नोएडा राष्ट्रीय सहारा में तीसरे दिन रविवार को भी मीडिया कर्मियों एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। इसके साथ ही लखनऊ, देहरादून, वाराणसी, पटना आदि यूनिटों से भी रविवार रात को कार्यबहिष्कार जारी रहा। वाराणसी से सूचना है कि वहां के संपादक स्नेह रंजन को कर्मचारियों ने दौड़ा लिया। वह पिटते-पिटते बचे। लखनऊ में संपादक मनोज तोमर ने कुटिल चाल चलते हुए कुछ मीडिया कर्मियों को बारी बारी से अपने चेंबर में बुलाकर धमकाया और फुसलाया मगर संपादकीय विभाग के कर्मी काम करने पर सहमत नहीं हुए। तोमर ने धमकाने के अंदाज में उनकी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ओपी श्रीवास्तव से फोन पर बात कराई लेकिन बात बनी नहीं।
नोएडा में पूरी तरह हड़ताल जारी है। प्रबंधन ने हड़तालियों से कहा कि सोमवार को पांच लोगों को चेयरमैन सुब्रत रॉय से मिलवा दिया जाएगा। इससे हड़ताली कर्मियों ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वे चेयरमैन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सामूहिक रूप से बात करेंगे। इस पर सहमति को देखते हुए सोमवार को संभव है कि चेयरमैन से वीडियो कांफ्रेंसिंक के जरिये कोई समझौता वार्ता हो। हड़तालियों का कहना है कि यदि सुब्रत राय से बात संभव न हो तो कंपनी के एमडी जयब्रत रॉय से भी आश्वासन मिल जाए तो वे काम पर लौटने को तैयार हैं। बताया जाता है कि सुब्रत राय के छोटे भाई जयब्रत राय को संस्थान ने इस समय साइड लाइन कर रखा है। उनका पावर राजेश सिंह को दे दिया गया है, जिनकी बात मानने को कर्मचारी तैयार नहीं हैं।
लखनऊ में देर शाम मिली सूचना के मुताबिक सहारा कर्मी कार्य बहिष्कार पर आमादा रहे। संपादक मनोज तोमर ने उनमें से दो तीन लोगों को बारी बारी से बुलाकर उल्टा-सीधा पाठ पढ़ाया लेकिन उनकी एक नहीं चली। उन्होंने यहां तक कहा कि बिना संपादकीय के अखबार छाप दीजिए। बातचीत के दौरान उन्होंने दबाव बनाने के लिए मीडिया कर्मियों की फोन पर मैनेजिंग डाइरेक्टर ओपी श्रीवास्तव से बात कराई, धमकाया, फुसलाया, मगर कार्य बहिष्कार पर कर्मी अडिग रहे। लोकल रिपोर्टिंग सेक्शन में एकमात्र सुनंदा डे दो एक जूनियर रिपोर्टरों को लेकर काम में जुटी हुई थीं। इससे संस्थान के मीडिया कर्मियों में काफी रोष देखा गया।
सूत्रों के मुताबिक पटना सहारा में भी रविवार को पुनः बहिष्कार जारी रहा। कभी खुद को कम्युनिस्ट कहते रहे पटना सहारा के संपादक दयाशंकर राय ने शनिवार को धोखे से एडिशन निकलवा लिया था। बाद में कर्मचारियों ने माजरा समझा और रविवार को फिर बहिष्कार शुरू हो गया। इसी तरह गोरखपुर, वाराणसी, देहरादून से भी रविवार शाम बहिष्कार की सूचनाएं हैं। पता चला है कि शनिवार की शाम वाराणसी सहारा के संपादक स्नेह रंजन पिटते पिटते बचे। काम कराने के प्रयासों के दौरान उनकी बहिष्कार कर रहे कर्मियों से गर्मागर्मी हो गई। कर्मचारियों ने उन्हे दौड़ा लिया। किसी तरह वह बच गए।
Dada
July 12, 2015 at 5:13 pm
Sahara prabandhan ne kaha hai ki saharakarmiyon ke liye majithiya lagu kar diya gaya hai. Dekhe is baat me kitni sachayi hai.
BADAKA DADA
July 12, 2015 at 6:25 pm
EK NA EK SAMA JALAYE RAKHEYE SUBHAH HONE KO HAI, MAHOL BANAYE RAKHEYE
bhaskar
July 12, 2015 at 7:09 pm
सहारा मामले में प्रमुख सचिव श्रम से की हस्तक्षेेप की मांग – उपजा
राष्ट्रीय सहारा लखनऊ में कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार जारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने सहारा प्रबंधन द्वारा अखबार कर्मियों को पिछले कई माह से वेतन न दिये जाने की निंदा की है। वेतन न मिलने से अखबारकर्मियों ने हडताल का रूख कर लिया है। लखनऊ के कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार कर दिया है । उपजा की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला ने प्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम से मांग की है कि वह तत्काल सहारा मामले में हस्तक्षेप करें और श्रमिकों को उनका हक दिलायें।
उत्तर प्रदेेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला के साथ वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार,भाषा के ब्यूरो प्रमुख प्रमोद गोस्वामी, वरिष्ठ पत्रकार वीर विक्रम बहादुर मिश्र, सर्वेश कुमार सिंह,वीरेन्द्र कुमार सक्सेना, सुनील त्रिवेदी, लखनऊ इकाई के कोषाध्यक्ष मंगल सिंह,उपाध्यक्ष सुशील सहाय,मंत्री अनुराग त्रिपाठी,सहित अनेक पत्रकारों ने सरकार से मांग की है कि वह सहारा के श्रमिकों के साथ न्याय करें।
मालूम हो कि लखनऊ, देहरादून, वाराणसी, पटना आदि यूनिटों से भी रविवार रात को कार्यबहिष्कार जारी रहा। इसके साथ ही नोएडा राष्ट्रीय सहारा में तीसरे दिन रविवार को भी मीडिया कर्मियों एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही।
वाराणसी से सूचना है कि वहां के संपादक स्नेह रंजन को कर्मचारियों ने दौड़ा लिया। वह पिटते-पिटते बचे।
नोएडा में पूरी तरह हड़ताल जारी है। प्रबंधन ने हड़तालियों से कहा कि सोमवार को पांच लोगों को चेयरमैन सुब्रत रॉय से मिलवा दिया जाएगा। इससे हड़ताली कर्मियों ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वे चेयरमैन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सामूहिक रूप से बात करेंगे। इस पर सहमति को देखते हुए सोमवार को संभव है कि चेयरमैन से वीडियो कांफ्रेंसिंक के जरिये कोई समझौता वार्ता हो। हड़तालियों का कहना है कि यदि सुब्रत राय से बात संभव न हो तो कंपनी के एमडी जयब्रत रॉय से भी आश्वासन मिल जाए तो वे काम पर लौटने को तैयार हैं। बताया जाता है कि सुब्रत राय के छोटे भाई जयब्रत राय को संस्थान ने इस समय साइड लाइन कर रखा है। उनका पावर राजेश सिंह को दे दिया गया है, जिनकी बात मानने को कर्मचारी तैयार नहीं हैं।
लखनऊ में देर शाम मिली सूचना के मुताबिक सहारा कर्मी कार्य बहिष्कार पर आमादा रहे। संपादक मनोज तोमर ने उनमें से दो तीन लोगों को बारी बारी से बुलाकर पाठ पढ़ाया लेकिन उनकी एक नहीं चली। उन्होंने यहां तक कहा कि बिना संपादकीय के अखबार छाप दीजिए। बातचीत के दौरान उन्होंने दबाव बनाने के लिए मीडिया कर्मियों की फोन पर मैनेजिंग डाइरेक्टर ओपी श्रीवास्तव से बात कराई, धमकाया, फुसलाया, मगर कार्य बहिष्कार पर कर्मी अडिग रहे। लोकल रिपोर्टिंग सेक्शन में एकमात्र कर्मचारी दो एक जूनियर रिपोर्टरों को लेकर काम में जुटे रहे। इससे संस्थान के मीडिया कर्मियों में काफी रोष है।
पटना सहारा में भी रविवार को पुनः बहिष्कार जारी रहा। पटना सहारा के संपादक दयाशंकर राय ने शनिवार को धोखे से एडिशन निकलवा लिया था। बाद में कर्मचारियों ने माजरा समझा और रविवार को फिर बहिष्कार शुरू हो गया। इसी तरह गोरखपुर, वाराणसी, देहरादून से भी रविवार शाम बहिष्कार की सूचनाएं हैं। पता चला है कि शनिवार की शाम वाराणसी सहारा के संपादक स्नेह रंजन पिटते पिटते बचे। काम कराने के प्रयासों के दौरान उनकी बहिष्कार कर रहे कर्मियों से गर्मागर्मी हो गई। कर्मचारियों ने उन्हे दौड़ा लिया।
(अरविन्द शुक्ला)
अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन
लखनऊ इकाई
दिनांक- 12.07.2015
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
लखनऊ।