया वेज बोर्ड की सिफारिश इसलिये लागू नहीं किया गया क्योंकि इसके पीछे वित्तीय कारण थे। इसी तह आपला महानगर में भी मजीठिया वेज वोर्ड की सिफारिश वित्तीय कारण को लेकर लागू नहीं किया जा सका।

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मिड डे समाचार पत्र में मजिठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू करने का दावा किया गया है जबकि डी एन ए समाचार पत्र के बारे में सूचना दी गयी है कि यह समाचार पत्र २००५ से ही लगातार घाटे में चल रहा है इसके लिये वह वेज बोर्ड लागू नहीं कर सका है। डीएनए समाचार पत्र प्रतिष्ठान ने इसकी सूचना भी सर्वोच्च न्यायालय को दी है। दो बजे दोपहर, नवाकाल , संध्याकाल समाचार पत्रों के साथ साथ आफ्टर नून, डेली इंकलाब, सामना, हिन्दुस्तान टाईम्स, गुजरात समाचार पत्र और बिजनेस स्टैंडर्ड के बारे में भी श्रम आयुक्त कार्यालय ने सूचना उपब्लब्ध करायी है कि इन सभी समाचार पत्र प्रतिष्ठानो ने अपने यहां मजिठिया वेज बोर्ड की सिफारिश इसलिये लागू नहीं किया क्योकि उसके पीछे वित्तीय कारण थे। आपको बता दें कि इस सूची को लेकर पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल इसी सोमवार को शशिकांत सिंह के नेतृत्व में श्रम आयुक्त से मिलने जा रहा है। अगर आपको भी लगता है कि आपके समाचार पत्र में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं हूआ है या आप भी उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होना चाहते हैं तो आप शशिकांत सिंह से उनके मोबाईल नंबर ९३२२४११३३५ पर बात कर सकते हैं।

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0 Comments

  1. Kashinath Matale

    October 25, 2015 at 12:58 pm

    Dear Sir,
    Jaha jaha par majithia Wage Board puri tarah se lagu kiya hai vahake employees ki salary sleep post kare.

  2. Kashinath Matale

    October 25, 2015 at 1:00 pm

    Dear Sir
    Mumbai ke jin jin newspaper me Majithia Wage Board ka implementation huya hai, vahake employees ke salary slip post kare
    Thanks !!!

  3. Kashinath Matale

    October 25, 2015 at 1:03 pm

    Dear Sir
    Mumbai ke jin jin newspaper me Majithia Wage Board ka implementation huya hai, vahake employees ke salary slip Bhadas par post kare ya mere emails [email protected] par post kare
    Thanks !!!

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