: अदम्य साहस के लिए प्रतिमा भार्गव और साहसी पत्रकारिता के लिए अनूप गुप्ता को मिला भड़ास सम्मान : मीडिया के करप्शन के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाले चर्चित पोर्टल भड़ास4मीडिया ने अपने तेवर को और सख्त करते हुए कल दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया में एक मीडिया हाउस के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस / संवाद का आयोजन किया. इस तरह मीडिया के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करके भड़ास ने नया रिकार्ड भी बना दिया है. अब तक दुनिया भर के मुद्दों पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया कराया जाता रहा है लेकिन मीडिया के खिलाफ कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं करता था. भड़ास ने मीडिया के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस कर एक नए चलन की शुरुआत कर दी है जो बताता है कि मीडिया अब पवित्र गाय कतई नहीं है. मीडिया में पूंजी का बड़े पैमाने पर जो खेल चल रहा है उसके कारण मीडिया हाउस जन पक्षधर पत्रकारिता करने की जगह टर्नओवर बढ़ाने वाली कंपनियां बन चुकी हैं. इस कारण मीडिया के अनाचार से कई लोग पीड़ित हो रहे हैं.
भड़ास4मीडिया की तरफ से प्रेस क्लब में जागरण समूह के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस / संवाद का आयोजन किया गया. जागरण समूह के अखबार आई-नेक्स्ट के उत्पीड़न से त्रस्त आगरा की समाजसेविका प्रतिमा भार्गव ने खुलकर अपनी बात रखी. इस दौरान पूरा हाल खचाखच भरा रहा. पूरे चार घंटे चले आयोजन के दौरान सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत किया. आयोजन के मुख्य अतिथि जस्टिस मार्कंडेय काटजू थे. साथ ही मंच पर जाने माने पत्रकार और कवि पंकज सिंह मौजूद थे. महिला मामलों की विशेषज्ञ और सोशल एक्टिविस्ट शीबा असलम फहमी भी मंचासीन थीं. प्रतिमा भार्ग ने आई-नेक्स्ट द्वारा टार्चर किए जाने की कहानी जब सुनाई तो वहां मौजूद श्रोताओं पत्रकारों एक्टिविस्टों का आंखें भर आईं. प्रतिमा भार्गव खुद देर तक सुबक सुबक कर रोती रहीं. इस दौरान शीबा असलम फहमी ने उन्हें ढांढस बंधाया.
सभी वक्ताओं ने आई-नेक्स्ट के कुकृत्य की जमकर निंदा की और आरोपी संपादक सचिन वासवानी व रिपोर्टर अरुण रावत को तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की. आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार शीतल सिंह ने संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने देश में हर किस्म की संस्थाओं के भ्रष्टतम पतित होते जाने के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए मीडिया के जनविरोधी रुख की आलोचना की. शीबा असलम फहमी ने मीडिया के सवर्ण और ब्राह्मणवादी मानसिकता की तरफ इशारा करते हुए इसके दलित अल्पसंख्यक महिला विरोधी बने रहने के जड़ों की पड़ताल की. पत्रकार और कवि पंकज सिंह ने प्रतिमा भार्गव के साहस की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए मीडिया के पूंजीवादी व साम्राज्यवादी झुकाओं के जरिए इसके मुनाफाखोर प्रवृत्ति पर चोट की. चीफ गेस्ट जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अपने डेढ़ पौने दो घंटे के संबोधन में देश के भीतर मचे हाहाकार का संज्ञान लेकर आने वाले भयावह वक्त के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने मीडिया के नियंत्रित नियमन की वकालत करते हुए कहा कि डाक्टर से लेकर वकीलों तक में उनकी अपनी संस्थाएं हैं जो अपने पेशे से जुड़े लोगों के मसलों पर कड़े फैसले लेती हैं लेकिन मीडिया में कोई संस्था नहीं है जो इसकी अराजकता पर अंकुश लगा सके. प्रेस काउंसिल के पास भी निंदा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं हैं. मीडिया और मीडिया वालों की काटजू ने जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि मीडिया मालिक मुनाफा चाहता है और मीडिया वाला अपनी नौकरी बचाए रखना चाहता है, ऐसे में पत्रकारिता तेल लेने चली जाती है.
कार्यक्रम का संचालन भड़ास के संपादक यशवंत सिंह ने किया. इस दौरान प्रतिमा भार्गव को उनके अदम्य साहस के लिए भड़ास सम्मान से सम्मानित किया गया. लखनऊ के चर्चित पत्रकार अनूप गुप्ता को उनकी साहसिक पत्रकारिता के लिए भड़ास सम्मान से सम्मानित किया गया. शीबा असलम फहमी ने चीफ गेस्ट जस्टिस काटजू को सम्मान चिन्ह भेंटकर ऐसे ही मुखर व बेबाक बने रहने की अपील की.
इसे भी पढ़ें:
मीडिया की मारी प्रतिमा भार्गव आई नेक्स्ट अखबार के दुर्व्यवहार की कहानी सुनाते सुनाते रो पड़ीं (देखें वीडियो)
कार्यक्रम से संबंधित अन्य तस्वीरों के लिए नीचे लिखे Next पर क्लिक करें
harish
October 9, 2015 at 9:04 am
congrats bhadas……pratimaji we are with you…zara si bhi sharam ho inext mein to fauran sachin vasvani to dhakke maar kar bahar nikaal do…..
harish
October 9, 2015 at 9:06 am
congrats bhadas….pratimaji ek ladai to aapne jeet li hai…aage ki ladai mein hum sab aapke saath hai….sachin vasvani ko fauran inext vaale bahar kare….
ashok Upadhyay
October 10, 2015 at 4:02 am
Picture are not enough . Paste Vedio
Sanjeev Singh thakur
October 8, 2015 at 9:48 am
Well done, congrats to full team