नियंत्रक-महालेखा परीक्षक यानि कैग की जांच रिपोर्ट में राज्यसभा टीवी के बारे में में कहा गया है कि इस चैनल के पास अपना कोई रोडमैप ही नहीं है. राज्यसभा के लिए अलग से चैनल की सार्थकता पर भी प्रश्न चिह्न लगाया गया है. कैग रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 में शुरू होने के बाद से चैनल पर अब तक 1700 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इस चैनल में फरवरी 2012 तक एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एग्जिक्यूटिव एडिटर्स की यात्राओं पर 60 लाख रुपये खर्च किए गए. चैनल को कोई रेवेन्यू नहीं मिल रहा। यहां भर्ती में नियमों का पालन नहीं हुआ। साथ ही इस चैनल की दर्शक संख्या भी नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राज्यसभा सचिवालय और इसके चैनल में वरिष्ठ पदों पर हुई नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण का आरोप है कि राज्य सभा में जॉइंट सेक्रेटरी और उससे ऊपर के पदों पर नियुक्ति में काफी अनियमितता बरती गई हैं, जिनमें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) और RSTV के CEO की नियुक्ति शामिल है.
अपनी याचिका में प्रशांत भूषण ने clause 6 (A) of the Rajya Sabha Secretariat (Methods of Recruitment and Qualifications for Appointment) Order, 2009 की वैधता पर सवाल उठाए हैं और राज्य सभा सचिवालय में वर्ष 2008 से अब तक हुई नियुक्तियों की जांच कराने की मांग की है. हालांकि चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की खंडपीठ ने प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करते हुए उन्हें हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि वहां उनकी अपील खारिज हो जाती है, इसके बाद उन्हें शीर्ष अदालत का रुख करना चाहिए.
ABC
April 10, 2015 at 5:58 am
RSTV se 20-25 logo ka contract renew nahin hua (unhe nikala gaya without notice) 3years key contract mein ek bhi camplain nahin hone key baad bhi unhe nikala gaya or jinki complain huee wo wahan per kaam per hain isse badi manmaani kya ho sakti hai.
pradeep
April 10, 2015 at 7:20 pm
बादल जी आप क्यों सफाई दे रहे हैंँ आप तो ऐसे लोगों में शामिल हैं जो कि घोटाला करने से कभी बाज नहीं आए। कई लोगों की नियुक्तियों में जो धांधली हुई है उसे आप अच्छी तरह से जानते हैं। आप जैसे पत्रकार तो बड़े-बड़े घोटाले उजागर करते रहे अब अपने घोटाले के बारे में पता चला तो सफाई दे रहे हैं। सफाई तो उन्हें देना चाहिए जिनका दामन पाक-साफ हो। गिरेबान में झांकिए और न्याय करिए जिनके साथ आप अन्याय कर रहे हैं। पता है कि राज्यसभा टीवी से जुड़ने के बाद आपकी और आपके सीईओ कितनी संपत्ति के मालिक बन गए हैं। इतनी तनख्वाह नहीं है जितना आप लोगों की संपत्ति है। समय आएगा जब आप सचमुच कटघरे में होंगे।
Rajesh badal
April 11, 2015 at 7:00 am
THEEK HAI BHAI .SACH SIR CHADH KAR BOLTA HAI AUR JHOOTH KE PAANV NAHI HOTE .ABHI TAK 37-38 SAAL KI PATRKAARITA MEN ARJIT SAAKH KA PARINAAM YAHI MILNA HAI TO USKE LIYE BHI TAIYAAR HAIN.SAMAY BATAAYEGA KAUN KATHGHARE MEN JAAYEGA.