Naval Khali : हम तो ‘ब्लैकमेल’ हो गए भाई जी… छोटे भाई Vinay Bhatt विनय भट्ट को श्रीनगर में डेंगू हो गया था! प्लेटट्स गिरकर नौ हजार पहुंच गई थी! बेस अस्पताल में भर्ती था! अचानक बेस ने भी हाथ खड़े कर दिए और रेफर का फरमान जारी कर दिया!
इस वक्त बड़े मुश्किल की घड़ी थी! विनय भट्ट युवा पत्रकार हैं व समाचार प्लस के साथ लंबे समय से जुड़े हैं. इस मुश्किल की घड़ी में बड़े भाई Umesh Kumar जी को कहीं से ये बात पता चली तो उनका रात को दस बजे मुझे कॉल आया और तुरन्त विनय को देहरादून बढ़िया से बढ़िया अस्पताल में पहुंचाने के लिए कहा!
अगली सुबह मोंटी मोहन युवा पत्रकार भाई ने अपनी गाड़ी से विनय को देहरादून पहुंचाया.
आज खुशी की बात है कि विनय स्वस्थ होकर वापस लौट रहा है.
सबसे बड़ी बात ये कि उमेश कुमार जी ने इस बीच सीएमआई अस्पताल के सारे खर्चे का वहन स्वयं किया. उमेश कुमार जी ने कहा कि- भाई इंसान के जीवन की कीमत बहुत ज्यादा है, लाखों, हजारों जो भी खर्चा होगा, मैं स्वयं करूँगा।
भले ही उमेश कुमार को सरकार ने हद तक बदनाम करने की कोशिश की हो पर आज वही व्यक्ति इस पहाड़ के युवा के काम आया। सरकार के कुछ लोग जितना समय व पैसा उमेश कुमार को फंसाने के लिए खर्च कर रहे हैं उतना समय सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिति को ठीक करने में लगाते तो ज्यादा अच्छा था!
हम लोग तो उमेश कुमार जी के इस कार्य से खुद ही ‘ब्लैकमेल’ हो गए। उमेश कुमार जी, भाई ऐसे ही समाज को ‘ब्लैकमेल’ करते रहो। वो दिन दूर नहीं जब लोग ‘ब्लैकमेल’ होने आपके पास स्वयं आएंगे।
अमर उजाला के पत्रकार नवल की एफबी वॉल से.