Amresh Rai : अभी रवीश के साथ राहुल गांधी का एक इंटरव्यू देख रहा था। अक्सर लोग रवीश पर कांग्रेसी पत्रकार होने का आरोप लगाते हैं। वही लोग रवीश पर आरजेडी और तमाम विपक्षी दलों का पत्रकार होने का आरोप लगाते हैं। रवीश ने राहुल से ऐसे कौन से सवाल थे जो नहीं पूछे? क्या रवीश ने नहीं पूछा कि आप करप्शन की बात करते हो और वे कहते हैं कि आप ज़मानत पर हो? क्या Ravish Kumar ने नहीं पूछा कि अल्पसंख्यकों को छोड़कर कांग्रेस आगे बढ़ रही है क्या? क्या रवीश ने नहीं पूछा कि सोहराबुद्दीन और जस्टिस लोया के मामले की जाँच होगी या नहीं? क्या राहुल पहले टीवी पर आने से डरते थे? कौन से सवाल जो नहीं पूछे?
अब राहुल पर आता हूँ। मुझे एक ऐसे नेता का नाम बता दीजिए जो बीच चुनाव में मायावती को देश की राजनीति का एक सिम्बल बताता हो। मुझे एक नेता का नाम बता दीजिए जो अपने सबसे बड़े विरोधी नेता के बारे में बीच चुनाव यह कह सकता हो कि उनकी कम्यूनिकेशन स्किल का कोई जोड़ नहीं हो। इस ख़तरे के बावजूद कि उस नेता की आईटी सेल अगले ही पल राहुल के उस बयान का हिस्सा लेकर उड़ने वाली है और देश के हर मोबाइल में जाना वाला है कि राहुल ने मोदी से हार मानी।
23 मई को नतीजे चाहे जो आएँगे, 2014 में चुनाव हारे हुए राहुल गांधी अब मुझे जीते नज़र आते हैं। और रवीश पर तो क्या ही कहूँ, वो जानेमन पत्रकार हैं।
देखें इंटरव्यू-
Vir Vinod chhabra : आज राहुल गांधी ने एनडीटीवी के रवीश कुमार को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब मीडिया उनका पप्पू कह कर मज़ाक उड़ाता था उन्हें मज़ा आता था। उन्होंने नरेंद्र मोदी जी की कम्युनिकेशन स्किल की तारीफ़ की। मायावती जी को सिंबल कहा। चौरासी के दंगों भयंकर ट्रेजडी बताया। राफ़ेल, जीएसटी, नोटबंदी, रोज़गार पर बहस के लिए फिर ललकारा। कहा, सबसे कुछ न कुछ सीखता हूँ। रवीश से भी सीखता हूँ। रवीश हंस पड़े। लोहालाट नहीं हुए।
और भी बहुत कुछ कहा। राहुल ने बड़ी बेबाकी, सहजता और साफ़गोई से रवीश के हर सवाल का जवाब दिया। इस इंटरव्यू से एक बार फिर से साफ़ हो गया कि राहुल में भी बड़े नेता बनने की पूरी पूरी क़ाबलियत है। हमें तो विश्वास है। अब इसे कोई अंधभक्ति कहे तो कहता रहे। जो ऐसा कहते हैं वो भी तो किसी के अंधभक्त हैं। हमने कोई गुनाह तो किया नहीं। और न किसी को हम ज़बरदस्ती कहलवाने जा रहे हैं कि राहुल गांधी के नाम का जै कारा लगाओ।
Awesh Tiwari : मोदी और भक्त पत्रकारों की लोकप्रियता कैसे घट रही है, उसे जानने के लिए बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है। मैं आपको इसका गणितीय प्रमाण दे रहा हूँ। तीन स्क्रीन शॉट लगा रहा हूँ। इनमें एक में सुधीर चौधरी मोदी जी का इंटरव्यू ले रहा है जो लगभग 36 घण्टे पुराना है। श्वेता सिंह का इंटरव्यू जो बनारस में लिया गया, वह एक सप्ताह पुराना है। इन दोनों इंटरव्यू को जोड़ भी दें तो भी एक लाख दर्शकों ने इसे यू ट्यूब पर नहीं देखा है। जबकि राहुल गांधी का रवीश द्वारा लिया गया इंटरव्यू केवल तीन घण्टे में एक लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया है। कैसे आओगे…?
Rohit Sharma : आज से दस साल पहले कभी नहीं सोचा था कि कभी राहुल गांधी का इंटरव्यू भी यू ट्यूब पर जाकर देखूंगा। ये दिन दिखाने के लिए बीजेपी को धन्यवाद। राहुल में हर दिन बढ़ता थोड़ा थोड़ा आत्मविश्वास इस देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा सूचक है। मुझे नहीं पता राहुल गांधी हारें या जीते लेकिन अगर वो अच्छा मुखर विपक्ष भी बन पाए तो देश के लिए अच्छा संकेत है। रवीश कुमार ने हर वो सवाल पूछा जो किसी भी नेता को असहज कर सकता है लेकिन राहुल ने हर सवाल का जवाब बेबाकी से दिया। मुझे पूरे इंटरव्यू का सबसे अच्छा भाग कांग्रेस सरकार की उस नाकामी को सहज रूप से स्वीकारना लगा जिसमे वो मनमोहन मॉडल के २०१२ में फेल हो बात करते है। कुल मिला कर अभी तक के उनके सबसे अच्छे इंटरव्यू में से एक इंटरव्यू आज एनडीटीवी ने किया वो बधाई की पात्र है।
Shiveshwar kumar
May 11, 2019 at 8:40 pm
ये इन्टरबीयू है
इन मे प्रश्न ये होना चाहिए
(1)आप चौकीदार चोर है कह रहे है तो आप कयू पे रोल पे प्रचार कर रहे है
(2)आप की पार्टी इतना साल से भारत पे कब्ज़ा किया है उस मे भारत को क्या क्या मिला
(3)मेरा भारत ही नही सुरक्षित रहेगा तो मैं इस देश मे कैसे सुरक्षित रहूंगा
कयू की इनके सरकार में ही मेरे देश के जवान का निर्म तरीके से हत्या हुआ था उस समय सरकार क्या कर रही थी
इस तीन सवाल का जबाब तो पहले जनता को बताना चाहिए
शशि भूषण प्रसाद
May 12, 2019 at 10:22 am
धकिआये हुए आत्ममुग्धता के शिकार कथित पत्रकारों का गिरोह है भड़ास।
Loon karan Chhajer
May 12, 2019 at 11:26 am
शानदार इंटरव्यू। मैंने लाइव देखा। रवीश ने पूरा घेरने कोशिश की । रविश जितने कठिन सवाल करते राहुल उतनी ही सरलता से ज्यादा सहजता से उतर देते। जब रवीश को कहा कि आप मुस्कराहट तो दो तब लगा राहुल दिल से कितने सरल हैं।साक्षात्कार में घृणित शब्द नहीं थे। भारत में लोकतंत्र का भविष्य सुनहरा होगा
देवीलाल शीशोदिया
May 12, 2019 at 12:11 pm
12मई से 26मई बीच कोई भी व्यक्ति देश छोड़कर भाग नहीं जा सकता है चाहे कितने पासपोर्ट बनवा लिए हों।
Ravi Sharma
May 12, 2019 at 12:53 pm
New sensation.. Lol…
Patalkars are loving Ravish’s substandard interview.
I am amazed with the Writers comment that Rahul is getting matured with each coming day..
Means even after spending 10 years in parliament Rahul is not yet Matured!!!
It’s good.
He may mature after 40 to 50 years, as every body gets matured when he/she has to say good bye to this earth.
Sunil Datt
May 13, 2019 at 1:20 am
वो ज्यादा लोगो ने केवल मनोरंजन के लिए देखा।
umesh shukla
May 13, 2019 at 2:38 pm
National herald ki sampatti ke durupyog par Ravish Kumar ne koi sawal nahi poocha. arbon rupaye kirayedari ke roop men vasoolane ke baad us dhan ka kya kiya congress ne nahi poocha.