Fourth Pillar : मजीठिया वेतनमान के समर्थन और दैनिक जागरण प्रबंधन के अत्याचारों के विरोध में नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर से दैनिक जागरण कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन, कैंडल मार्च और हड़ताल का बिुगल तो बजा दिया, लेकिन अभी भी कुछ कुत्ते जागरण मैनेजमेंट के तलवे चाट रहे हैं। शायद यही वजह है कि कुछ यूनिटों में दैनिक जागरण छप पाना संभव हो पाया। धर्मशाला, लुधियाना और हिसार यूनिटें पूरी तरह से ठप रहीं। एक ओर तमाम कर्मचारी अपनी नौकरी दांव पर लगाकर आंदोलन में कूद पड़े हैं और मजीठिया वेज बोर्ड इम्लिमिंटेशन संघर्ष समिति, केयूडब्ल्यूजे, आईएफडब्ल्यूजे, डीयूजे सहित कई मजदूर संगठन आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ कुत्ते टाइप के पत्रकार दैनिक जागरण प्रबंधन के तलवे चाटने में लगे हैं।
यही नहीं, कुछ तो ऐसे भी हैं जो अपने को क्रांतिकारी, जांबाज, निर्भीक और न जाने कितने गुणों से विभूषित करते रहते हैं, लेकिन वे मैनेजमेंट के तलवे तो चाटते ही हैं, क्रांतिकारियों की जासूसी करने से भी बाज नहीं आते। ऐसे ही जयचंदों के कारण देश गुलाम हुआ था और अब ये पत्रकारिता को भी गुलाम बनाने का षडयंत्र रच रहे हैं। ऐसे लोगों से आंदोलनकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है। लुंज-पुंज लोगों को तो इतिहास अपने आप कचरे में डाल देगा। इनसे अच्छा तो विष्णु त्रिपाठी है, जिसने अपनी हरकतों से कर्मचारियों में आग लगा दी है। अभी भी वह भड़काने वाले बयान दे रहा है, मसलन आपरेटर नहीं हैं तो काम बड़ा ही स्मूथ चल रहा है।
फेसबुक के पेज फोर्थ पिलर पर प्रकाशित.
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