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सियासत

ऐसे भी हैं तब्लीगी!

कोरोना के संदर्भ में तब्लीगी जमात के कुछ हज़ार लोगों के अंधविश्वासों और मूर्खताओं का नतीज़ा हम देख चुके हैं। उनके प्रति देश का गुस्सा जायज़ है, लेकिन उनपर कोरोना आतंक या कोरोना जेहाद के आरोपों से सहमत नहीं हुआ जा सकता। देश के शहरों की सब्जी मंडियों, राशन की दुकानों, सहायता केंद्रों और बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ते हम हर रोज़ देख रहे हैं।

ऐसा करने वालों में हर मज़हब के बेवकूफ लोग शामिल हैं। उनमें से सिर्फ़ मुसलमानों को टारगेट और अपमानित करना सड़ी हुई साम्प्रदायिक मानसिकता है जिसे बनाने में देश की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बड़ी भूमिका अदा की है। देश के ताज़ा हालात बता रहे हैं कि तब्लीगियों को अपनी गलती का अहसास हो गया है। वे समझ चुके हैं कि अल्लाह भी उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद करते हैं।

कोरोना की प्लाज्मा थेरेपी की सफलता की खबरों के बीच बड़ी संख्या में इस जमात के संक्रमण-मुक्त हुए लोगों ने अपने देशवासियों के लिए अपना खून और प्लाज्मा देने की पेशकश की है। बहुत सारे लोग अस्पताल पहुंचकर ऐसा कर भी रहे हैं।हमारे देश की यही खूबसूरती है। ऐसे सारे लोगों को हमारा सलाम!

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किसी की गलतियों या अंधविश्वासों की आलोचना तो ठीक है, लेकिन हर घटना को सांप्रदायिक रंग देकर देश को ज़हनी या भावनात्मक तौर पर बांटने की कोई भी कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी मानसिकता के तहत अभी कुछ लोगों ने पालघर में संतों की हत्या को भी हिन्दू-मुस्लिम एंगल देने की नाकाम कोशिश की थी। देश पर आए किसी भी संकट का मुक़ाबला हम सभी देशवासियों को मिलकर ही करना होगा। किसी मुसीबत का सांप्रदायिकरण कर वस्तुतः हम अपने देश की जड़ें ही खोद रहे होते हैं।

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1 Comment

1 Comment

  1. Manish

    April 27, 2020 at 12:52 pm

    in Jamat walon ke khoon se thik hona koi bhi nahin chahega. Thookne, shouch karne, Nurshon ke aagey nange hone, Peshab karne, Chhup kar rahne aur naa jaane kya kya? Agar in khabron ko sach mana jaye to inki tulna aap unse mat kijiye jo anya log lockdown tod rahe hain. Lockdown kai log tod rahen hain par apne ghar jaane ki lalak ke liye, Apni roji roti ke liye, Apne ghar me saag bhaji, aata, chawal laane ke liye, kisi galatfahmi ke liye. Jaan kar badtamiji kar ke Corona ke prati laparwahi karne aur Galti ho jaane me difference hai.
    Jamat walon ne apne vishwas khoya hai aur chand logon ne apne koum ko hamesha ke liye badnaam kar diya hai.

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