आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी बड़ी कंपनी में पैसे लगाने और लगवाने वाले हजारों लोग लखनऊ जैसे शहर में इकट्ठे हो जाएं, विरोध प्रदर्शन करें, नारेबाजी करें, कंपनी के प्रतिनिधियों से वार्ता करें और इसकी खबर मीडिया वाले दबा जाएं. आज की पेड मीडिया की यही हकीकत है. न्यूज चैनल हों या अखबार, सब के सबस सहारा समूह के विज्ञापनों के चलते मुंह बंद किए हुए हैं. उधर, सहारा में पैसे लगाकर फंसे देश भर के करोड़ों लोग लगातार परेशान हैं और तरह तरह से अपनी परेशानी का इजहार कर रहे हैं.
सुब्रत राय के जन्मदिन 10 जून को देश भर से लखनऊ में इकट्ठे हुए हजारों सहारियन ने प्रदर्शन कर न्याय मांगा. सुब्रत राय तो वार्ता के लिए नहीं आए पर प्रशासन की तरफ से एसीएम सिन्हा ने सहारियन कामगार संस्थान के प्रतिनिधियों से बात की. सहारियन कामगार संस्थान द्वारा इको गार्डन आलमबाग लखनऊ में देश भर से आए जमाकर्ता अभिकर्ता कार्यकर्ता इकट्ठे हुए परंतु सहाराश्री सुब्रत राय वार्ता के लिए नहीं पहुंचे. प्रशासन की तरफ से एसीएम श्री सिन्हा ने पीड़ितों की समस्याएं सुनकर समस्याओं से संबंधित पत्र लिया और सुब्रत राय से जल्द से जल्द वार्ता करवाने का आश्वासन दिया.
जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने कहा कि जमाकर्ता अभिकर्ता और कार्यकर्ता का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रयास होगा कि जल्द से जल्द सहारा श्री सुब्रत राय अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर समस्याओं का निराकरण करें नहीं तो पीड़ित जमाकर्ता अभिकर्ता और कार्यकर्ता पूरे देश में सहारा ग्रुप मैनेजमेंट के खिलाफ आंदोलन करेगा.
इस मंच का संचालन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री एलिसन कैचिके ने किया. इस सभा में देश के विभिन्न राज्यों से आए अभिकर्ता और जमाकर्ता सहारा इंडिया कंपनी द्वारा भुगतान न देने की अपनी पीड़ा को मंच के माध्यम से रखा. इसमें भुवनेश्वर से श्री सुनील दास, ब्यावर से श्री गिरिधर, दिल्ली से वीके श्रीवास्तव, पंजाब से विशाल आर्य, अलीगढ़ से श्री अनिल सारस्वत ने अपनी बात रखी. प्रशासन की तरफ से आए एसीएम ने देशभर से आए हुए सदस्यों को आश्वस्त किया और कार्रवाई के लिए पंद्रह दिन का समय मांगा. मंच से संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री राम तिवारी, मंत्री सुनील तिवारी, कोषाध्यक्ष अरुण दीक्षित, घनश्याम सिंह, रत्नेश्वर श्रीवास्तव, अखिलेश मिश्रा, संतोष शर्मा आदि ने वक्तव्य रखा.
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Sitaram Singh Rathore
June 12, 2019 at 8:12 pm
Very nice work all agent Sania Kamgar Sansthan Lucknow
Joy
June 12, 2019 at 9:00 pm
इस का मतलब भाजपा सरकार भी मिली हुई है
भारत
June 13, 2019 at 2:35 pm
सहारा के कुछ उच्च प्रबंधक कुछ ऐसा तरकीब अपनाते है कि सहारा के हर यूनिट में अराजक स्थिथि बनी रहे. एक महिना पहले राष्ट्रीय सहारा में स्लैब वेतन को लेकर सब कुछ ठीक चल रहा था , किन्तु प्रबंधकों को अच्छा नहीं लगा. इस महीने से काम करने वाली सभी कर्मियों के स्लैब से पांच हजार की कटौती कर दी और अपने स्लैब में लाख रुपये तक बढ़ोतरी करवा ली. वह रे न्याय. 30 हजार स्लैब देखा नहीं गया और घटा कर 25 हजार करा दी. यह सब सहारा को अस्थिर करने के लिए किया गया है.