राजस्थान पत्रिका समूह के मालिक गुलाब कोठारी ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि झूठ बोलने के लिए मीडिया और लोगों को खरीदने का काम चल रहा हैं. गुलाब कोठारी ने ये बात मुंबई में 14वें अंतरराष्ट्रीय कंसर्न्ड कम्यूनिकेटर अवॉर्ड (सीसीए) समारोह में कही. पत्रिका समूह को सामाजिक सरोकार के श्रेष्ठ रचनात्मक विज्ञापनों के लिए इस समारोह में पुरस्कृत किया गया. कोठारी ने कहा कि आजादी को 70 साल हो गए हैं लेकिन हम आज भी सच को सुनना ही नहीं चाहते हैं. सरकार मीडिया हाउस को शॉर्टलिस्ट कर जनता तक झूठी बातें पहुंचा रही है. झूठ को सच बताकर रखने की कोशिश में लोगों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है. क्योंकि यदि झूठ को सौ बार बोला जाए तो वह सच मान लिया जाता है और आज यही हो रहा है.
सरकार व मीडिया को आईना दिखाते हुए कोठारी ने कहा कि आज अभिव्यक्ति की आजादी पर अतिक्रमण हो रहा है. आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. जिसे हमने लोकतंत्र व जनता के बीच सेतु माना था, वही मीडिया आज कहां है? कुछ मीडिया समूहों ने आज जनता का पाला छोड़ दिया है और सरकार के साथ जाकर बैठ गए हैं. यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में हो रहा है. सोशल मीडिया का अवतार ही झूठ बोलने के लिए हुआ है, क्योंकि कौन आधिकारिक तौर पर कह रहा है और क्या सही है, इसका पता ही नहीं चल पाता. पत्रिका के साथ ऐसा करने की कोशिश की गई, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया. हम सुप्रीम कोर्ट तक भी गए. मीडिया लोकतंत्र का वॉचडॉग नहीं दिखाई दे रहा है. जनता की सोचने वाला कौन बचा है?
देश में किसान आंदोलनों पर पीड़ा जताते हुए कोठारी ने कहा कि आज इन आंदोलनों को ताकत के साथ ढहाया जा रहा है, जो देशहित में नहीं है. सभी को नोटबंदी को लेकर समस्या हुई, लेकिन हम नोटबंदी के बाद के हालात पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं. सरकार की नई भर्तियां बंद हो गई हैं, वहीं कई लघु उद्योगों के उजड़ जाने से बड़ी संख्या में बेरोजगारी भी बढ़ी है. न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख का हवाला देते हुए कोठारी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तानाशाह सरकारों का दौर है. ऐसे में सिर्फ अपना प्रोपेगंडा मीडिया के माध्यम से चलाया जा रहा है. ऐसे में विपक्ष को कुछ जिंदा रखने की कोशिश की जाती है, जिससे लोकतंत्र का भ्रम बना रहे. ऐसे हालात में नई पीढ़ी को कफन बांधकर आगे आना चाहिए कि जो आजादी हमें संविधान ने दी है वह बची रहे.
Alok kumar
June 14, 2017 at 10:03 am
गुलाब कोठारी जी अंगली कटती है तो ही दर्द होता है आप जैसे तमाम अखबार जो अपने आप को बडे अखबार का मालिक समझते है जब निचला पत्रकार खबर करता है तब आपके जैसे ही अखबार मालिक खबर का गला घोट देते है और अब जब सरकार नकेल कस रही तो आप को अभिव्यक्ती की आजादी याद आ रही धन्य हो 😉
Kuldeep Singh
June 14, 2017 at 2:31 pm
Badi chinta ho rahi hai bhai sahab….lahta hai sarkar ne majithiya case me madad karne se mana kar diya. Kuch samay pehle jab inhe sarkari vigyapan nahi mil rahe the to logo ki sifarishe lagwa rahe the…. ab bachna muskil hai gulab ji Karamchariyo ka bahut khoon p liya aapne.
sanjev kumar
June 14, 2017 at 4:39 pm
भाषण पेलने से पहले कोठारी जी मजीठिया मांगने पर अपने संस्थान के कर्मचारियों का शोषण और प्रताडित करना तो बंद करो। आप पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के सात केस चल रहे हैं। अपने गिरेबान में झांक कर तो देखो कोठारी जी। भाषण पेलना दुनिया में सबसे आसान काम है जो आप कर रहे हो। अपने कर्मचारियों को मजीठिया का हक दो।
Kailash Rath
June 15, 2017 at 6:30 am
If someone is for sale, there will be buyers. Although not all, but some of the journalists are most corrupted. Journalism is better when news is reported as it is. So, journalists should not try to be judges, interpreters , guides . Part reporting which suits to their wheems should be avoided at any cost.
Amin
June 16, 2017 at 12:26 am
Sahi baat par bhakton ko mirchi lag gayi. Ab cbi se raid kar some?