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‘टाइम्स आफ इंडिया’ ने फिलिप ह्यूज की जगह सचिन को मार दिया, भड़के लोग

मुंबई। इसे न्यूज देने की जल्दी कहे या घनघोर लापरवाही जो आज हिंदुस्तान के प्रतिष्ठित न्यूजपेपर टाइम्स ऑफ इंडिया ने किया है। अब आप कहेंगे कि यह हम क्या कह रहे हैं तो सुनिए टाइम्स ऑफ इंडिया ने आज अपने न्यूजपेपर के स्पोर्ट पेज पर आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की मौत की खबरें छापी हैं। अपने पेपर में उसने लोगों की संवेदनाओं को भी प्रकाशित किया है कि किस तरह से लोगों ने ट्विटर के जरिये आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को अपनी श्रद्धांजलि दी है।

मुंबई। इसे न्यूज देने की जल्दी कहे या घनघोर लापरवाही जो आज हिंदुस्तान के प्रतिष्ठित न्यूजपेपर टाइम्स ऑफ इंडिया ने किया है। अब आप कहेंगे कि यह हम क्या कह रहे हैं तो सुनिए टाइम्स ऑफ इंडिया ने आज अपने न्यूजपेपर के स्पोर्ट पेज पर आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की मौत की खबरें छापी हैं। अपने पेपर में उसने लोगों की संवेदनाओं को भी प्रकाशित किया है कि किस तरह से लोगों ने ट्विटर के जरिये आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को अपनी श्रद्धांजलि दी है।

लेकिन अपनी इस महान कवरेज पर टाइम्स ऑफ इंडिया ने उस समय हद कर दी जब उसने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के ट्विट को तोड़-मरोड़कर सचिन को ही मार दिया। जी हां यह बात पूरी तरह से सही है। दरअसल सचिन ने फिलिप ह्यूज को ट्विटर पर श्रद्धांजलि देते हुए ट्विट किया था “Shocked to hear about Phil. Sad day for cricket. Deepest condolences to family, friends and well wishers. RIP #PhilipHughes,”

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लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे लिखा “Shocked to hear about Phil. Sad day for cricket. Deepest condolences to family, friends and well wishers. RIP Sachin Tendulkar,” with “Sachin Tendulkar, Cricket Great” under it.

जाहिर है जब टाइम्स ने इतनी बड़ी गलती की है तो बवाल तो मचना ही था। लोगों का गुस्सा टाइम्स ऑफ इंडिया पर बुरी तरह से भड़क गया है। लोग खासकर सचिन के फैंस तो टाइम्स ऑफ इंडिया से इस बारे में माफी मांगने की बात ट्विटर पर कर रहे हैं। लोगों ने इसे  टाइम्स का सबसे बड़ा गुनाह करार दिया है। फिलहाल तो टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं गया है।

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साभार- वन इंडिया डाट काम

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0 Comments

  1. ajit

    November 30, 2014 at 2:24 pm

    माना कि अखबार की गलती है पर इन लोगों को क्या और कुछ काम नहीं जो कि एक फिजूल खेल के रिटायर्ड खिलाडी के लिए मरे जा रहे हैं, अपने घर के बच्चों के साथ खेलने के नाम से तो इन्हें जुलाब लग जाते हैं।

  2. sukharam

    November 30, 2014 at 3:58 pm

    this is too much

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