Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

रेल दुर्घटना, मुआवजा, बीमा और पानी नहीं छलकने का प्रचार !

संजय कुमार सिंह-

घूम-घूम कर वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन करने वाले प्रधान (रेल) मंत्री के प्रचारक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कल की इस दुर्घटना के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं। प्रधान (रेल) मंत्री के जिम्मेदार होने या जिम्मेदारी लेने की कोई उम्मीद नहीं है। मुद्दा यह है कि तेज चलती ट्रेन में पानी से भरे ग्लास का पानी नहीं छलकता है – यह प्रचार या उपलब्धि किस काम की है जब दुर्घटना होने पर मौतें वैसे ही हो रही हैं और आप दुर्घटना नहीं रोक पा रहे हैं। एक-दो घंटे का ऐसा वीडियो 100-200 किलोमीटर पटरी ठीक हो तो बनाया जा सकता है लेकिन 2014 के बाद जो प्रमुख रेल दुर्घटनाएं हुई हैं उनमें एक पश्चिम बंगाल और दो उत्तर प्रदेश में है चौथा उड़ीसा में हुआ है और इस प्रकार सबसे बुरा हाल डबल इंजन वाले उत्तर प्रदेश का है। हालांकि पहला सिंगल इंजन के समय हुआ था और साफ है, डबल इंजन होने से कोई फायदा नहीं हुआ।

वैसे भी, चलती ट्रेन में ग्लास का पानी नहीं छलकना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। देवू मोटर्स की कार भारत में आई थी तो उसके विज्ञापनों में एक था, फ्लाई बाई रोड यानी सड़क पर उड़कर जाइये या सड़क पर हवाई जहाज का आनंद लीजिए। आप जानते हैं कि पानी हवाई जहाज में भी नहीं छलकता है और गति की कोई तुलना नहीं है। लेकिन मतदाताओं को लुभाना है तो पढ़े-लिखे प्रचारक अनपढ़ या चोरी से पास करने वाली जनता के लिए ऐसे ही प्रचार गढ़ते हैं पर अभी वह मुद्दा नहीं है। अभी मुद्दा है रेल यात्रियों का बीमा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आप जानते हैं कि रेल टिकट पर जीएसटी लगने के साथ अब निजी बीमा कंपनियों को बीमा बेचने की भी आजादी है। भले यह स्वैच्छिक है और बीमा कंपनियों को कमाने की यह सुविधा देने में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है और नीयत खराब नहीं है पर सच्चाई यही है कि हर टिकट पर आप बहुत मामूली पैसा बीमा के लिए भी देते हैं। हाल में मैंने लिखा था, जब कोई दुर्घटना हो, लोग मरें तो पता चलेगा इस सुविधा का क्या लाभ हुआ। पहले दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा सरकार या रेलवे देती थी। पर इस सरकार ने कोरोना से मरने वाले को कोई मुआवजा नहीं दिया और अयोध्या के मंदिर से पहले ही संसद के भवन में लोकतंत्र का एक तथाकथित नया मंदिर बना दिया है।

दुर्भाग्य से इसके तुरंत बाद इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई। आज नवोदय टाइम्स में दुर्घटना की खबर पहले पन्ने पर विज्ञापनों के बीच में है और इसमें जितनी जगह है उसमें एक शीर्षक है, मृतक के परिजनों को मिलेंगे 12 लाख। इसमें प्रधानमंत्री की फोटो के साथ उनके ट्वीट की चर्चा है लेकिन पहले पन्ने पर जो छपा है उसमें नहीं बताया गया है कि मुआवजा कौन देगा, कैसे मिलेगा। आगे लिखा है, नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रेल मंत्री ने मृतक के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है। इसमें बीमा की चर्चा नहीं है ना बीमा कंपनी ने अगर कुछ कहा है तो उसका जिक्र है। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बीमा पर पूरा जोर लगाया है लेकिन बीमे का लाभ आम आदमी को मिले यह सुनिश्चित हुआ कि नहीं और किसे कब क्या मिला यह प्रचार नहीं किया जाता है। जन धन खाता मोदी सरकार का प्रयोग है और इसके साथ बीमा भी। लेकिन कोरोना से मरने वालो में किसी को बीमा का लाभ मिला कि नहीं और मिला तो किसे क्या मिला इसका कोई प्रचार नहीं दिखा। जाहिर है, सरकार जो काम करती है उसका प्रचार नहीं करती है और जो प्रचार करती है वह कोई खास काम नहीं होता है या प्रचार ही होता है। व्यवस्था के नाम पर यह भी नहीं है कि खबर ठीक छपे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement