समस्तीपुर (बिहार) : पंचायत में चल रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी आरटीआई के तहत मांगे जाने से बौखलाये मुखिया ने वांछित जानकारी तो नहीं उपलब्ध कराई उल्टे आवेदक के खिलाफ रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराकर उसे जेल जरूर भेज दिया. मामला समस्तीपुर जिला के हसनपुर प्रखंड का है. फुलहारा पंचायत की मुखिया द्वारा हसनपुर थाना में रंगदारी मांगे जाने से संबंधित दर्ज कांड सं.-118/14 पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता ओमशंकर पोद्दार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस अभिरक्षा में मंगलवार को ओमशंकर ने मामले की विस्तृत जानकारी मीडियाकर्मियों को देते हुए बताया कि उसने पंचायत में चल रही विकासात्मक योजनाओं एवं उससे संबंधित राशि की जानकारी हेतु बीडीओ एवं पीओ के समक्ष आरटीआई के तहत आवेदन दिया था. आवेदन देने के बाद योजनाओं की आड़ में सरकारी राशि का गबन किये सिस्टम में खलबली मच गई. मांगी गई सूचना से बढ़ती परेशानी को देख स्थानीय मुखिया ने कई तरह के प्रलोभन देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे. फिर भी योजनाओं के क्रियान्यवयन में लगे मुखिया के परिजनों एवं सरकारीकर्मी द्वारा बराबर ही समझौता कर लिये जाने अथवा अंजाम भुगते जाने की धमकी दी जाती रही. इस बीच ओमशंकर के आवेदन पर जिलाधिकारी ने पंचायत में चल रही कई योजनाओं की जांच करवाई और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई भी हुई. मगर आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी आज तक नहीं मिल सकी है.
बताया जाता है कि आरटीआई कार्यकर्ता की सजगता, जागरूकता और निर्भीकता को देखकर मुखिया एवं सरकारीकर्मियों ने साजिश के तहत रंगदारी का झूठा मुकदमा दर्ज कराकर उसे गिरफ्तार किया गया है. रोसड़ा शहर के एक कम्प्यूटर दुकान में ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहे ओमशंकर पर लगे रंगदारी के आरोप से ग्रामीण और उसके सहयोगी भी हतप्रभ रह गये. गिरफ्तारी के विरोध में नाराज ग्रामीणों की गोलबंदी अब तेज होने लगी है. पंचायत के कई वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों के अलावे मुन्ना राम, रामप्रवेश सिंह, संजय कुमार, विकास कुमार, अमितेश सुमन (सभी ग्रामीण) ने मामले की आलोचना करते हुए इसे घृणित राजनीति करार दिया.
दूसरी ओर पीड़ित आरटीआई कार्यकर्त्ता के पिता रामविलास पोद्दार ने भी इस मामले में हसनपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाये हैं. परिजनो के आरोप हैं कि आईओ बब्बन चौधरी की संलिप्पता भ्रष्टाचारियों के साथ है, इस कारण उन्होनें झूठे आरोप की निष्पक्ष जांच किये बिना एकतरफा कार्रवाई कर दी. हसनपुर थानाध्यक्ष से इस सबंध में पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका.
समस्तीपुर से विकास कुमार की रिपोर्ट.
kiran
October 18, 2014 at 5:20 pm
😕 nice yaar