एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को धमकाया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह लिखते हैं – ”रवीश “रवीश” होने के नाते देसी हिन्दू उग्रवाद के निशाने पर हैं । अब तो बाक़ायदा ए के ४७ लगाकर उनको धमकाने के यत्न हो रहे हैं । हम असहमति के मुक़ाबले में हिंसा पेश करने के दौर दौरे की ओर हैं जैसा पाकिस्तान और बांग्लादेश में पहले से ही चल रहा है !”
रवीश कुमार ने अपने एफबी वाल पर लिखा है – ”मुझे देवी और माँ की तरह पूजी जाने वाली भारतीय महिलाओं के नाम से भारतीय संस्कृति वाली गालियाँ देने वालों में से एक की ये तस्वीर देखिये । आख़िर जब बंदूक है ही तो अच्छा भला चेहरा किससे छिपा रहा है । वैसे कोई भी पुलिस वाला यह बताता देगा कि बंदूक देखकर ही हम पकड़ते हैं न कि चेहरा ढंका देख छोड देते हैं । खैर नक़ली हो या असली मगर ये प्रोफ़ाइल तो सजीव है ही इसलिए सोचा कि आपका इनसे परिचय करवा दूँ । ये किस संविधान धर्म और मानवता का पालन कर रहे हैं इनकी प्रोफ़ाइल पर जाकर देखें । जय श्री राम या हिन्दुत्व कहने के लिए एक के 47 की क्यों जरूरत है । चेहरा छिपाकर जयश्रीराम क्यों कहना । वैसे ए के 47 का संबंध तो आतंकवाद से ही हो गया है क्या बंदूक इनके हाथ में आकर राष्ट्रवादी हो गई है ।
” जो लोग चुप हैं वो रहें । मुझे भारतीय और राष्ट्रीय संस्कृति वाली गाली दें ये कोई बड़ा मसला नहीं है लेकिन एक प्रतिभाशाली युवक को हिंसक राह से तो बचाया ही जा सकता है । इसे इतना तो बता दीजिये कि चेहरे से कपड़ा हटाकर बंदूक पर डाल दो !”
एफबी वाल से
lalit
August 3, 2015 at 5:29 am
i respect u sir.
Manoj Kumar Singh
August 3, 2015 at 12:05 pm
Sir, you are doing well and I appreciate your guts. And I hope these type of face covered with mask will not unsteady you.
AMET
August 6, 2015 at 12:25 am
2 kaudi ka mohd. ravish