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आयोजन

रवीश कुमार और सुप्रिय प्रसाद वाले बैच के iimc स्टूडेंट्स का मिलन समारोह (देखें तस्वीरें)

Vikas Mishra : 6 अगस्त को हर साल की तरह इस साल भी हम दोस्त मिले। भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में हम लोग पहली बार अगस्त 1994 में मिले थे। सारे संगी आज 40 साल की उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन जब मिलते हैं तो फिर उम्र 22-23 साल पीछे चली जाती है। शेरो-शायरी, गाने बजाने के बीच चुटुकले और चुटकियों की बारिश में हर चेहरा खिला मिलता है और ठहाकों से पूरी महफिल गूंज उठती है।

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Vikas Mishra : 6 अगस्त को हर साल की तरह इस साल भी हम दोस्त मिले। भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में हम लोग पहली बार अगस्त 1994 में मिले थे। सारे संगी आज 40 साल की उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन जब मिलते हैं तो फिर उम्र 22-23 साल पीछे चली जाती है। शेरो-शायरी, गाने बजाने के बीच चुटुकले और चुटकियों की बारिश में हर चेहरा खिला मिलता है और ठहाकों से पूरी महफिल गूंज उठती है।

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इस बार के मिलन समारोह में खास बात ये थी कि अमरेंद्र किशोर का जन्मदिन था। इस आयोजन में सबसे प्रमुख भूमिका हमेशा की तरह राजीव रंजन की रही। जिसने दोस्तों को जुटाने के लिए क्या कुछ नहीं किया। अमरेंद्र उसके साथ रहा, कदम दर कदम। हर बार की तरह इस बार भी अमृता का कैमरा चमकता रहा। सबको पता था कि अमृता का कैमरा आएगा, फिर तो किसी ने ज्यादा तस्वीरें खींचने की कोशिश भी नहीं की।

इस बार हमारे कई मित्र नहीं आ पाए, एक तो रक्षा बंधन का त्योहार, ऊपर से उनकी कोई विवशता। खैर, अगली बार फिर मिलेंगे। ये हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारे बैच के सभी मित्र जहां हैं, झंडे गाड़े हुए हैं। देश के नंबर वन चैनल आजतक के संपादक सुप्रिय प्रसाद हमारे बैच के हैं तो नंबर वन अखबार के मेरठ संस्करण के संपादक मुकेश सिंह भी इसी बैच के हैं।

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अमरेंद्र, उत्पल, संगीता, रवीश कुमार, नलिन, अमृता, सतीश, अमन, रत्नेश, दो दो राजीव, सरोज, शालिनी, शिव कहां तक नाम गिनाएं, हमारे बैच के जितने भी मित्र हैं, सभी बैच का नाम चमचमाए हुए हैं, लेकिन जब हम मिलते हैं तो कौन कहां है, ये भूल जाते हैं, ऐसा ही तो हुआ 8 की रात। ये मेरे लिए बहुत आत्मीय पल रहे हैं, जिन्हें मैं अपने फेसबुक के मित्रों के साथ बांट रहा हूं। फोटो स्लाइड शो के लिए नीचे क्लिक करें :

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आजतक न्यूज चैनल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार विकास मिश्र की एफबी वॉल से.

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