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उत्तराखंड

दिल्ली को गरियाने वाले राजीव नयन बहुगुणा जब राजधानी आए यशवंत से मिलने तो लिफ्ट में फंस गए, पढ़िए एक अर्धसत्य!

Yashwant Singh : वे दिल्ली को जब तब गाली देते रहते हैं। कंक्रीट, पोल्यूशन, असभ्यता, संवेदनहीनता, व्यभिचार, लूट, शोषण, बर्बरता आदि के आरोप फेसबुक पर लिख लिख के दिल्ली और दिल्ली वालों को निकृष्टतम साबित करते रहते हैं।

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नकचढ़ी दिल्ली ने उनकी बात को दिल पर ले लिया। वे जब पूरा देश घूम के आखिर में दिल्ली आए तो इस शासकों वाले शहर ने उन्हें सबक सिखाने की ठानी। हुक्म तामील हो चुका था। गुप्तचरों ने दरो-दीवाल तक के कान में इस नाफ़रमान शख्स के खिलाफ जारी राजाज्ञा फुसफुसा दिया था।

ऐसे में वो ज्यों आए और अपनी मिट्टी से उखड़ कर दिल्ली के गमलों में रोपे गए निर्वासित मित्रों द्वारा आयोजित स्वागत महफ़िल में शामिल होने के लिए दल बल के साथ कूच किए, सत्ताधीशों ने रिमोट दबा दिया। लिफ्ट 13वीं 14वीं मंज़िल के बीच यस मैन बनकर खड़ी हो गई।

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विद्रोही कब्ज़े में आ चुके थे। उन्हें लिफ्ट समेत दीवारों में चुनवाया जाना था। लेकिन पहाड़ की इस पवित्र विद्रोही आत्मा ने झोले में रखी बासुरी निकाली और होठों से कुछ मंत्र फूंके। आवाज़ ने प्रकाश की स्पीड धारण कर सीमा पर वेश बदल भेड़ चराते जनता के सिपाहियों को संदेश गुनगुनाया। फौरन एक दल ने कूच किया, सेक्युरिटी गार्ड्स का रूप धर।

बागी सिपाही आ चुके थे। इनने लिफ्ट को निर्वस्त्र किया। पूरी रात अपनी सुरक्षा में महफ़िल कराई और सुरा पान मिश्रित संगीत को निर्बाध चलने की गारंटी की। सुबह सारा विद्रोही जत्था घेरा बनाकर अपने देवता को सकुशल पहाड़ों की ओर लेकर उड़ चला। जाते जाते धमका गए- जल्द ही अपने लाखों आदमी भेजेंगे, ए दिल्ली तेरी छाती पर मूंग दलने के वास्ते!

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वे Rajiv Nayan Bahuguna हैं। इन्हीं की उसी धमकी के बाद कल इत्ते सारे किसान दुर्दांत दिल्ली के सीने पर हिक भर मच मच किए थे।

देवता कहते हैं, ये तो अभी कुछ न था। दिल्ली एक दिन अपने पापों से नष्ट होगी, ये एक शफ़्फ़ाफ़ दिल को दुखाने की बददुआ है!

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तस्वीरें गवाह हैं, दिल्ली दरबार रचित-कृत छल से राजीव जी के सकुशल बच निकलने की!

(ये वृत्तांत एक सच्ची घटना पर आधारित है. साक्षी अपन खुद भी रहे हैं. तस्वीरें मैंने खुद अपने मोबाइल से ली हैं. पवित्र आत्माओं का साथ हमेशा आपको उदात्त करता है, मुश्किलों से बचाता है, चमत्कृत करता है. इसलिए दिल्लीवाला नहीं, दिलवाला बनिए.)

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ये है तत्कालीन घटनाक्रम पर राजीव नयन बहुगुणा जी का फेसबुकी स्टेटस….

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

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