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पुण्य प्रसून बाजपेयी सूर्या समाचार के एडिटर इन चीफ बने!

एक बड़ी खबर सूर्या समाचार न्यूज चैनल से आ रही है. चर्चा है कि दो-दो न्यूज चैनलों से हटने को मजबूर हुए पुण्य प्रसून बाजपेयी का नया ठिकाना सूर्या समाचार बन गया है. इस बात की पुष्टि चैनल के अंदर-बाहर के कई सोर्सेज ने की है.

उल्लेखनीय है कि सूर्या समाचार चैनल प्रिया गोल्ड बिस्कुट वालों का है जिसके मालिक का नाम बीपी अग्रवाल है. इस चैनल में सिर्फ बीपी अग्रवाल ही नहीं बल्कि उनके खानदान के कई नौजवानों का खुलेआम दखल रहता है और चैनल में रखने निकालने का काम धड़ल्ले से आए दिन चलता रहता है. इस चैनल में लड़कियों का यौन उत्पीड़न और शोषण भी खूब होता है. पिछले दिनों यहां कार्यरत एक लड़की ने इस बाबत एफआईआर दर्ज कराई थी.

सूत्रों का कहना है कि पुण्य प्रसून ने सूर्या समाचार के न्यूज रूम का दौरा किया और अघोषित तौर पर चैनल के हिस्से बन गए हैं. इससे पहले चर्चा थी कि पुण्य प्रसून लोकमत समूह का हिंदी चैनल लांच कराएंगे लेकिन यह चर्चा अफवाह निकली. वैसे भी लोकमत समूह जैसा कारोबारी ग्रुप पुण्य के नेतृत्व में नेशनल न्यूज चैनल लांच कराने का रिस्क न लेगा क्योंकि उसके ढेर सारे हित सत्ता से जुड़े होते हैं.

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कई तरह के विवादों, कुचर्चाओं और थाना-पुलिस के मसलों से घिरे रहने वाले सूर्या समाचार चैनल को अंतत: एक ठीकठाक संपादक मिल ही गया. इस चैनल के मालिकों से पुण्य प्रसून की कई राउंड बातचीत हुई. आखिरकार सूर्या समाचार का प्रबंधन उन्हें कमान सौंपने पर राजी हो गया.

सूर्या समाचार चैनल पर करोड़ों रुपये अब तक बहाए जा चुके हैं लेकिन चैनल का न तो नाम हुआ न इस चैनल से मालिकों को कोई खास ‘लाभ’ हुआ. ऐसे में इसके मालिकों ने बड़ा दांव खेलने की तैयारी की और किसी बड़े नाम वाले को तलाशना शुरू किया. इस सिलसिले में कई बड़े पत्रकारों से प्रबंधन की बातचीत हुई लेकिन बात फाइनल हुई पुण्य प्रसून से. अंतत: बाजपेयी जी को प्रबंधन ने चैनल की कमान सौंप दी है.

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इसके बाद ये चर्चा आम है कि कहीं ये बड़ा दांव इतना बड़ा न हो जाए कि सूर्या समाचार के साथ साथ इसके मालिकों के मूल धंधे-बिजनेस में भी मट्ठा न पड़ जाए. ज्ञात हो कि पुण्य प्रसून बाजपेयी बेहद क्रांतिकारी पत्रकार हैं और जहां भी जाते हैं, वहां से इसलिए चले जाते हैं क्योंकि उस चैनल के मालिकों पर सत्ता से लेकर कारपोरेट तक के दबाव पड़ने लगते हैं. आजतक हो या एबीपी न्यूज, जी न्यूज हो या सहारा समय, हर जगह पुण्य प्रसून बाजपेयी का एक्जिट बेहद खराब रहा.

हाल में जिन दो न्यूज चैनलों आजतक और एबीपी न्यूज से इसलिए उन्हें जाना पड़ा क्योंकि सत्ता के दो नेता और एक बाबा ने इनको लेकर चैनल के मालिकों को साफ-साफ अल्टीमेट दे दिया था कि या तो इन्हें रख लो या फिर विज्ञापन व सत्ता का लाभ ले लो. मालिकों ने पुण्य को नमस्ते कहने में ही भलाई समझा. काफी दिनों से पुण्य किसी बड़े मंच की तलाश में थे लेकिन ज्यादा बड़े न्यूज चैनल पुण्य को रखने का अनुभव भुगत चुके हैं या उन्हें रखकर भुगतना नहीं चा रहे.

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ऐसे में पुण्य के लिए नए चैनल ही बचते हैं. सो, सूर्या समाचार को पुण्य और पुण्य को सूर्या समाचार मिल गया. देखना है कि ये जुगलबंदी कितने दिनों तक चलती है. फिलहाल ये तो सच है कि पुण्य प्रसून बाजपेयी के आने से जल्द ही कुछ दिनों में सूर्या समाचार का नाम बड़े चैनलों में शुमार हो जाएगा और सूर्या के मालिक भी यही चाहते हैं कि जो होगा देखा जाएगा, पहले चैनल का नाम तो चल निकले.

भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट.

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7 Comments

7 Comments

  1. arvindkumardas

    January 11, 2019 at 3:10 am

    Bahut badhiya sir .aap jaha rahe aise hi bebaki se bolte rahe. I proud of you

  2. Manoj Thakur.

    January 11, 2019 at 8:16 am

    वंदा तो दमदार है,बस घराना उन्हें आजादी से काम करने दे.दोनो का भला हो सकता है.नफा नुक्सान तो यह चैनल देख ही चुका है.

  3. Pushpranjan

    January 14, 2019 at 11:02 am

    बहुत संतुलित समीक्षा की है आपने !

  4. Sandeep Kumar Shrivastava

    February 1, 2019 at 8:47 am

    Best of luck punya prasoon ji aap vartmaan patrakarita ke liye ideal hai ” surya news ” ke malik aapke sujhao ko maan kar aage badhege aisee umeed hai . Best of luck — from Sandeep shrivastava sr.Tv news journalist Chattishgarh.

  5. Pankaj

    February 9, 2019 at 3:28 pm

    Congrats sir, An ideal Man at ideal place,Ab Surya Samachar channel bahut jaldi hi aasmaan ki unchayi ko choo lega.

  6. Ashok kumar singh

    February 27, 2019 at 4:57 am

    पुण्य प्रसून बाजपेई जी हमे गर्व है आप जैसे लोगों की पत्रकारिता पर , जय हिन्द

  7. विमलेश तिवारी

    April 11, 2019 at 8:42 pm

    पुण्य प्रसून बाजपेई है तो पत्रकारिता है पत्रकारिता इन्हीं से शुरू होती है और इन्हीं से खत्म होती है वरना क्या मजाल इतनी बेबाकी से रवीश जी के अलावा और कोई पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अपनी बात कह पाता हो पुण्य प्रसून बाजपेई और रवीश कुमार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जान है जिन्होंने सरकारों को हिलाने का दम रखने का जज्बा है ऐसे निर्भीक और निडर पत्रकारों को मेरा नमनl

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