दैनिक जागरण के मालिक किसिम किसिम की चोरियां करते हैं. कभी कर्मचारियों का पैसा मार लेते हैं तो कभी कानूनन जो देय होता है, उसे न देकर फर्जी लिखवा लेते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक नियमानुसार दिया लिया जा रहा है. ऐसे भांति भांति के फर्जीवाड़ों और चोरियों का मास्टर दैनिक जागरण समूह अब तो बहुत बड़ा झुट्ठा भी घोषित हो गया है. यही नहीं, जब इसका झूठ पकड़ा गया तो इसे थूक कर चाटने को मजबूर किया गया और इसे ऐसा करना भी पड़ा.
जागरण वालों ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बड़ी बड़ी होर्डिंग लगाकर खुद को नंबर वन बता रहे थे. अचानक एक रोज इन्होंने अपने ही अखबार में बड़ा बड़ा माफीनामा छापा कि हम लोगों को मालूम नहीं था कि हम लोग इस जिले में नंबर वन नहीं हैं इसलिए गलती से गलती हो गई भाइयों! नीचे पढ़िए वो माफीनामा जो जागरण के 13 अगस्त के मुजफ्फरपुर एडिशन में पेज नंबर दस पर बड़ा बड़ा प्रकाशित किया गया है. उपर अखबार का वो पेज नंबर दस है जिसमें नीचे दाहिने साइड बड़ा सा माफीनामा छपा दिख रहा है.
ऐसा नहीं है कि दैनिक जागरण के मालिकों को पता नहीं था कि वे मुजफ्फरपुर में नंबर वन नहीं हैं. इन्हें खूब पता था लेकिन चोरी और सीनाजोरी इनकी आदत है. सत्ता, कानून, सिस्टम सब कुछ को ये ठेंगे पर रखकर चलते हैं. पर जब दूसरे अखबारों ने जागरण के झूठे दुष्प्रचार पर आपत्ति कर वाद ठोंका तो जागरण को अपनी चोरी कबूल करनी पड़ी और मजबूरन माफीनामा छापना पड़ा.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.