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साधना न्यूज़ बिहार झारखण्ड बंद, स्ट्रिंगरों का पैसा भी डकार गया प्रबंधन

sadhna news bihar

साधना न्यूज़ बिहार झारखण्ड को अचानक ही बंद कर दिया गया है जिसकी वजह से रातों-रात सैकड़ो कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं। क्या इसे न्याय कहेंगे? जिन स्ट्रिंगरों ने चैनल के शुरुआती समय से जी जान एक करके चैनल को बुलंदियों पर पहुंचाया उन्हें बिना किसी सूचना के प्रबंधन ने चैनल को बंद कर दिया। स्ट्रिंगरों का लाखों रुपया भी प्रबंधन ने डकार लिया है।

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साधना न्यूज़ बिहार झारखण्ड को अचानक ही बंद कर दिया गया है जिसकी वजह से रातों-रात सैकड़ो कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं। क्या इसे न्याय कहेंगे? जिन स्ट्रिंगरों ने चैनल के शुरुआती समय से जी जान एक करके चैनल को बुलंदियों पर पहुंचाया उन्हें बिना किसी सूचना के प्रबंधन ने चैनल को बंद कर दिया। स्ट्रिंगरों का लाखों रुपया भी प्रबंधन ने डकार लिया है।

हरियाणा में चुनाव निकट है और चैनल वालों का मुख्य काम पैसे की उगाही है। ऐसे में अब बिहार के तमाम स्ट्रिंगर गोलबंद होकर क़ानूनी कार्यवाही चाहते है। सरकार को इस चैनल के मालिक पर कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही आप से भी विनम्र निवेदन है की हमारी आवाज को प्रबंधन तक पहुचने की कृपा करे जिससे के हमें न्याय मिले।

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एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।  

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0 Comments

  1. saurabh shukla

    August 10, 2014 at 1:40 am

    कौन सी नई बात है, साधना न्यूज चैनल नहीं साधना चूस चैनल है। कई लोगों के पैसे चूस गया है। स्ट्रिंगरों को तो खैर यहां वेतन नही हीं देते। लोकिन पूर्व में एक संपादक जी आए थे, लटके झटके दिए, खुद की नौकरी जाने के दौर में स्ट्रिंगरों को बकाया दो, संबंधी पत्र मालिकान को लिखकर क्रांति करने की कोशिश की और दबाव बनाया। कई लोगों ने उन्हें महान बताया। लेकिन उस पत्र के आधार पर खुद का बकाया लेकर, चलते बने, स्ट्रिंगर आज भी इंतजार कर रहे हैं।

  2. akash singh

    August 10, 2014 at 5:52 am

    सही कहा सौरभ भाई, वह कथित संपादक ने न केवल चिठ्ठी लिखी, बल्कि इसका ढिंढोरा भी पिटवाया. मैं तब बिहार में स्ट्रिंगर था। मुजे लगा कि मेरे पैसे मिल जाएंगे, लेकिन वह तो खुद का हिसाब पूरा कर चलता बना। हमारे नाम पर उसने मालिकों पर दबाव डाला और अपना लाखों का बकाया लेकर चला गया. हमे आज भी भुगतान नहीं मिला है। हमारे नाम पर लाखों की मालिकों से उगाही की है. हालांकि डेस्क के ही लोगों ने बताया था कि इस कथित संपादक को अंतिम दिन गार्ड ने ही घुसने से रोक दिया था।

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