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सुख-दुख

आउटलुक के राज्य संवाददाता भारत सिंह ने राज बहादुर सिंह को कुछ यूँ किया याद!

भारत सिंह-

बहुत दु:खद क्षण था कल…

नाम था, है और रहेगा – “राजबहादुर सिंह”।

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राज – अपने क्षेत्र में कलम के दम पर राज किया उन्होंने, झुके नहीं कहीं, समझौता नहीं किया कभी, माँगने (पत्रकारिता में) के लिए कभी हाथ नहीं जोड़े, मेरी दर पर आइएगा ऐसा न कहकर भी राज किए हमेशा।

बहादुर – बहादुरी ऐसी कि जो सही था वही लिखे, डिगे नहीं, राजनीतिक समझ, पैनी नजर, खबरों धार, सटीक समीक्षा, पढ़ें सभी चाहे वह राजनीतिक हो, सत्ता का हो या किसी भी क्षेत्र का उनकी बहादुरी के आगे कह कुछ नहीं सका कोई, अंतर्मन के बहादुर कभी दिखावा नहीं किए कि मैंने तोप दाग दिया, बोफोर्स दाग दिया, राफेल दाग दिया, लिख दिए तो लिख दिए कहे नहीं, जिन्हें देखना हो वह देखे-समझे, यह तो चल देते थे बस। ऐसी थी समाचारों की बहादुरी।

सिंह – सिंह की तरह ही जीवन जीए, दहाड़ कर ही रहे, दहाड़ते ही रहे, पत्रकारिता क्षेत्र तो विचारों की जगह है, कोई सहमत हुआ कोई नहीं, ढेरों तो चेहरा देखकर सहमति जताते हैं (ऐसे लोगों को भी वह टोंक देते थे), नहीं सहमत हुए तो बोल दिए आपकी इज्जत करता हूँ लेकिन आपकी बात से सहमत नहीं हूँ। सिंह की तरह ही त्याग, समर्पण, सहकार, सामंजस्य, सहयोग, बाहर से कड़क अन्दर से नरम, पारदर्शी, काम के पाबन्द, अनुशासित थे।

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सत्ता, सत्तारूढ़ दल, राजनीतिक दल, शासन-प्रशासन, कोई हो, इन सभी व्यवस्थाओं और इनके आयामों को ऐसे प्रतिभा के धनी पत्रकारों से मिलते रहना चाहिए। उनसे सत्ता संचालन में सहयोग ही मिलेगा, अवश्य मिलेगा। माँगेगे नहीं किसी से कुछ, देंगे ही। किसी के आभामंडल में बहेंगे नहीं, कितने बड़े ही क्यों न हो अगला, क्योंकि अपने ज्ञान पर पूरा भरोसा रहता है, अपने मुँह मियाँ मिट्ठू नहीं बनेंगे, सामने वाले की अनुचित हो रही बातों को बताएंगे ही क्योंकि खुद्दारी जो है उनमें। हाँ, यह सही है कि जल्दी मिलेंगे नहीं ऐसे लोग, थोड़ा तलाशना पड़ेगा उन्हें, उन्हीं में एक थे हम सभी के बीच में “पत्रकार राजबहादुर भइया”।

कल 01 जून, दिन बृहस्पतिवार 2023 को दोपहर में असमय भगवान ने अपनी टीम में उन्हें बुला लिया, क्योंकि वह भगवान हैं, पालनहार हैं, दु:खहरण हैं, उन्हें कोई कुछ नहीं कह सकता। हाँ, यहाँ पत्रकारिता क्षेत्र में नुकसान हो गया, एक युग खत्म हो गया। अभी चलने देते ‘उनके’ पास तो पहले से ही हजारों की टीम है लिखने-पढ़ने के लिए, यहाँ की टीम कमजोर कर दिए। कल अंत्येष्टि के समय सैकड़ों नामचीन पत्रकार उपस्थित थे, नमः थीं सभी की आँखें।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मानते थे वह, कुछ ग़लत हुआ तो टोकते भी थे, विपक्ष मजबूत रहे इसके लिए कांग्रेस के क्रियाकलापों पर प्रश्न भी उठाते थे कि वह भी ठीक हो। ऐसे सभी के शुभेच्छु थे श्रीमान राजबहादुर सिंह जी।

आपको भगवान ने अपने श्रीचरणों में सुखद स्थान के लिए बुलाया है, आप वहाँ भी राज करते हुए बहादुरीपूर्ण सेवा दीजिए। भगवान आपके परिवार को हमेशा स्वस्थ्य और सुखी रखें, उज्ज्वल भविष्य हो सभी का ऐसी कामना है

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विनम्र श्रद्धांजलि,
भारत सिंह
राज्य संवाददाता
आउटलुक लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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2 Comments

2 Comments

  1. Satish Singh

    June 2, 2023 at 7:24 pm

    अत्यंत दुःखद, ईश्वर उन्हें बैकुंठ प्रदान करे।

  2. अनूप चतुर्वेदी

    June 2, 2023 at 8:55 pm

    राजबहादुर जी जैसे असाधारण प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व का इतनी कम उम्र में चला जाना हम लोगों के लिए ही नहीं, पत्रकारिता जगत के लिए भी अपूरणीय क्षति है। स्मृतियों में वे हमेशा हम लोगों के साथ रहेंगे।

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