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सहारा कर्मी ने बकाया सेलरी के लिए श्रम विभाग में की लिखित शिकायत

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सेवा में,

क्षेत्रीय श्रम आयुक्त
श्रम विभाग, नोएडा

विषय: सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क में बकाया भुगतान एवं संस्थान के सीआईओ सुमित राय , एच आर हेड अली अहमर जैदी, चैनल प्रमुख, संजय मिश्रा एवं ग्रुप एडिटर रमेश अवस्थी, व राव वीरेंद्र सिंह द्वारा मानसिक व आर्तिक रुप से प्रताड़ित करने के संबंध में

महाशय,

सविनय निवेदन है कि मैं प्रवीण कुमार पांडव नगर, जनता गार्डन, दिल्ली-110091 का निवासी हूं। उपरोक्त विषय के संबंध में मैं आपका ध्यान निम्न बिन्दुओं पर आकर्षित करना चाहता हूं।

  1. 22 फरवरी , 2000 को मेरी नियुक्ति सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क, सेक्टर-11, नोएडा में लाइट एसिसटेंट के रुप में हुई थी।

2.मैं तब से पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ संस्थान के साथ जुड़ा हूं । मेरी लगन और मेरी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए मुझे सीनियर साउंड रिकॉर्डिस्ट/सीनियर ऑफिसर के पद पर पदोन्नत किया गया ।

3.वर्ष 2014 में सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क की पेरेंट कंपनी सहारा इंडिया की आर्थिक स्थिति खराब होनी शुरु हुई, जिसका असर हमारे संस्थान पर भी पड़ा और वेतन अनियमित हो गया।

  1. तब से लेकर आज तक मुझे कभी पूरा वेतन नहीं मिला। नतीजा यह है कि आज की तारीख में सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क पर मेरे करीब 12 लाख रुपये बकाया है।
  2. संस्थान बकाये पैसे का न तो भुगतान कर रहा है न ही कोई हिसाब दे रहा है।
  3. सभी सरकारी नियम कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए संस्थान हमारे पीएफ के पैसे का भी कोई हिसाब नहीं दे रहा है।
  4. अपना बकाया पैसा मांगने पर संस्थान के सीआईओ सुमित राय , एच आर हेड अली अहमर जैदी, चैनल प्रमुख, संजय मिश्रा एवं ग्रुप एडिटर रमेश अवस्थी, व राव वीरेंद्र सिंह मुझे तरह -तरह से मानसिक व आर्तिक रुप से प्रताड़ित कर रहे हैं। बिना कोई उचित कारण बताए, मुझे रांची ट्रांसफर कर दिया गया है।
  5. संस्थान ट्रांसफर के दौरान हमें किसी भी रुप से आर्थिक मदद देने को भी तैयार नहीं है।
  6. हर दो महीने पर 25 से 30 हजार रुपये पाकर मैं, अपना परिवार चलाऊं या रांची का सफर और वहां अपनी गृहस्थी कैसे जमाऊं, यह मेरी समझ से बाहर है।
  7. मैं ट्रांसफर आदेश मानने को तैयार हूं,लेकिन मुझे अपना बकाया दिलवाया जाए।
  8. सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क प्रबंधन को लेकर आपके कार्यालय में पहले भी कई शिकायतें दर्ज है।
  9. मैं सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क प्रबंधन को उनके पत्र का जवाब और अपनी मजबूरियां आधिकारिक रुप से बता चुका हूं, लेकिन प्रबंधन चुप्पी साधे बैठा है। साफ है, उनकी मंशा प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाने वालों का जोर जबरदस्ती से दबाने की है।

अत : आपसे आग्रह है कि श्रम कानून के तहत मामले की उचित जांच कर सहारा इंडिया प्रबंधन के उपरोक्त अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए मुझे मेरा बकाया वेतन दिलाने व पीएफ राशि की अद्तन जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें और मुझे न्याय दिलाने का कृपा करें।

भवदीय
प्रवीण कुमार
E Code: 57478

प्रतिलिपि:
1) माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
2.) मुख्य सचिव, श्रम विभाग, लखनऊ, यूपी
3.) पुलिस कमिश्नर, नोएडा

  1. प्रधानमंत्री कार्यालय, लोक कल्याण मार्ग , नई दिल्ली

इसके पहले मेल द्वारा अपने वरिष्ठों से की गई शिकायत देखें-

Dear Sumit Roy/Sanjay Mishra/HR, 

Please refer to my mail dated 21 January 2023 in reference to your Office Order Ref. No.SIM/NOIDA/HR/MPP/777287 dated 20/01/2023.

In context of the same I am yet to receive any communication from your end. Hence, it is requested to please look into the matter and arrange to do the needful at the earliest so that I can proceed ahead towards honoring the Office Order.

Further to this, it is very much surprising and hurting that on Monday i.e., on 23/01/2023 when I reach office I was not allowed to enter in the office with ill treatment as if I am not a Staff of yours and is like a terrorist.

Sir, on the one side you are instructing me to join my new place of positing within 7-days and on the other end you are silent on the payment of my dues salaries as requested in my earlier mail mentioning all my problems and now even  not allowing me to enter the office premises either to discuss about the new place of positing and clear other formalities like “No Due position of mine”  before leaving this place. It is also very much surprising that in your Office Order you even haven’t mentioned anything about the Person whom I should contact along a proper address of the  office.

I therefore request you to please look into the matter and arrange to do the needful at the earliest so that I can move ahead in positive mindset.

Praveen Kumar
Sr Sound Recordist/ Sr Officer
E Code: 57478   

View Comments

  • Well done Bro.
    You have taken a right decision.
    Please Move on.
    ये तो डूबता जहाज है। अब इसमें सफर करना ठीक नहीं है।

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