तेवरदार पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी की ताप सह न सका प्रिया गोल्ड बिस्किट कम्पनी चलाने वाला सूर्या समाचार का मालिक बीपी अग्रवाल : एक बड़ी खबर सूर्या समाचार न्यूज चैनल से आ रही है। सत्ता के दबावों के आगे सूर्या समाचार चैनल के मालिक नतमस्तक होते हुए हाल में ही ज्वाइन कराई गई पुण्य प्रसून बाजपेयी और उनकी टीम को मीडिया कम्पनी से बाहर करने पर राजी हो गए हैं।
इस बाबत सूर्या समाचार चैनल के एचआर की तरफ से पुण्य प्रसून बाजपेयी और उनकी टीम के लोगों को सर्विस से 31 मार्च तक मुक्त किए जाने का लेटर जारी कर दिया गया है। लेटर की एक कॉपी भड़ास4मीडिया डॉट कॉम के पास भी है जिसे यहां अपलोड किया जा रहा है।
सूत्रों ने भड़ास को बताया कि पुण्य प्रसून और उनकी टीम की धारदार व पोलखोल पत्रकारिता केंद्रीय सरकार व भारतीय जनता पार्टी में पदस्थ शीर्षस्थ लोगों को पसन्द नहीं आयी। नतीजतन बिस्किट कम्पनी चलाने वाले सूर्या समाचार के मालिक बीपी अग्रवाल पर जमकर दबाव बनाया गया।
इन बिस्किट कम्पनी के मालिकों की हालत ऐसी हो गयी कि उन्हें दो में से एक विकल्प चुनने के लिए मजबूर होना पड़ा। पहला विकल्प था तमाम जांच एजेंसियों का सामना करते हुए अपनी काली कमाई से हाथ धो बैठना। दूसरा विकल्प था केंद्रीय सत्ता की ताक़त के आगे झुक कर उनके कहे को मान लेना।
बिस्किट कम्पनी चलाने वाले बीपी अग्रवाल ने बेहद दबाव और तनाव में पुण्य प्रसून एंड टीम को रुखसत करने का फैसला ले लिया। 31 मार्च आखिरी दिन है। सबको सारे ऑफिसियल सामान जमा करने को कहा गया है।
अब सवाल ये है कि क्या पुण्य प्रसून को 31 मार्च तक भी सूर्या समाचार चैनल पर अपने मन की पत्रकारिता करने दिया जाएगा या एबीपी न्यूज़ की तरह सिग्नल काटने/रोकने का खेल शुरू हो जाएगा?
वैसे भड़ास ने पहले ही, पुण्य के ज्वाइन करते समय ही ये भविष्यवाणी कर दी थी कि बिस्किट किंग बीपी अग्रवाल देर तक पुण्य प्रसून के तेवर वाली पत्रकारिता को झेल न पाएंगे।
सत्ताधारी सियासतदानों के दबावों के आगे झुकते हुए सूर्या समाचार प्रबंधन ने बड़ा फैसला लेते हुए पुण्य प्रसून बाजपेयी और उनकी पूरी टीम की सर्विस को स्थगित कर दिया है। आज सुबह एचआर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी की टीम के सभी मेंबर्स को व्यक्तिगत मेल के जरिए सूचित किया कि आपका कंपनी के साथ रिश्ता खत्म किया जा रहा है और 31 मार्च 2019 काम करने की अंतिम तिथि है।
बताया जा रहा है कि पिछले 15 दिनों से चैनल मालिक बीपी अग्रवाल लगातार खबरों को लेकर हस्तक्षेप कर रहा था। ऐसे में कई प्रोफेशनल चैनल्स से आई ये टीम असहज महसूस कर रही थी। स्ट्रिंगर्स को पेमेंट नहीं किया जा रहा था। पिछले हफ्ते से दिल्ली के रिपोर्टर्स को रिपोर्टिग के दौरान दी जाने वाली कैब पर कटौती कर दी गई थी। चर्चा है कि चैनल मालिक लगातार विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर कुछ अप्रत्याशित लाभ चाह रहा था। ऐसे में कयास है कि किसी बड़े फायदे के चलते ये बड़ा कदम बीपी अग्रवाल ने उठाया है।
जो भी हो, अपनी करतूत से प्रियागोल्ड बिस्किट कम्पनी का मालिक बीपी अग्रवाल पूरी तरह नंगा हो गया है।
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मोहन
March 19, 2019 at 3:55 pm
सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं..
Khalid Hussain
March 19, 2019 at 4:34 pm
बात बीपी अग्रवाल की नहीं है बात आम हिंदुस्तानी की है जब उन को झोला धोने में ही मजा आता है और पैसा आने में ना कि उस के सोर्स को पता करने में तो उस के लिए सच्चाई से काम करने वाला को कैसे कोई बर्दास्त कर सकता है क्यों की दवा तो तीखी होती है।
सोचना तो वोटरों को चाहिए।
Rajendra
March 19, 2019 at 5:02 pm
पत्रकार और बनियों मैं यही फर्क है बनिया सत्य झेल नहीं सकता पत्रकार सत्य सामने लाने से रुक नहीं सकता।
Anjana
March 19, 2019 at 5:37 pm
Kam se kam bhadas nikal rahe ho to sacchi khabron par nikalon…
S. K. Singh
March 19, 2019 at 10:03 pm
Ye to Hona tha.kay yehi chowkedar ka kam hai? Vinash kale viprit buddhi. Nindak neareya rakhi ye aagan kuti chawaye.
ASHOK UPADHYAY
March 20, 2019 at 7:37 am
क्या पुन्य प्रसून बाजपाई को ऐसे निकला जाना केवल नौकर और मालिक तक सीमित है ? हम जानते हैं मालिक पर दबाव रहा होगा . और मालिक ने हथियार डाल दिए.
अब पाठकों को खड़ा हो जाना चाहिए और पूरी बात जाननी चाहिए . यह सारा प्रकरण प्रकाश में आना चाहिए . जरूरी हो तो मोर्चे निकालने चाहिए .अंत तक लड़ना चाहिए .( अन्यथा अपने को पत्रकार कहना लिखना छोड़ देना चाहिए )
K K SHARMA
March 20, 2019 at 8:45 am
CORRUPT POWERFUL people running the democracy ALWAYS act like dictators and teach lessons to those who try to expose their misdeeds.The future of the nation is heading towards destruction at the hands of CORRUPT and power hungry people who have infiltrated in to the INDIAN SYSTEM.
विनीत कुमार सिंह
March 21, 2019 at 4:06 pm
जब भड़ास को पता है कि बी पी अग्रवाल के पास काली कमाई है और पूण्य प्रशुन को भी तो पूण्य प्रशुन चोरों को बढ़ाने क्यों गए थे, चोरों का साथ देना भी तो चोरी ही है।
पुण्य प्रशुन एक स्वार्थी विचार वाले व्यक्ति हैं, वो वहां सिर्फ अपना youtube और facebook पेज चमकने गए थे। जो उनका काम हो गया।
Riyasat Ali
March 21, 2019 at 8:54 pm
वाजपेयी जी सोसल मिडिया पर आप का स्वागत है
Ram Prakash Tripathi
March 22, 2019 at 11:58 pm
पुण्य प्रसून वाजपेयी को एजेंडा पत्रकारिता में महारत हासिल है। वह इसके लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। जब गलत खबरों और आंकड़ों पर नोटिस आने लगते हैं तो वह प्रमाण दे नहीं पाते। प्रमाण के अभाव में चैनल या समाचार माध्यम उनसे जवाब मांगता है। तब ये शहीदी मुद्रा में आ जाते हैं।
सजय कुमार सक्सेना
March 27, 2019 at 6:43 pm
आवाज दबाने से दबती नहीं और मुखर होती जाती है। भगवान नही हो कि अमर हो। अतिवादिता और अत्याचार की उम्र थोड़ी होती है। पुण्य प्रसून बाजपेई जी निर्भीक पत्रकार हैं।
चंद्र प्रकाश
April 4, 2019 at 10:06 am
अजित अंजुम सर ने बिल्कुल सही कहा ,पूण्य सर जैसा आदमी सड़क छाप बिस्किट वाले के यहां नौकरी करेगा तो यही हस्र होगा ,जितने अंडा और छोला भटूरा बेचनेवाले हैं सबने चैनल खोल लिया अब उनकी बुद्धि तो वैसी ही होगी न
दिलीप सिंह सिकरवार
April 7, 2019 at 6:06 pm
बिस्कुट वाले साहब नहीं जानते कि आग में कितनी तपन है, फिर आगे आग जलाई।