रवि प्रकाश-
फेफड़ों के अंतिम स्टेज अर्थात चौथे स्टेज के कैंसर के कारण जब मुझे यह पता चला कि अब मेरी ज़िंदगी की निर्भरता उस अंकगणित पर है, जिसका आँकलन डॉक्टरों ने मुझ जैसे लाखों मरीज़ों को देखने के बाद किया है, तो मैंने क्या किया? जानिए इस वीडियो में।
अगर आपके पास सात मिनटों का वक्त है, तो आप इसे देख सकते हैं। कैंसर के दूसरे मरीज़ों या उनके परिजनों को भी दिखा सकते हैं।
लिंक दे रहा हूँ। कर्टसी : LungConnect
कैंसर का मरीज़ होने बाद मेरे लिए संवाद के नए दरवाज़े भी खुले हैं। लंग कैंसर के अंतिम स्टेज में ज़िंदगी जीना एक अलग अनुभव है। यह आसान नहीं, तो बहुत कठिन भी नहीं है। तो, क्यों न अपने इस अनुभव को दूसरों से साझा भी करें। सो, कल 24 जून की शाम 4 बजे से LUNG Connect और इसके 24 घंटे बाद 25 जून की शाम 4 बजे मैं PatientsEngage के प्लेटफ़ॉर्म पर वर्चुअली मौजूद रहूँगा। लंग कनेक्ट की शुरुआत मुंबई के चर्चित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (TMH) में मेडिकल ओंकोलॉजी के प्रोफ़ेसर और विभागाध्यक्ष डॉ कुमार प्रभाष ने की थी। वे देश के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ हैं। मेरा इलाज वे और उनकी ही टीम के डॉक्टर करते हैं। पेशेंट इंगेज की संचालक सिंगापुर में बस चुकीं अपर्णा मित्तल हैं। ये दोनों प्रतिष्ठित प्लेटफ़ॉर्म हैं, जहाँ लोग वर्चुअली जुड़ कर बीमारियों पर गपशप करते हैं। अगर आपके पास कल और परसों शाम कुछ वक्त है, तो हमसे जुड़ें। कुछ नयी बातें जानने-समझने का मौक़ा मिलेगा।
LivingWithLungCancerStage4