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कालेधन पर मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक का सच सुनिए भड़ास के एडिटर यशवंत से

Yashwant Singh : नेताओं और अफसरों का जो विदेशों में काला धन जमा है, वह सबसे बड़ा, सबसे ज्यादा काला धन है, उसे सबसे पहले निकालना चाहिए, उसे रखने वालों का नाम खोलना चाहिए, यह मेरा मत है. उसके बाद सेकेंड फेज में ये करेंसी बदलने वाला काम करना चाहिए.

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Yashwant Singh : नेताओं और अफसरों का जो विदेशों में काला धन जमा है, वह सबसे बड़ा, सबसे ज्यादा काला धन है, उसे सबसे पहले निकालना चाहिए, उसे रखने वालों का नाम खोलना चाहिए, यह मेरा मत है. उसके बाद सेकेंड फेज में ये करेंसी बदलने वाला काम करना चाहिए.

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अब जो सेकेंड लेवल वाला काम पहले लेवल का मान कर किया गया और इसको कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक बोला जा रहा है तो मन करता है कहूं कि हम भारतवासी सच में इमोशनल जीव हैं, रेशनल तो बिलकुल नहीं हैं.

सब जानते हैं कि सबसे बड़े लोगों का काला धन विदेशों में रखा जाता है, उस पर इस नोट रद्द करने, नोट बदलने का कोई असर नहीं पड़ेगा.

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सब जानते हैं कि काले धन का सबसे ज्यादा निवेश देश में प्रापर्टी और गोल्ड में किया गया है, उस पर इस नोट रद्द करने, नोट बदलने का कोई असर नहीं पड़ेगा.

हां, ये जो हुआ है अभी, इसकी चपेट में वो छोटी मछलियां टाइप लोग आएंगे जो वोट खरीदने के लिए सैकड़ों करोड़ कैश जुटा रखे थे.

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हां, ये जो हुआ है अभी, इसकी चपेट में वो छोटी मछलियां टाइप लोग आएंगे जो सिस्टम जनित करप्शन से पैसा बटोरकर घर में रखे थे.

हां, ये जो हुआ है अभी, इसकी चपेट में वो छोटी मछलियां टाइप लोग आएंगे जो व्यापार कारोबार कर लाभ बनाए पैसे को बटोरकर घर में रखे थे.

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हां, ये जो हुआ है अभी, इसकी चपेट में वो छोटी मछलियां आएंगी जो कंपनियां चलाकर उससे हुए मुनाफे का एक हिस्सा इकट्ठा कर घर में छिपाए थे.

फिर भी, कहना चाहूंगा कि जो माहौल है, उसमें अपन फकीरों की तो मौज है. कैश घर में सजाकर खुद को ईमानदार बताने कहने वाले अफसरों व्यापारियों नेताओं पत्रकारों पुलिस वालों क्लर्कों कंपनी मालिकों आदि को तो सांप सूंघ गया है. वो अब तलाश रहे हैं खलिहर किस्म के एकाउंट जिसमें दस बीस परसेंट पर नोट जमा कराकर ह्वाइट किया जाए.

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जो हुआ है, ठीक हुआ है, लेकिन इसके पहले बहुत कुछ होना चाहिए था, जिसे करने से ना जाने क्यों ये सरकार बच रही है. यहां तक कि जो बैंक के हजारों करोड़ के लोन गटक गए हैं और लौटाने को तैयार नहीं हैं, उन तक को सुप्रीम कोर्ट में बचाने में लगी है मोदी सरकार. जिनके धन विदेशों में जमा है, उनको राडार पर लेकर पकड़ने और उन धन को वापस लाने से कांग्रेसी सरकारों की तरह बच रही है ये भाजपा सरकार.

कहीं ऐसा तो नहीं कि बड़े कारपोरेट्स, बड़े चोरों पर हाथ न डाल पाने की मजबूरी ही छोटे चोरों पर एक्शन करा रही है? इसमें डबल गेम है. तारीफ की तारीफ हो गई और काला धन खत्म करने के लिए जोरदार एक्शन टाइप का फील वोटरों में दे दिया गया..

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देश एक अजीब दौर में जी रहा है जहां ठोस और प्रमुख काम करने की जगह बस काम करते हुए दिखने दिखाने की जल्दी पड़ी है.

फिर भी, हम तो इसलिए खुश हैं कि हमारे आसपास के मिडिल क्लास कैश धारी लोग परेशान हुए पड़े हैं…

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कहते हैं न, पड़ोसियों की जले जान, अपनी बढ़े शान.

जियो मोदी जी..

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आपके कारण कुछ तो इधर भी एकाउंट में आएगा.

कोई है दस बीस परसेंट देकर वापस लेने वाला…

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अपने परिवार, गांव और फकीर टाइप कई दोस्तों के एकाउंट मुंह बाए लाख दो लाख देखने को बेकरार हैं.

बड़े कालाधनियों पर सर्जिकल स्ट्राइक न होने से वादे वाला पंद्रह लाख तो एकाउंट में नहीं आया, हां अब इन छोटे चोरों पर कार्रवाई से बने हालात में दस बीस परसेंट पर ब्लैक ह्वाइट कार्यक्रम चलाकर कम से कम पंद्रह हजार तो आ ही जाएगा अपन गरीब देशवासियों के एकाउंट में.

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जय हो

🙂

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चाहूंगा कि आप फाइनल राय बनाने से पहले इन्हें भी पढ़ें :

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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

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0 Comments

  1. M.C.Joshi

    November 10, 2016 at 8:49 am

    Instead of calling countrymen irrational please get your own rationality checked. Their is no first or second in doing a good work. The poor standard of BfM is evident from absence of readers’s comments on the ridiculous reports it contains.

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