लखनऊ। भ्रष्ट आबकारी अफसरों के संरक्षण में राजधानी में जगह बदल बदल कर बनाई जा रही अवैध तरीके से शराब। लखनऊ के चिनहट थाने इलाके में लगभग 75 लाख की अवैध शराब बरामद।
डीसीपी चारु निगम के नेतृत्व में चिनहट एसएचओ धनन्जय पांडेय और उनकी टीम ने किया अवैध फैक्टरी का भांडा फोड़।
बता दे लंबे समय से राजधानी में अवैध तरीके से चल रही थी फैक्टरी।
सौरभ मिश्रा, अनूप जयसवाल नाम के दो अभियुक्त हुए गिफ्तार।
अभी कई लोगो की तलाश में पुलिस की खोजबीन जारी है।
न केवल अवैध तरीके से बन रही थी शराब बल्कि रजिस्टर कंपनी का नाम किया जा रहा था इस्तेमाल।
रॉयल चैलेंजर्स , विंडीज नाम की रजिस्टर देशी शराब का नाम कर रहे थे इस्तेमाल।
अवैध तरीके से चल रही देशी शराब की फैक्ट्री का मुख्य आरोपी आदित्य कुमार फिलहाल फरार।
अवैध तरीके से चल रही फैक्ट्री में सौरभ मिश्रा, अनुज जयसवाल, आदित्य कुमार, गुलशन, उर्फ गुलू , अभिषेक, सिंह उर्फ रिंकू सिंह, परेस, विकास, आशुतोष, बबलू ,अंकित, अमित थे शामिल।
फिलहाल दो अभियुक्त की अभी हुई है गिरफ्तारी बाकी फरार है।
राजधानी के देशी शराब के ठेके पर होती थी शराब की सप्लाई।
फैक्ट्री को चला रहे 10 अपराधियों मे दो की हुई गिरफ्तारी। 8 फरार।
इस पूरे घटनाक्रम पर राजधानी के एक पत्रकार की टिप्पणी पढें-
भूसरेड्डी जी सो रहे थे क्या? पी गुरुप्रसाद जी के ऑफिस रूम में नए ऐसी 2-2 टन के कहाँ से लग रहे हैं। ईमानदार कहे जाने वाले रेड्डी जी से नहीं डरते भ्रष्ट आबकारी अफसर। राजधानी में बड़े अफसरों की नाक के नीचे चल रही थी फैक्ट्री। भूसरेड्डी जी ने लखनऊ में 7 सेक्टर की जगह पर गलत तरीके से 15 सेक्टर बना दिये। फिर भी नही रोक पाए अवैध शराब फैक्ट्री। एक आबकारी अफसर 5-5 लाख लेता है इंस्पेक्टर की पोस्टिंग का। इसीलिए सेक्टर कटे ।ज्यादा सेक्टर ज्यादा इंस्पेक्टर ज्यादा वसूली। तेज तर्रार इंस्पेक्टर की सस्पेंशन आम बात है। योगी जी तक बात न पहुंचे इसलिए कल से अवैध फैक्ट्री वाली खबर दबाई जा रही थी। आबकारी का ये नियम है कि इस प्रकार की अवैध फैक्ट्री जब केवल पुलिस ही पकड़े तो सख्त विभागीय कार्यवाही होती है। देखना है क्या एक्शन होता है।