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सियासत

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की रद्द हुई डील : भारत में आम जनता को लूटना कितना आसान है!

Aahwini Kumar Shrivastava-

हींग लगी न फिटकरी, बिग बाजार भी मिल गया !!! भारत में आम जनता को लूटना कितना आसान है , यह रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की रद्द हुई डील से एक बार फिर साबित हो गया है। फ्यूचर ग्रुप के शेयर कुछ दिन पहले आई उस खबर के बाद से ही लोअर सर्किट में हैं या बुरी तरह से क्रैश हो चुके हैं, जिसमें फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के 24 हजार करोड़ के सौदे से रिलायंस के पीछे हट जाने की जानकारी दी गई थी।

लगातार लोअर सर्किट लगने या क्रैश हो जाने के कारण फ्यूचर ग्रुप के शेयर धारक अब अपनी बची खुची रकम को सुरक्षित निकालने की कोशिश में हलकान हैं। जबकि डील रद्द होने से पहले तक ज्यादातर शेयरधारक फ्यूचर ग्रुप के इन्हीं शेयरों से अपनी रकम को कई गुना करने के सपने देखने में लगे हुए थे।
किसी भी शेयर धारक को कभी सपने में भी यह अंदाजा नहीं था कि रिलायंस बिना डील किए जुगत लगाकर फ्यूचर ग्रुप के स्टोर हथिया लेगी और फिर डील रद्द करके हजारों करोड़ के कर्ज में डूबे फ्यूचर ग्रुप के शेयर धारकों और कर्जदाताओं को कारोबार विहीन फ्यूचर ग्रुप टिका देगी।

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रिलायंस ने लगभग डेढ़ दो साल पहले जब बिग बाजार स्टोर्स खरीदने के लिए फ्यूचर से 24 हजार करोड़ की डील की थी तो फ्यूचर ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त तेजी आ गई थी। फिर अमेज़न ने रिलायंस की डील को कानूनी चुनौती दी तो यह तेजी थमी और गिरावट का दौर शुरू हो गया।

हालांकि एक बड़ी गिरावट के बाद फ्यूचर के शेयर एक स्तर पर जाकर टिक गए थे और शेयर धारक इंतजार करने लगे कि कानूनी फैसला किसी एक के हक में आ जाए। शेयर धारक यह सोचकर काफी हद तक निश्चिंत थे कि रिलायंस हार भी गई तो भी दुनिया की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कम्पनी अमेज़न कम से कम फ्यूचर ग्रुप को डूबने तो नहीं देगी।

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यानी शेयर धारक और कर्जदाता बस कानूनी फैसले का इंतजार कर रहे थे, जीत किसी की भी हो, उन्हें इससे कोई सदमा नहीं पहुंचने वाला था।

लेकिन रिलायंस ने ऐसी चाल चली कि रिलायंस को बिग बाजार भी मिल गए लेकिन डील रद्द होने से शेयर धारक और कर्जदाता एक झटके में अपनी हजारों करोड़ की पूंजी गंवा बैठे। इससे रिलायंस के लिए हींग लगी न फिटकरी, रंग भी चोखा निकलने जैसी मिसाल हो गई। मतलब रिलायंस को बिना 24 हजार करोड़ खर्च किए ही बिग बाजार मिल गए।

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अब कोई यह आरोप लगाता रहे कि फ्यूचर ग्रुप के बियानी और रिलायंस के अंबानी ने मिलकर शेयर धारकों और कर्जदाताओं को लूट लिया, लेकिन आंख पर पट्टी बांधे कानून की देवी के सामने इसे साबित कर पाना असंभव ही है।

आरोप लगाने वाले तो यहां तक आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार और प्रशासन ने अंबानी की इस लूट से आंख इसीलिए मूंद रखी है क्योंकि अंबानी भी अदानी से थोड़ा कम ही सही लेकिन प्रिय तो हैं ही।

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हालांकि ऐसे लोगों के आरोपों पर मोदी जी के समर्थक इसलिए ध्यान नहीं दे रहे हैं क्योंकि ऐसे देशद्रोही लोग अदानी के दुनिया के चौथे सबसे अमीर आदमी बनने में भी मोदी जी का हाथ देख रहे हैं। जबकि दुनिया जानती है कि 2014 में मोदी जी के आने के बाद से ही अगर अदानी पहले भारत, फिर एशिया और अब दुनिया के अमीरों की लिस्ट में शीर्ष पर आते दिख रहे हैं तो यह इसलिए है कि मोदी जी के आने के बाद से देश ही तरक्की कर रहा है। देश की ऐसी तरक्की के लिए मोदी जी का शुक्रगुजार होने की बजाय यह समझ ही नहीं आता कि आखिर अदानी की तरक्की से लोग इतना जल क्यों रहे हैं?

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14 Comments

14 Comments

  1. Vivek

    April 27, 2022 at 10:53 pm

    Sir aap log to media m h aise system ko jyada highlight kyo nahi karte aise m koi share market m paisa nahi lagayega Sare share holders apni kamai ko barbad hote hue dekh rahe h, kamina ambani hum sabko loot liya sab ko y barosha tha ki modi ji ke raj m itni bari scam nahi ho sakta ab kaha gaye make in India apne yaha ki company ko bacha nahi rahe h Or kehte h ki Chinese products use mat karo mujhe to lagta h y BJP government m ambani, adaani ke alawe koi h hi nahi sab champat kar jayega y India m log bhookha mar jayega

  2. S A Husain

    April 27, 2022 at 11:20 pm

    Big Bazaar ne Big Bazaar Profit Club ke through Hazaaron Crores collect kiya. Har member customer se Rs 10,000 liya ki iske badle me Rs 1000 ki har mahine shopping kijiye 12 months tak. Phir sara paisa lekar stores band kar diye.
    Major scam lekin koi sunne wala nahin hai

  3. Neeraj juneja

    April 27, 2022 at 11:30 pm

    Quation ya nahi ha big question ya ha Amazon jo marji kara in jase anti India’s ko wo nahi dikhayi de raha Amazon indian company barbad kar raha ha

    Lakin reliance kaya kar raha ya dikhayi de

    As repeated indian i support only Indian companies

  4. Idm system

    April 28, 2022 at 6:49 am

    There is main difference between Adani n ambani, ambani always cheating to public n as well as govt but when deal was finalized @ any rate how can he closed this deal baaaap ka raaaaj hai saLE ka
    I think double panalty should be imposed

  5. Ankur Srivastava

    April 28, 2022 at 7:35 am

    Who asked retail investors to play along speculative trends. Everyone can be an investor but they choose to be a trader.

  6. Jagdish

    April 28, 2022 at 8:01 am

    sir videocon me ye hi huaa, ruchi soya me esa hi huaa india me sab kanun khuch k lea and blance aam janta k lea

  7. Rakesh kukreti

    April 28, 2022 at 8:17 am

    Public ko to kya congress ho ya bjp sabne pagal banaya hai lekin aap aaj meri ye baat note karlijiye 2024 mai supda saaf hone mai bhe pta nhe chalega Inka mahgai ke naam pe koi baat nhe karega bus hanumaan chlisa/loudspeaker beech mai daal kar sub muddo ko darkinar kiya hua hai bhai sahab 1 gareeb aadmi ke halak tak aachika hai ab bus antim samay hai.

  8. चुप रहिए

    April 28, 2022 at 8:24 am

    बेवकूफ और गधे लोग आजकल पत्रकार बन जा रहे और कुछ भी रेंक रहे।

  9. Amit dhiman

    April 28, 2022 at 9:24 am

    ये तो कुछ भी नहीं सरेआम इन future group वालों ने अपने customers से company मे direct investment कराया था जिसमे in लोगों ne customers ke future card बनाकर उसमे पैसे दलवाये और अब वापस नही कर रहे है हम लोगों के पैसे नहीं मिल रहे है ना company ka coustmer care no. चल रहा है ना ही मेल। कहाँ जाए किस से बात करे कुछ भी समझ नही आ रहा है। कोई news वाला भी इसको channel पर दिखा रहा है।

  10. Sushil Gupta

    April 28, 2022 at 10:50 am

    क्या आप कांग्रेस के कुकर्मों की परवाह करते हैं?

  11. Ramesh Kumar

    April 28, 2022 at 10:59 am

    आपकी जांच और रिपोर्ट पूर्णतया सत्य है इसमें चारो (अमेजोन,रिलायंस,फ्यूचर ग्रुप, बैंको) से जुड़े सभी ऑपरेटरों की जांच सुप्रीम कोर्ट से करानी चाहिए कि क्यूं 85 शेयरहोल्डर के वोट को सिक्योर्ड बैंक क्रेडिटर्स के वोट के सामने वैल्यू नगण्य हो गई। शेयर का भाव 160 के अपर सर्किट तक ले जाकर फिर अब 25 के भाव में लोअर सर्किट पर लाकर शेयरहोल्डेरो को खुले मार्केट में लूटने वालों की सजा कौन और कैसे तय होगी। 70% दुकानों की लीज और डीलरशिप ट्रांसफर ले देकर 52 हफ्ते की हाई/लो पर चलने वाले कम्पनियों को किसी भारतीय तंत्र का डर है या नही इस यक्ष प्रश्न का जवाब मिलना आवश्यक है।

  12. Nitesh

    April 28, 2022 at 3:59 pm

    Bahut sahi likha sirji aapne.

  13. Purely India

    April 28, 2022 at 11:48 pm

    Wah re M@d! Dalaal.Desh tarakki kar raha hai aur isliye adani upar aa raha hai…Apni ghar k auraton ka dalaali kar,naaki apne desh ka….
    Mut ta hu tere muh pe

  14. ranjan Sinha

    April 29, 2022 at 6:42 am

    तुमको किसने रोका है? तुम ही खरीद लो Big Bazaar को

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