FIND NAJIB नाम से मोमबत्तियां जला कर सरकार के रवैये पर अपना विरोध जताया… जेएनयू के छात्र नजीब का अभी तक न पता चल पाने और दीपावली के पूर्व बिहार में दलितों के घर की गई आगजनी को लेकर हिंदी विश्विद्यालय, वर्धा में छात्रों ने जम्मेदार शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से नजीब के गायब होने और बिहार के खगड़िया जिले में दलितों का घर जलाये जाने के विरोध में महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिंदी विश्विद्यालय, वर्धा के विद्यार्थियों ने एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया और FIND NAJIB नाम से मोमबत्तियां जला अपना विरोध जताया। यह विरोध प्रदर्शन हिंदी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर किया गया।
ज्ञात हो कि बिहार के खगड़िया जिले के छमसिया गांव में दिवाली की पूर्व संध्या पर जमीन के विवाद को लेकर एक सामंती समुदाय ने 50 से अधिक दलितों के घर को जला दिया गया। लोगों में भय व्याप्त करने के उदेश्य से इस दौरान हवा में कई राउंड गोलियां भी चलाई गईं। इस आगजनी में लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई। साथी ही पशु धन भी हानि हुई।
दूसरा वाकया जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नोलॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद का है। जेएनयू से नजीब के गायब होने को एक वर्ष से ज्यादा हो जाने को है लेकिन दिल्ली पुलिस और सीबीआई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। सीबीआई पिछले 6 महीने से इस केस की जांच कर रही है लेकिन आरोपियों से पूछताछ भी नही कर पाई है। पिछले दिनों जब नजीब की माँ और अन्य लोगों ने सीबीआई और दिल्ली उच्च न्यायालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया तो दिल्ली पुलिस ने नजीब की माँ के साथ बुरा बर्ताव किया गया।
इस प्रतिरोध सभा में आइसा के छात्र नेता अरविंद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नजीब की माँ को न्याय न मिल पाना भारत मां का अपमान है। रोहित वेमुला या नजीब के माँ की बेबसी और प्रताड़ना में भारत माँ की बेबसी और प्रताड़ना दिखाई दे रही है। वहीं दूसरे छात्र मुकेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा नजीब की मां को घसीटा जाना और गिरफ्तार करना लोकतंत्र को गिरफ्तार किए जाने जैसा है।