सहारा को लेकर एक आडियो वायरल हुआ जिसमें दो लोग बात कर रहे हैं और एक सज्जन सहारा के शीर्ष प्रबंधन को लेकर बढ़ चढ़ कर नकारात्मक बातें बोले जा रहे हैं. दूसरे सज्जन इसमें श्रोता की भूमिका में हैं.
सहारा प्रबंधन ने बढ़ चढ़ कर नकारात्मक बातें बोलने वाले वीरेंद्र प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई कर के उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया. वहीं खबर मिली है कि दूसरे सज्जन डीपी सिंह को भी सहारा से मुक्त कर दिया गया है.
पैराबैंकिंग से जुड़े इन दोनों शख्स को हटाए जाने के बाद बिहार में सहारा से जुड़े एजेंटों और निवेशकों में तरह तरह की चर्चाएं हैं. वीरेंद्र प्रसाद और डीपी सिंह दोनों ने एजेंटों को मोटिवेट करके आम जनता के करोड़ों रुपये सहारा में जमा करवाए हैं. कंपनी से हटाए जाने के बाद अब ये दोनों बागी मुद्रा में आ चुके हैं.
डीपी सिंह की तरफ से बताया गया कि उन्होंने तो वीरेंद्र प्रसाद की नकारात्मक बातचीत का आडियो खुद ही प्रबंधन को भेजा ताकि संज्ञान लेकर समुचित कार्यवाही कर सके. पर उल्टे उन्हीं को कंपनी से हटा दिया गया. ये तो कहीं से भी न्याय नहीं है.
ज्ञात हो कि वीरेंद्र प्रसाद और डीपी सिंह दोनों लोगों ने अपनी अपनी पत्नियों के नाम से सहारा पैराबैंकिंग की एजेंसी ले रखी थी. अब इन दोनों की पत्नियों को सेवामुक्त कर दिया गया है.
देखें डीपी सिंह को हटाए जाने का पत्र-
उपरोक्त कार्रवाई के बाद डीपी सिंह और उनकी पत्नी द्वारा सहारा प्रबंधन को भेजा गया पत्र पढ़ें-
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