मोतिहारी। अब शिक्षक भी मीडिया की दबंगई से आजिज आकर सड़क पर उतरने लगे हैं। सोमवार को कुछ ऐसा ही दृश्य मोतिहारी की सडकों पर देखने को मिला। ‘शिक्षक दलाल कैसे? प्रभात खबर बताये’ जैसे स्लोगन लिखे स्टीकर व पोस्टर लगाये गाड़ियों पर जब हुजूम में शिक्षक सड़क पर उतरे तो खबर लिखने वाले पत्रकार अपनी औकात पर आ गए। फोन पर मनाने का सारा प्रयास विफल होने के बाद प्रभारी सहित प्रभात खबर की टीम ने शिक्षकों के बैठक स्थल के बगल में जिला परिषद परिसर में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर मामले को रफादफा करने की कोशिश की।
प्रभात खबर लगातार कोचिंग के विरुद्ध श्रृंखला में खबर छापकर शिक्षकों पर दबाव बना रहा था। इसके खिलाफ जब शिक्षकों की गोलबंदी तेज हुई तो स्थानीय प्रभारी सच्चिदानंद सत्यार्थी सहित संवाददाता अमृतेश व छायाकार सुजीत पाठक के पांवों तले की जमीन खिसक गई। रविवार से लेकर सोमवार की सुबह तक जब इधर-उधर की पैरवी से बात नहीं बनी और शिक्षक आन्दोलन पर उतारू हुए तो शिक्षक शरणम् गच्छामि हो गए।
कोचिंग संचालकों का कहना है कि कुछ छपास नेताओ का बयान छापकर वे हमारा भयादोहन करते हैं। किसी खबर में किसी शिक्षक का पक्ष नहीं लिया गया है। जहाँ तक निबंधन की बात है तो राजधानी पटना में भी एक भी कोचिंग निबंधित नहीं है। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में इस पिछड़े व गरीब इलाके में कोचिंग निबंधित होंगे तो इसका अधिभार छात्रों पर ही पड़ेगा। साथ ही महँगी शिक्षा होने से गरीब छात्र शिक्षा से वंचित होंगे।