: मांगें नहीं मानी तो मुंबई सहारा के सभी प्रतिष्ठानों के बाहर आंदोलन होगा : जो सहारा इण्डिया अपने आपको विश्व का विशालतम परिवार का दावा करता है और जिसके अनुशासन में सहारा प्रणाम जैसी प्रामाणिकता हैं उस संस्थान के गोरेगांव कार्यालय में ज़िदाबाद मुर्दाबाद के नारे बुधवार को दिन भर खूब गूंजे. सहारा कर्मचारी यूनियन के करीब तीन सौ कार्यकर्ताओं ने ऑल इण्डिया एचआरहेड अली अहमर ज़ैदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव कर लिया था और करीब सात घंटों के प्रबंधन के जद्दोजहद के बाद आंदोलन इस बात पर खत्म हुआ कि अड़तालिस घंटों में पिछले महीने की तनख्वाह और ६ महीनों की बकाया तनख्वाह का भुगतान करें.
यह आंदोलन बुधवार को सबेरे शुरू हुआ जब लखनऊ कमाण्ड कार्यालय से ऑल इण्डिया एचआर हेड अली अहमर ज़ैदी और मानस मित्रा गोरेगांव दफ्तर पहुंचे. यह अधिकारी कर्मचारी यूनियन का पक्ष सुनने आए थे लेकिन जब कर्मचारियों को बातचीत के बाद प्रबंधन की ओर से तनख्वाह के मुद्दे पर कोरा आश्वासन मिला तो करीब तान सौ कर्मचारियों का गुस्सा फूट गया. इन कर्मचारियों ने इसके बाद सभी अधिकारियों का घेराव शुरू कर दिया जिसमें कार्यालय में सभी के बाहर जाने को रोक दिया गया. दिन भर चले इस आंदोलन के बाद शाम को गोरेगांव पुलिस थाने के अधिकारी भी परिसर में पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने में जुट गए.
कर्मचारी यूनियन की मांग थी कि उन्हें तनख्वाह भुगतान पर आश्वासन लिखित में दिया जाए जिस पर प्रबंधन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का नाम लिया जिसके बाद यूनियन ने इन सभी बातों को लिखित में देने का आग्रह किया लेकिन प्रबंधन ने सब सिरे से खारिज कर दिया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन की बात को मानते हुए यूनियन ने प्रबंधन को ४८ घंटे का समय दिया है जिसके अंदर मांगें न पूरी होने पर मुंबई में सहारा इण्डिया के सभी प्रतिष्ठानों के बाहर आंदोलन शुरू करने का निर्णय किया है जिनमें सहारा स्टार, गोरेगांव ऑफिस, सहारा श्री के छोटे पुत्र सीमांतो रॉय के घर बाहर और सहारा पैराबैंकिंग के सभी दफ्तरों के बाहर सहारा इण्डिया कामगार संगठन के कर्मचारी आंदोलन शुरू करेंगे.
संगठन के पदाधिकारी इससे पहले प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे व मुंबई पुलिस कमिश्नर से भी मिल चुके हैं. संगठन के पदाधिकारी विशाल मोरे के अनुसार परिवार तो पहले ही भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो चुका है, ऐसे में खुद और परिवार को ज़िंदा रखना है तो इस प्रबंधन से लड़ना ही पड़ेगा. दूसरी तरफ प्रबंधन की ओर से आज इस मुद्दे पर दिनभर मीडिया को गलत व भ्रामक खबरे देकर मीडिया प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश करते रहे. प्रबंधन के इस अड़ियल रवैये को देखते हुए अब सोमवार से शुरू हो रहे आंदोलन में वरिष्ठ अधिकारियों के घरों और प्रतिष्ठानों पर धरना प्रदर्शन के अलावा आमरण अनशन समेत कई तरह के आंदोलन देखने को मिल सकती है.
ajay
September 11, 2015 at 1:43 pm
majaa aa gayaa
raj
September 12, 2015 at 8:55 am
galat baat
C M Shukla
September 12, 2015 at 6:24 am
Badahi ho I like it keep it up…….
Durga,
September 10, 2015 at 4:15 pm
Sahara PRABANDHAN SHARIR SE MAJBOOT HATTHA KATHA SAHARA KARMIYON KA CHAYAN KAR RAHA HAI, JO MARSHAL KA BHI KAAM KAR SAKE. ISKE LIYE PADHE LIKHE HONE KI JAROORAT NAHI HAI. PATNA ME HATHA KATHA UNIT HEAD KA CHAYA KAR LIYA GAYA HAI. MEDIA HEAD RAJESH KUMAR KE KARIBI SAMBANDHI HAIN. SABHI UNIT KE LIYE AISE HI LOGON KI KHOJ HO RAHI HAI.
Salim Sayyad
September 11, 2015 at 6:42 am
Monday se management ki nind haram kar denge
hum, ye mumbai hay koi aur city nahi hai jo ye
log dara dhamkakar office band kar denge,
hum inki intse int baja denge…..
pramod
September 11, 2015 at 6:55 am
Well done
harikant
September 11, 2015 at 6:57 am
माँगे नही मानी गयी तो और भयंकर आन्दोलन होगा सभी भाईयों से अनुरोध है की भूखे पेट की लडाई मे सब आगे आये
Sachin Kadam
September 11, 2015 at 7:16 am
Good job
Anil Malekar
September 11, 2015 at 9:32 am
good job sirji great…..
Rakesh
September 11, 2015 at 9:45 am
Ab nahi jage to bacha huwa paisa be milna muskil ho jayega. ab to ek ho jao yaro, kab tak dar ke jiyoge.
Ashok k
September 14, 2015 at 2:28 am
तो क्या नोएडा वाले चूड़िया पहने है। वे क्यों नहीं आंदोलन कर रहै। एक तरफ वे भूखे मर रहे है और दूसरी तरफ मैनेंजमेंट की दलाली भी कर रहे हैं। सात महीने की बकाया सैलरी डूब जाएगी तब अक्ल आएगा क्या। नोएडा और देश के दूसरे शहरों के सहाराकर्मियों को मुंबई से सीख लेकर आंदोलन पर उतर जाना चाहिए। ध्यान दीजिए, आप अभी भी नहीं जागे तो वक्त आपको कभी माफ नहीं करेगा औप आप केवल पछताएंगे