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हाथापाई प्रकरण को लेकर ट्विटर और फेसबुक पर तीव्र प्रतिक्रिया, राजदीप सरदेसाई भी बोले…

Rajdeep Sardesai : Great crowd at Modison square garden! except a few idiots who still believe abuse is a way of proving their machismo! Glad we caught the idiots on cam. Only way to shame the mob is to show them. Super speech by Modi; not so super behaviour by some bhakts. Guess some things won’t change.

(राजदीप ने उपरोक्त बयान अलग-अलग टुकड़ों में फेसबुक और ट्वीट पर लिखा जिसे कंपाइल करके यहां दिया गया है. राजदीप के साथ हाथापाई किए जाने को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. पढ़े-लिखे लोगों ने इस हरकत की निंदा की है. भाजपा से जुड़े और संघी मानसिकता के लोगों ने राजदीप में ही दोष निकालना शुरू कर दिया है. पढ़िए कुछ ट्टवीटर और फेसबुकी स्टेटस.)

Rajdeep Sardesai : Great crowd at Modison square garden! except a few idiots who still believe abuse is a way of proving their machismo! Glad we caught the idiots on cam. Only way to shame the mob is to show them. Super speech by Modi; not so super behaviour by some bhakts. Guess some things won’t change.

(राजदीप ने उपरोक्त बयान अलग-अलग टुकड़ों में फेसबुक और ट्वीट पर लिखा जिसे कंपाइल करके यहां दिया गया है. राजदीप के साथ हाथापाई किए जाने को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. पढ़े-लिखे लोगों ने इस हरकत की निंदा की है. भाजपा से जुड़े और संघी मानसिकता के लोगों ने राजदीप में ही दोष निकालना शुरू कर दिया है. पढ़िए कुछ ट्टवीटर और फेसबुकी स्टेटस.)

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taslima nasreen : If Sardesai called you ‘asshole’,you could’ve called him ‘dickhead’.Why did you attack him physically?Learnt nothing about freespeech in US?

Qamar Waheed Naqvi : बेहद निन्दनीय घटना है. एक पत्रकार का काम है हर तरह के सवाल पूछना, चाहे वे सवाल आपको अच्छे लगें या नहीं. पत्रकार सवाल पूछने के लिए स्वतंत्र है और आप जवाब देने के लिए. लेकिन क्या पत्रकार के सवाल का जवाब थप्पड़ होता है? यह लोकतंत्र की किस पाठशाला में पढ़ाया जाता है?

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Awadhesh Kumar : मेडिसन स्क्वायर में राजदीप सरदेसाई के साथ बदसलूकी निंदनीय… मेडिसन स्क्वायर के बाहर जिस तरह पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ बदसलूकी हुई वह निंदनीय है। जिन लोगों ने ऐसा किया उनने शायद यह नहीं सोचा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस कार्यक्रम मंें यदि सभ्यता और शालीनतम का पालन नहीं होगा तो दुनिया में भारत के बारे में क्या संदेश जाएगा। मैं यह मानता हूं कि भारत में ऐसे पत्रकार हैं, जिनने गुजरात और नरेन्द्र मोदी को लेकर अतिवादी नजरिया रखा और ऐसी प्रस्तुतियां कीं जिनसे उनके समर्थकों के अंदर आक्रोश है। इस कारण मीडिया के दूसरे लोग भी उनके निशाने पर हो जाते हैं। लेकिन यह वहशी तरीका वह भी विदेश की भूमि पर भारतीयों की ही छवि कलंकित करेगा। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। वैचारिक मतभेद का सामना विचार से करें, एक कवर करने गए पत्रकार ही नहीं किसी के साथ ऐसा व्यवहार हर दृष्टि से अस्वीकार्य है। हालांकि आश्चर्य की बात है कि राजदीप सरदेसाई जिस आज तक चैनल से जुड़े हैं वह केवल वहां से कार्यक्रम लाइव कर रहा है और एबीपी उनके साथ बदसलूकी का दृश्य दिखा रहा है।

Anil Pandey : Delhi Journalists Association ki taraf se mai Rajdeep Sardesai par hamale ki ninda karata hun.

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Satyaprakash Gupta : Indian saffron in America has beaten sober Indian journalist Rajdeep Sardesai who was covering the entire festive mood of South Asian . Is this face of saffron face of American Indian Hindu ? Alas..These people will never invest money in development of India. These people did not support Indigenous people of Bhopal ,who died down in sleep.

Rukmini Sen : When you say there will be only one voice, everyone has to like this one person and hate this other one! When you decide for us that we have to be homogeneous and there is only one way of being you are being a Bigot!!! Don’t touch a journalist BJP and VHP workers! Don’t do it in India and don’t do it in USA. You are doing exactly what Indira Gandhi did during Emergency!! You may have many of your family members in Media right now but everything is transitory! A country goes through many changes in every few years!! DON’T PLAY AROUND WITH FREE SPEECH and DEMOCRACY!!

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Dilnawaz Pasha : ट्विटर पर मेडिसन गॉर्डन से आ रहे अपडेट्स देख रहा हूँ. अमरीका में रह रहे भारतीय उत्सव मना रहे हैं. देखकर अच्छा लग रहा है. लेकिन बीच-बीच में लगातार आ रहा पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ बदसलूकी का वीडियो आँखों में चुभ रहा है!
   
Nadim S. Akhter : जब तेरा घर जल रहा था, मैं हँस रहा था। जब मेरा घर जला, रोना तो दूर, कोई हंसने भी नहीं आया। राजदीप पर हमला पार्टी -पक्ष-विचारधारा से ऊपर की बात है। यह मीडिया पर हमला है। निंदा भर्त्सना से काम नहीं चलेगा, आवाज़ बुलंद करिए। तो राजदीप सरदेसाई “गुंडों” को जनता समझ कर सवाल पूछ रहे थे। यहीं मार खा गए ना!! आस्था होती ही अंधी है। भक्तों से पूछकर देख लो!!

Siddharth Kalhans : राजदीप सरदेसाई पर अमेरिका में हुए हमले, देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों के विरोध में कल दिनांक 29 सितंबर को लखनऊ में हजरतगंज चौराहे पर गांधी प्रतिमा पर धरना आएं और फासीवाद के विरोध में आवाज बुलंद करें। शाम चार बजे।  निवेदक–सिद्धार्थ कलहंस, हसीब सिद्दीकी, जेपी तिवारी, के विश्वदेव राव, आशीष अवस्थी (IFWJ), Vandana Misra, Ram Kishore, (पीयूसीएल), औबैदुल्लाह नासिर, ताहिरा हसन, सुरेश बहादुर जी, रामकिशोर, अब्दुल वहीद भाई Abdul Waheed, लालजी निर्मल, रामकुमार, उत्कर्ष सिन्हा। गांधी प्रतिमा, जीपीओ, हजरतगंज, लखनऊ। सोमवार, 29 सितंबर, शाम चार बजे।
   
Rana Yashwant : न्यूयार्क में राजदीप के साथ हाथापाई- साफगोई औऱ साहस से सवाल पूछने के पत्रकार के बुनियादी अधिकार पर हमला है । शर्मनाक है। अपने नेता के खिलाफ सवाल ना सुनने की ऐसी मानसिकता ज़हरीली और संक्रामक है । मीडिया के लिये यह एक खतरनाक संकेत है।

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Mohammad Anas : यदि रत्ती भर भी ज़मीर बाक़ी रह गया है तो मोदी की कवरेज़ बंद कर देनी चाहिए। जिसके समर्थक गुंडें हो उसका नेता कैसा होगा। Shame on you Mr. Modi. कभी सुना था किसी ने की मनमोहन सिंह के समर्थकों ने मीडिया या आम जनता से बदसलूकी की हो। विज्ञान भवन में एक दाढ़ी टोपी टाइप एनजीओ वाले ने क्या कुछ नहीं कहा था उन्हें। कोई समर्थक उठा था क्या हाथ छोड़ने के लिए? फासीवादियों ,तुम्हे सिर्फ डंडे पड़ने चाहिए, चप्पल नहीं।

Navin Kumar : पहली खबर- विवेकानंद की परंपरा निभाने गए नरेंद्र मोदी के समर्थकों ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई को न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर पर धुना. दूसरी ख़बर- दो पराये चैनलों (न्यूज24 और एबीपी) को छोड़कर सारे चैनलों पर मोदी की शान में प्रायोजित नाच-गाने के प्रसारण का सिलसिला जारी है। तीसरी खबर – मोदी के सारे भक्त पत्रकार प्रसन्न हैं।

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Sanjay Sharma : राजदीप सरदेसाई देश के जाने माने पत्रकार है . उन पर अमेरिका में उस समय हमला हुआ जब हमारे प्रधानमंत्री अमेरिका में मौजूद है . उन्हें इस घटना की तीखी निंदा करना चाहिए.

Vikram Singh Chauhan : न्यूयार्क में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ नरेंद्र मोदी के भाड़े के टट्टुओं द्वारा मारपीट की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। अमेरिका में मैं इस घटना के बाद मोदी और उनके समर्थको को हजार लानते भेजता हूँ। कुछ लानते उन पत्रकारों और मीडिया हाउस के लिए भी जो अपने बिरादरी के वरिष्ठ सहयोगी के साथ इस हुए इस मारपीट को दबाकर वहां सिर्फ मोदी -मोदी कर रहे हैं। मोदी अपने गुंडों से वहां भी वहीँ काम करवा रहा हैं जो भारत में करवाता रहा हैं? जो व्यक्ति देश में कभी मीडिया को निष्पक्ष देखने की कल्पना भी करते हैं वे अभी सभी न्यूज़ चैनल खोल ले! नपुंसकों मुझे ख़ुशी हैं मैं तुम्हारी भीड़ का हिस्सा नहीं हूँ! अत्यंत शर्मनाक

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Shubham Pandey : A senior Journalist has been slapped. Have some guts, people. The Madision Garden broadcast should have been stopped by now. What a shame!
   
Utkarsh Sinha : राजदीप सरदेसाई की पिटाई उद्घोषणा है , जो सहमत नहीं होंगे मारे जायेंगे …
   
पंकज कुमार झा : हर उस आदमी को राजदीप सरदेसाई से खुन्नस होना चाहिए जो भारत के साथ है. लोगों को याद होगा वो घटना जिसमें तमाम पेशेवर उसूलों को धत्ता बताते हुए राजदीप ने सांसद खरीदने की खबर को रातों-रात बेच कर भाजपा के पीठ में छूरा घोपा था. कोई निंदा नहीं सरदेसाई के साथ हुए व्यवहार की. वो इसी के काबिल हैं.

Padampati Sharma : पत्रकार राजदीप सरदेसाई की थोड़ी देर पहले मैडिसन स्क्वायर मे पिटाई हुई है….कारणो का पता नहीं …यह दुखद तो है पर यह भी वास्तविकता है कि हमारे मित्र राजदीप तथाकथित प्रगतिशील पत्रकारिता की सड़ी लाश ढोने वाले चुनिंदा झंडाबरदारों मे एक है….अभी हमारी सहयोगी – मित्र एंकर शशि शर्मा से जानकारी मिली कि राजदीप वहां लोगों से पूछ रहे थे कि यहां आने के लिये भाजपा ने कितने पैसे दिये है…गोया वह यह समझ रहे थे कि भारत मे कोई राजनीतिक रैली हो रही है…हिंसा खराब है मगर पिटाई को अति आक्रोश की स्वत: स्फूर्त प्रतिक्रिया समझा जा सकता है.

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Mita Zulca : BJP supporters assaulting Rajdeep Sardesai outside Madison Square Garden is despicable and should be condemned by all. Typical.

Vineet Kumar : जब आप असहमति बर्दास्त नहीं कर सकते तो सडक, नदी साफ़ करके भी जनतंत्र को और गंदला ही करेंगे..जनतंत्र की जड़ें श्रद्धा और भक्ति से नहीं, असहमति और सबकी सुनने-कहने देने की स्पेस से मज़बूत होती है.. जिन लम्पटों को देश के एक राष्ट्रीय चैनल के मीडियाकर्मी राजदीप सरदेसाई को पीटने की हद तक जाने में संकोच नहीं होता, वो देश के लिये क्या सोचता है और कर सकता है, ये इस वीडियो देखकर आप खुद समझ सकते हैं..
कॉर्पोरेट मीडिया से जुड़े राजदीप जैसों के साथ जब ये हो सकता है तो एक मामूली,स्वतंत्र मीडियाकर्मी के साथ क्या हो सकता है, सोचकर ही सिहरन होती है..

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Amit Bhaskar : राजदीप जी के हिम्मत की दाद देता हूँ कि भाजपाई संस्कारपूर्ण कुकुरों के बीच रह के भी रिपोर्टिंग की, जिन्होंने उन पर हमला तक कर दिया। ऐसे दोगले चरित्रहीन और नकारा लोग भाजपा या मोदी समर्थक ही हो सकते हैं। मीडिया को भी समझना चाहिए कि उनके आका उन्हें अपने पैरों के जूते की नोक क्यों मानने लगे हैं? शर्म आनी चाहिए और मोदी साहब को माफी मांगनी चहिए अपने बेलगाम सनकी और बेवकूफ समर्थकों के लिए।

Vineet Kumar : जब आप असहमति बर्दास्त नहीं कर सकते तो सडक, नदी साफ़ करके भी जनतंत्र को और गंदला ही करेंगे..जनतंत्र की जड़ें श्रद्धा और भक्ति से नहीं, असहमति और सबकी सुनने-कहने देने की स्पेस से मज़बूत होती है.. जिन लम्पटों को देश के एक राष्ट्रीय चैनल के मीडियाकर्मी राजदीप सरदेसाई को पीटने की हद तक जाने में संकोच नहीं होता, वो देश के लिये क्या सोचता है और कर सकता है, ये इस वीडियो देखकर आप खुद समझ सकते हैं..
कॉर्पोरेट मीडिया से जुड़े राजदीप जैसों के साथ जब ये हो सकता है तो एक मामूली,स्वतंत्र मीडियाकर्मी के साथ क्या हो सकता है, सोचकर ही सिहरन होती है..

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Amit Bhaskar : राजदीप जी के हिम्मत की दाद देता हूँ कि भाजपाई संस्कारपूर्ण कुकुरों के बीच रह के भी रिपोर्टिंग की, जिन्होंने उन पर हमला तक कर दिया। ऐसे दोगले चरित्रहीन और नकारा लोग भाजपा या मोदी समर्थक ही हो सकते हैं। मीडिया को भी समझना चाहिए कि उनके आका उन्हें अपने पैरों के जूते की नोक क्यों मानने लगे हैं? शर्म आनी चाहिए और मोदी साहब को माफी मांगनी चहिए अपने बेलगाम सनकी और बेवकूफ समर्थकों के लिए।

आशीष सागर : एक भाजपा समर्थक पत्रकार शिवानन्द द्विवेदी सहर लिखता है- ”उफ़, अमेरिका में पत्रकार राजदीप सरदेसाई को भीड़ ने पीट दिया। ऐसा बिलकुल नही होना चाहिए, निंदनीय। भले ही कोई पिटने योग्य क्यों न हो लेकिन शान्ति एवं अहिंसा का तकाजा यही है कि उसे भी न पीटा जाय। यह एक निंदनीय कृत्य।”  पर क्या ये एक ज़िम्मेदार कलम के सिपाही के बोल हैं? माना कि राजदीप सरदेसाई ने कभी आईबीएन7 और सीएनएन में कुछ हद तक चाटुकारिता की होगी. ऐसा हर न्यूज़ चैनल का वो पत्रकार करता है जो पद और प्रभाव के चंगुल में है.  लेकिन राजदीप देश के लगभग सभी बड़े समाचार पत्र में लिखते है. गंभीरता से लिखते है. ध्यान रहे अगर पत्रकारों में भी एकता नही रही तो अकले राजदीप ही नही कभी न कभी आप भी मारे जाओगे. मतभेद अच्छे है मगर मनभेद नहीं. एकजुट रहें.

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मूल खबर…

न्यूयार्क में राजदीप सरदेसाई को सरेआम थप्पड़ मारा, मीडिया जगत स्तब्ध

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0 Comments

  1. rocky

    September 29, 2014 at 2:15 am

    जब मीडिया भांड़ हो जाये तो एेसा करना उचित है।

  2. rocky

    September 29, 2014 at 2:21 am

    मत करो दलाली मेरे भाई वरना बन जाओगे राजदीप सरदेसाई|

  3. pracheesh

    September 29, 2014 at 3:50 am

    Sardesai is more a pimp of congress. all disgraced journalists are now joining Tv Today group. kismat achi hai ke bach gaya par dalali kar ke kab tak khaye ga

  4. arun srivastava

    September 29, 2014 at 4:04 am

    यह भाजपाईयों, संघियों, बजरंगियों का असली चेहरा है,,,,देसाई जी अपना पत्रकारिता धर्म निभा रहे थे,,,,, अरे लंठ गुजरातियों (वहां पर ८० % गुजराती ही थे जिसे मोदी के तलुवे चाटने वाले पत्रकार भारतवंशी बतातें हैं) क्या मेडिसिन स्क्वायर गार्डेन में भी केवल उन्ही पत्रकारों के लिए जगह है जो परम आदरणीय प्रातःस्मरणीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी की महिमा का गुड़गान करें, सभी तो कर रहे हैं एक ने सच्चाई पूछ ली तो पायजामे से बाहर हो गए,,, गलती त्यौहारी नहीं है यही तुमहारा असली चेहरा है….. रैलियों में, बड़ी-बड़ी मीटिंगों में और बड़े-बड़े जुलूसों में क्या भाड़े के लोग नहीं आते हैं…..सब पार्टी मेंबर और समर्थक ही होते हैं ??? क्या चाहते हो पूरा देशी-विदेशी मीडिया मोदी जी के चरणो में लोट जाय ??????

  5. arun srivastava

    September 29, 2014 at 4:07 am

    यह भाजपाईयों, संघियों, बजरंगियों का असली चेहरा है,,,,देसाई जी अपना पत्रकारिता धर्म निभा रहे थे,,,,, अरे लंठ गुजरातियों (वहां पर ८० % गुजराती ही थे जिसे मोदी के तलुवे चाटने वाले पत्रकार भारतवंशी बतातें हैं) क्या मेडिसिन स्क्वायर गार्डेन में भी केवल उन्ही पत्रकारों के लिए जगह है जो परम आदरणीय प्रातःस्मरणीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी की महिमा का गुड़गान करें, सभी तो कर रहे हैं एक ने सच्चाई पूछ ली तो पायजामे से बाहर हो गए,,, गलती त्यौहारी नहीं है यही तुमहारा असली चेहरा है….. रैलियों में, बड़ी-बड़ी मीटिंगों में और बड़े-बड़े जुलूसों में क्या भाड़े के लोग नहीं आते हैं…..सब पार्टी मेंबर और समर्थक ही होते हैं ??? क्या चाहते हो पूरा देशी-विदेशी मीडिया मोदी जी के चरणो में लोट जाय ??????

  6. पूर्णाराम चौधरी

    August 19, 2015 at 6:18 am

    [quote name=”rocky”]जब मीडिया भांड़ हो जाये तो एेसा करना उचित है।[/quote]
    [quote name=”rocky”]जब मीडिया भांड़ हो जाये तो एेसा करना उचित है।[/quote]
    लाइसेंस या कोई मान्यता रद करदेनी चाहिए
    🙂

  7. Arif M

    September 29, 2014 at 5:46 am

    When you will learn mature behaviour Mohammad Anas , grow up man else you will also get slapped like Rajdeep.Your are daily getting abuses gaali on phone watsapp facebook but still you will talk cheap level things against kashmir , PM , Sikh and hindu community and get kicked and calling yourself Allahabadi Sher.Fake communist you are shame for Allahabad communists and Muslims

  8. Arif M

    September 29, 2014 at 5:55 am

    Mohammad Anas due to your same childish and immature behaviour you are still jobless despite you call yourself Journalist but tell me where are you working , just travelling between delhi and allahabad on your parents money and staying in hostels of JNU or Du like a parasite .If you want to be a successful man you have to change your thinking and start behaving like Educated and matured man

  9. Rahul Yadav

    September 29, 2014 at 7:41 am

    This Pimp Journalist attacked the NRI first & claims to be the Victim, it can happen in India but not in US. Truth is out. Us mein Dalal ko dalal hee kehte hain Patrakar nahin

  10. पी.के. अरविंद

    October 1, 2014 at 5:16 pm

    सेकुलरिया पत्रकार राजदीप सरदेसाई के रागद्वेष को ‘थप्पड़ोपनिषद’ का ज्ञान जरूरी था।

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