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इनपुट डेस्क देख रहे राजकुमार को डाक्टरों ने बेड रेस्ट बताया तो ग्रामीण पत्रकारों ने खुशी का इजहार किया!

दैनिक जागरण मेरठ में इनपुट डेस्क देख रहे राजकुमार शर्मा उर्फ हिटलर की डिस्क फिसली. चिकित्सकों ने उन्हें कई माह का बैड रैस्ट बताया. कभी दैनिक जागरण मेरठ में ग्रामीण क्षेत्र के डेस्क प्रभारी रहे राजकुमार शर्मा कई ग्रामीण पत्रकारों का मानसिक शोषण करने के लिए कुख्यात है. इसी कारण ग्रामीण पत्रकारों ने उसका नाम हिटलर रख दिया. जब उसने अपनी हिटलरशाही हस्तिनापुर के एक पूर्व पत्रकार को दिखानी चाही तो पत्रकार ने ऐसा जवाब दिया सारी हिटलरशाही धरी रह गयी और हिटलरशाही का नशा काफूर हो गया.

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दैनिक जागरण मेरठ में इनपुट डेस्क देख रहे राजकुमार शर्मा उर्फ हिटलर की डिस्क फिसली. चिकित्सकों ने उन्हें कई माह का बैड रैस्ट बताया. कभी दैनिक जागरण मेरठ में ग्रामीण क्षेत्र के डेस्क प्रभारी रहे राजकुमार शर्मा कई ग्रामीण पत्रकारों का मानसिक शोषण करने के लिए कुख्यात है. इसी कारण ग्रामीण पत्रकारों ने उसका नाम हिटलर रख दिया. जब उसने अपनी हिटलरशाही हस्तिनापुर के एक पूर्व पत्रकार को दिखानी चाही तो पत्रकार ने ऐसा जवाब दिया सारी हिटलरशाही धरी रह गयी और हिटलरशाही का नशा काफूर हो गया.

ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों से अच्छे सम्बन्ध नहीं होने के चलते उन्हें जागरण प्रबन्ध तंत्र ने इनपुट डेस्क की जिम्मेदारी दे रखी है. पता चला है कि राजकुमार शर्मा की कमर की डिस्क फिसल जाने से चिकित्सकों ने उन्हें कई माह का बैड रैस्ट बता दिया है. जैसे ही यह सूचना ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को मिली तो उन्होंने संवेदना जाहिर करने के बजाय मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया. आखिर इस हिटलर को भी उपर वाले ने देर से ही सही, लेकिन सजा दी.

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लेखक संदीप नागर मेरठ स्थित मवाना कस्बे के बेबाक पत्रकार हैं.

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0 Comments

  1. mini

    April 16, 2015 at 5:15 am

    इसको कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं… यह सब उन अधिकारिओ को भी समझ लेना चाहिए कि अगर उनको कोई उँचा पद मिला है तो अपने से नीचे वालो को भी इंसान समझना चाहिए. नहीं तो बुरे कर्मो की सजा इसी जीवन मैं भुगतनी पड़ती है.

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