मुंबई की पत्रकार राणा अय्यूब पर गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। राणा अय्यूब पर आरोप है कि उन्होंने संस्था बनाकर चैरिटी के नाम पर मिले चंदे में ठगी की।
ग़ाज़ियाबाद में राणा अय्यूब पर ये दूसरा मुक़दमा है। ज्ञात हो कि लोनी बॉर्डर थाने में भी एक ट्वीट को लेकर उन पर पहले से ही मुकदमा दर्ज है। वे थाने में बयान दर्ज कराने भी आ चुकी हैं।
अबकी एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से ठगी का आरोप है। एफआईआर में मनी लांड्रिंग शब्द का भी ज़िक्र है।
जनहित के लिए चंदा इकट्टा करने वाले प्लेटफॉर्म Ketto ने राणा अय्यूब द्वारा चलाए गए चंदा एकत्र करने के कैंपेन एवं उस चंदे के उपयोग के संबंध में कुछ बड़े खुलासे किए हैं। कीटो ने बताया है कि राणा अय्यूब ने बिना वैधानिक अनुमति के विदेशियों तक से चंदा स्वीकार किया, किन्तु अभी तक इस फंड का इस्तेमाल नहीं किया है। अब इस मामले की जांच भी सरकारी एजेंसियों ने शुरु कर दी है।
Ketto पर राणा अय्यूब ने तीन कैंपेन चलाए हैं। राणा अय्यूब के अभियानों में पहला झुग्गीवासियों एवं किसानों के लिए, दूसरा बिहार, असम एवं महाराष्ट्र की बाढ़ मे प्रभावित हुए लोगों के राहत और बचाव के लिए, एवं तीसरा कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद के लिए था।
कीटो अपने उन यूजर्स को ई-मेल कर रहा है, जिन्होंने राणा अय्यूब के कैपेंन में पैसा दिया था। कीटो ने बताया है कि ईडी के मुताबिक राणा अय्यूब द्वारा जुटाए गए चंदे का उपयोग भारतीय कानूनों के उल्लंघन का प्रतीक है।
राणा अय्यूब ने पहले तो अपने कीटो कैंपेन को ही बीच में रोक दिया, एवं ये भी कहा था, कि वो विदेशियों द्वारा दिया गया पैसा वापस कर देंगी। लेकिन अभी तक उन्होंने विदेशी दानकर्ताओं का पैसा वापस नहीं किया है। ये पैसा उस प्लेटफॉर्म में ही पड़ा है। ऐसे में अब ईडी इस मामले की सीधी जांच कर कर रही है। कीटो इस जांच में ईडी के संपर्क में भी है।
इंदिरापुरम के थानाध्यक्ष संजय पांडे का कहना है कि मामले में सभी पहलुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है। वादी की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अन्य नाम सामने आने की आशंका जताई जा रही है। अगर अन्य नाम सामने आते हैं तो जल्द उन व्यक्तियों पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।