दैनिक जागरण के स्थायी, अनुबंधकर्मी और अंशकालिक मीडिया कर्मियों ने प्रपत्र-सी को भर लिया है और जो रह गए हैं, वह भी इन्हें जल्द ही भरने जा रहे हैं। ऐसे में अन्य अखबारों के मीडिया कर्मी पीछे क्यों रह रहे हैं। यदि किसी के पास प्रपत्र-सी नहीं है तो जल्द इसे साइट से डाउनलोड कर ले। नहीं तो जागरण के साथियों से संपर्क करे, वे मदद करेंगे। यदि जागरण छोड़ने के बाद किसी अन्य संस्थान में कार्य कर रहे हैं तो भी प्रपत्र-सी को भरने के लिए पुराने सहयोगियों से संपर्क कर सकते हैं।
ऐसी सूचना है कि जागरण पानीपत के कुछ साथियों ने हाल ही में प्रबंधन के धमकाने में आकर सुप्रीम कोर्ट से केस वापस लेने के लिए एफिडेविट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ऐसी भी सूचना है कि इस पूरे घटनाक्रम में कुछ प्रबंधन के मुंह लगे कर्मी भी शामिल हैं, जिन्हें मोटे लाभ का लालच दिया गया है।
जागरण हो या भास्कर हो या राजस्थान पत्रिका… सभी का प्रबंधन इस तरह के प्रपंच रच रहा है। 1955 अधिनियम की धारा 13 में स्पष्ट है कि सभी कर्मियों को वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार बनने वाले वेतनमान से किसी भी दशा में कम वेतन नहीं मिलना चाहिए। इसलिए यदि किसी भी संस्थान ने आप से जबरदस्ती या धोखे से हस्ताक्षर करवाएं हैं, तो भी आप प्रपत्र-तीन भरें। यह आपका कानून द्वारा दिया गया हक है। जिस पर समाचारपत्र के मालिक डाका नहीं डाल सकते।
प्रपत्र-सी भरने के साथ ही जल्द ही अपने वकील से मिलकर इस धोखाधड़ी और जबरदस्ती से करवाए गए हस्ताक्षर के बारे में जरुर अवगत करवाएं। वो ही आपको सही रास्ता बताएंगे। प्रपत्र-सी को भरते समय व्यक्तिगत जानकारी भरते हुए सावधानी बरतें। यह सबकी अलग-अलग होती है। श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 (हिंदी-अंग्रेजी) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/wdKXsB
मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें हिंदी में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/8fOiVD
प्रपत्र-C (Form C) को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/GwUi7z
झारखंड श्रमायुक्त, रांची के विज्ञापन को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/z7MN3U