-सुरेश गांधी-
वाराणसी। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कलम की आजादी जरूरी है। परन्तु राजनीति के अपराधीकरण के चलते आये दिन पत्रकारों और मीडियाकर्मियों पर हमले हो रहे हैं, हत्याएं हो रही हैं। बिहार के सिवान में पत्रकार राजेदव रंजन और झारखण्ड के चतरा में टीवी पत्रकार इन्द्रदेव की हत्या के बाद भी सिलसिला थमा नहीं और अगले ही दिन मथुरा के रत्नेश चौहान की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी। सच का पक्ष लेने वाले पत्रकारों पर हमले जारी हैं।
इस अतिसंवेदनशील मुद्दे पर केन्द्र और प्रदेश सरकार की कुम्भकर्णी नींद टूटनी चाहिए। मिशन की पत्रकारिता करने वालों के पीछे सभ्यसमाज हमेशा खड़ा रहता है। यह बातें बुधवार को पूर्वाह्न काशी पत्रकार संघ के तत्वावधान में पत्रकारों की हत्या के विरोध में निकले जुलूस के बाद सभा में पत्रकारों ने कहीं। इसके पहले जुलूस लहुराबीर स्थित आजाद पार्क से शुरु होकर कबीर चौरा होता हुआ पराड़कर स्मृति भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी। विधायक अजय राय ने कहा कि पत्रकार ही समाज को आइना दिखाते हैं। आइना क्षतिग्रस्त होगा तो शक्ल भी बदसूरत नजर आएगी। पत्रकारों की सुरक्षा जरूरी है। विधायक रविन्द्र जायसवाल ने पत्रकारों के हत्यारों पर धारा 302 के साथ-साथ रासुका लगाने की जोदार वकालत की।
समाजसेवी और उधमी आर के चौधरी, सतीश चौबे, हैप्पी माडल की निदेशिका नीता सिंह, लक्ष्मी हॉस्पीटल के निदेशक डा अशोक राय, संकल्प ट्यूटोरियल के अशोक चौरसिया, डा एस एस गांगुली, प्रजानाथ शर्मा, दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, सीताराम केशरी, बैजनाथ सिंह, शैलेंद्र सिंह, प्रेम मिश्र, एडवोकेट अजय मुखर्जी, दुर्गाप्रसाद गुप्त, मुकेश जायसवाल ने कहा की पत्रकारों की वेदना सम्वेदना में हम सब उनके साथ हैं। संचालन प्रेस क्लब अध्यक्ष डा अत्रि भारद्वाज, और धन्यवाद ज्ञापन काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष बी बी यादव ने किया। शांति मार्च में प्रेस क्लब के मंत्री जितेन्द्र श्रीवास्तव, शुभाकर दूबे, संजय अस्थाना, अरूण मिश्रा, मंसूर आलम, सुभाष सिंह, शंकर चतुर्वेदी, सुनील शुक्ला, देवकुमार केशरी, नरेन्द्र यादव, पुरूषोत्तम चतुर्वेदी, शैलेश चौरसिया, संतोष चौरसिया, राजेश, राकेश सिंह, राजेश अग्रहरी, अरविन्द कुमार, दिलीप कुमार, विमलेश चतुर्वेदी, विजयशंकर गुप्ता ‘बच्चा’, अमित शर्मा, प्रमोद, सोमनाथ, सहित बड़ी संख्या में समाज सेवी व पत्रकार शामिल हुए।