सहारा समूह से जुड़े देश के लाखों निवेशक बेसहारा होने की कगार पर हैं लेकिन इस देश का पुलिस, प्रशासन, सत्ता, मीडिया, नेता, अफसर, सब कान में तेल डालकर सोए हुए हैं. भड़ास ने सहारा में पैसे सेफ न होने की खबर परसों प्रकाशित की थी. उसी मामले में अब आगे डेवलपमेंट ये है कि सहारा के पांच ठग अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
यह मामला ललितपुर का है जहां निवेशकों का पैसा सहारा के लोगों ने ही आपस में सांठगांठ करके निकाल लिया. पूरे प्रकरण की जानकारी इस मामले में दर्ज एफआईआर के डिटेल से मिल जाएगी…. देखें….
सहारा इंडिया महरौनी के शाखा प्रबंधक पर कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
जालसाजी कर पैसे निकालने व् जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के लगाये थे पीड़ित ने आरोप
सहारा इंडिया शाखा महरौनी दो वर्ष से सवालों के घेरे में
महरौनी व मड़ावरा के जमाकर्ताओं का फंसा रखा है बहुत पैसा, नहीं किया जा रहा जमाकर्ताओं का भुगतान, की जाती है जमाकर्ताओं से अभद्रता… मड़ावरा (ललितपुर) : थाना मड़ावरा अंतर्गत ग्राम रनगांव निवासी एक ग्रामीण को सहारा इंडिया कम्पनी शाखा महरौनी के मैनेजर द्वारा उसके द्वारा जमा किये गए पैसे का भुगतान न करने के साथ ही जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने पर पीड़ित को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. इसको संज्ञान में लेकर कोर्ट के आदेश पर थाना मड़ावरा पुलिस द्वारा सहारा इंडिया महरौनी के शाखा प्रबंधक सहित अन्य चार और सहकर्मियों पर हरिजन एक्ट के साथ ही भारतीय दंड संहिता की अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
ग्राम रनगांव निवासी पीड़ित हरदास पुत्र हल्कू जाती बेड़िया ने कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पर में उल्लेख किया कि वह एक गरीब व्यक्ति है व अपनी थोड़ी सी जमीन पर खेती करके पाई पाई जोड़कर वर्ष 2013 में सहारा इंडिया कम्पनी की शाखा महरौनी में 6 अप्रैल को खाता संख्या 813743000222 व खाता संख्या 813743000223 में क्रमशः 25-25 हजार रूपये वक्त मौके पर काम आने के हिसाब से जमा किये थे। इसकी रसीद शाखा प्रबंधक महरौनी माहेश्वरी पटेल द्वारा दी गयी थी। पीड़ित ने बताया कि हृदय रोग से परेशान होने के चलते मुझे पैसे की जरूरत पड़ी तो 15 दिसंबर 2018 को सहारा इंडिया की शाखा महरौनी जमा पैसे को निकालने के लिए पहुंचा। वहाँ की कागजी खानापूर्तियों को पूर्ण कर पैसों के भुकतान हेतु विड्राल फार्म भर केशियर को दिया तो उसने बताया कि दोनों खातों का पैसा तो पहले ही भुगतान हो चुका है।
यह सुनते ही पीड़ित हरदास के पैरों तले से जमीन खिसक गयी व वह फौरन ही कार्यालय में मौजूद शाखा प्रबंधक माहेश्वरी पटेल के पास उक्त समस्या से सम्बंधित बात करने पहुंचा। इस दौरान कार्यालय के सेक्टर प्रमुख केशव प्रसाद मौर्य, रीजनल प्रमुख बी डी मिश्रा भी मौजूद थे। पीड़ित ने अपने पैसों से सम्बंधित समस्या को शाखा प्रबंधक माहेश्वरी पटेल को बतायी और अपनी बीमारी की दुहाई दी तो अचानक ही शाखा प्रबंधक अपने आपे से बाहर हो गये और गाली गलौच कर मेरी जाति बेड़िया को संबोधित गालियां देने लगे और बोले कि तेरा पैसा हम लोगों ने निकालकर आपस में बाँट लिया है और तूने किसी के पास शिकायत की तो जान से मरवा देंगे।
हल्ला गुल्ला सुन कार्यालय में मौजूद अन्य कर्मचारियों ने बीचबचाव कर मुझे वहाँ से भगा दिया तो मैने सहारा के मंडल प्रमुख प्रदीप श्रीवास्तव व् टेरेटरी प्रमुख विजय कुमार वर्मा के समक्ष अपनी समस्या निराकरण हेतु गुहार लगायी। उन्होंने अपने शाखा महरौनी के साथियों का पक्ष लेते हुए मुझे उलटे धमकाना व गाली गलौच करना शुरू कर दिया। कहने लगे कि हम सबने आपस में मिलकर जालसाजी कर तेरा पैसा निकाल लिया है, साथ महरौनी शाखा में जमा अन्य जमाकर्ताओं के भी पैसे हम लोगों ने निकाल कर बंदरबांट कर लिया है। वे बोले कि तू जो बिगाड़ सके बिगाड़ ले, तू बेड़िया जाति का नीच व्यक्ति है और ज्यादा शिकायतें करेगा तो तुझे रनगांव से उठवाकर लखनऊ या कानपुर अपने क्षेत्र में ले जाकर मरवा देंगे। उन्होंने करीब दो घण्टे तक अपशब्द बोलकर मेरा मानसिक उत्पीड़न किया। इससे मैं भयभीत व मानसिक परेशान हो गया हूं पीड़ित हरदास पुत्र हल्कू ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में उल्लिखित किया कि इस सम्बन्ध में मैने थाना मड़ावरा व् पुलिस अधीक्षक ललितपुर के समक्ष भी शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही अमल में न लाये जाने के चलते न्यायालय की शरण ली।
न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के क्रम में थाना मड़ावरा प्रभारी निरीक्षक उदयभान गौतम ने सहारा इंडिया शाखा महरौनी के शाखा प्रबंधक माहेश्वरी पटेल,सेक्टर वर्कर केसव प्रसाद मौर्य,बी डी मिश्रा,मण्डल प्रमुख प्रदीप श्रीवास्तव, टेरेटरी प्रमुख विजय कुमार वर्मा आदि पर धोखाधड़ी, जालसाजी व पीड़ित को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने की सुसंगत भा द संहिता की धाराओं 420, 467, 468, 469, 471, 504, 506 व हरिजन उत्पीड़न की धारा3/1 द, ध के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी।