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समाचार प्लस राजस्थान चैनल का शटर डाउन, यूपी-यूके चैनल भी चुनाव तक चलने के आसार!

एक बड़ी चर्चा टीवी जगत से आ रही है. खबर है कि समाचार प्लस, राजस्थान का शटर डाउन किया जा रहा है. तीस जून आखिरी वर्किंग डे होगा. इसके बाद यह चैनल नाम मात्र को रहेगा यानि केवल प्रतीकात्मक तौर पर दिखेगा. चर्चा तो यह भी है कि समाचार प्लस यूपी उत्तराखंड भी बस विधानसभा चुनावों तक का मेहमान है. कारण बताया जा रहा है कि चैनल को संचालित करने वाली कंपनी घाटे में चल रही है और फाइनेंसर ने आगे समाचार प्लस के साथ बिजनेस करने से मना कर दिया है.

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एक बड़ी चर्चा टीवी जगत से आ रही है. खबर है कि समाचार प्लस, राजस्थान का शटर डाउन किया जा रहा है. तीस जून आखिरी वर्किंग डे होगा. इसके बाद यह चैनल नाम मात्र को रहेगा यानि केवल प्रतीकात्मक तौर पर दिखेगा. चर्चा तो यह भी है कि समाचार प्लस यूपी उत्तराखंड भी बस विधानसभा चुनावों तक का मेहमान है. कारण बताया जा रहा है कि चैनल को संचालित करने वाली कंपनी घाटे में चल रही है और फाइनेंसर ने आगे समाचार प्लस के साथ बिजनेस करने से मना कर दिया है.

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समाचार प्लस राजस्थान के ज्यादातर स्टाफ को एक महीने की एडवांस सेलरी देकर 30 जून के बाद न आने को कह दिया गया है. इन्हें निकाले या हटाए जाने का लिखित नोटिस नहीं दिया जा रहा. सिर्फ मुंहजुबानी बोलकर सबको हटाया जा रहा है. एक महीने की एडवांस सेलरी देकर कई तरह के एहसान गिनाए जा रहे हैं और इंप्लाइज को बोला जा रहा है कि मार्केट में कई चैनल आ रहे हैं, नौकरी आराम से मिल जाएगी.

चैनल की एचआर श्वेता सिंह इंप्लाइज से कह रही हैं कि यहां तो एक महीने की एडवांस सेलरी दी भी जा रही है, दूसरे चैनल्स ने बंद होने के बाद इंप्लाइज को कुछ नहीं दिया. 30 जून से चैनल बंद किए जाने का एनाउंसमेंट समाचार प्लस में 21 जून को किया गया. इंप्लाइज को धमकाया भी गया कि अगर लेबर कोर्ट गए तो वहां भी कुछ नहीं होने वाला. जो सेलरी मिल रही है उसी में खुशी मनाओ और एहसान मानो चैनल का. समाचार प्लस राजस्थान में इस भयंकर छंटनी के बाद अब मात्र दस लोग बचे हैं. सीनियर लेवल के लोगों जैसे आउटपुट इंचार्ज, एसाइनमेंट हेड, वीडियो एडिटर हेड आदि को तीन चार महीने की एडवांस सेलरी देने का लालच देकर मुंह बंद करा दिया गया है ताकि वो लोग जूनियर्स का साथ न दें. बेचारे असिस्टेंट और ट्रेनी अपने हक की लड़ाई भी नहीं लड़ पा रहे. उनको सीनियर लोग दबाव बनाकर पकड़े हुए हैं.

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इस बीच, समाचार प्लस से ही मिली एक अन्य सूचना के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने स्टिंग आपरेशन के बाद चैनल को दिए जाने वाला विज्ञापन बंद कर दिया है. इससे समाचार प्लस के यूपी यूके चैनल की आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो गई है. समाचार प्लस को फंड करने वाली रजनीगंधा ब्रांड की कंपनी डीएस ग्रुप उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का स्टिंग आपरेशन किए जाने के बाद से तनाव में है. डीएस ग्रुप के लोग मूलत: व्यापारी हैं और वे किसी पोलिटिकल पार्टी से सीधा टकराव लेने की इच्छा नहीं रखते.

भाजपा के इशारे पर किए गए स्टिंग आपरेशन के बाद समाचार प्लस चैनल कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के निशाने पर आ गया है और उत्तराखंड में हरीश रावत की वापसी के बाद से डीएस ग्रुप सशंकित है. चैनल के लगातार घाटे में चलने और कांग्रेस के निशाने पर चैनल के संचालनकार्ताओं के आने के बाद परेशान डीएस ग्रुप अब इस मीडिया बिजनेस से निकलने की कवायद तेज कर चुका है. इसी के तहत राजस्थान चैनल में भयंकर छंटनी कर इसे मृत्युशय्या पर डाला जा रहा है. कहा जा रहा है कि यूपी और उत्तराखंड में चुनाव बाद वहां भी चैनल के कामकाज को समेट लिया जाएगा या फिर बेहद सीमित कर दिया जाएगा. यानि कि चुनाव बाद समाचार प्लस यूपी यूके में भयंकर छंटनी तय है.

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एक अन्य जानकारी के मुताबिक समाचार प्लस के शेयर होल्डर और प्रधान संपादक उमेश कुमार ने लखनऊ व देहरादून में सांध्य दैनिक मिड डे एक्टिविस्ट का जो प्रयोग किया था, वह असफल रहा. दोनों ही राजधानियों में अखबार का प्रकाशन बंद हो चुका है. सिर्फ फाइल कापी का प्रकाशन किया जा रहा है. दोनों जगहों के संपादकों ने इस्तीफा देकर अलग अलग जगहों पर ज्वाइन कर लिया है. कई सारे इंप्लाइज की सेलरी बकाया है लेकिन उन्हें कुछ नहीं दिया गया. मिडडे एक्टिविस्ट देहरादून के संपादक चेतन गुरुंग ने इस्तीफा देकर वीकएंड टाइम्स, देहरादून में संपादक के रूप में ज्वाइन कर लिया है जबकि मिडडे एक्टिविस्ट लखनऊ के संपादक मोहम्मद ताहिर ने राजधानी लखनऊ से ही प्रकाशित होने जा रहे हिन्दी सांध्य दैनिक द डेलीग्राफ में बतौर स्थानीय सम्पादक पदभार ग्रहण कर लिया है.

कई मीडियाकर्मियों से मिले इनपुट, कई पत्रकारों के आए फोन और भड़ास को आई कुछ ई-चिट्ठियों पर आधारित. अगर उपरोक्त खबर में उल्लखित तथ्यों में कोई कमी दिखे तो भड़ास का ध्यान नीचे दिए गए कमेंट बाक्स के जरिए या फिर [email protected] पर मेल करके आकृष्ट किया जा सकता है.

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5 Comments

5 Comments

  1. Raj

    June 27, 2016 at 7:16 am

    असल में खबर ये है कि उमेश कुमार जो अपने आप को मीडिया का एक टायकून मानते है और अपनी तुलना बड़े पत्रकारों में करते है, जिनकी वाही वाही कुछ ऐसे चुनिंदा लोग करते है जो उनके चैनल में कार्यरत हैं या फिर जिनको नौकरी मिलने की आशा है, आप उनकी फॉलोवर लिस्ट देख सकते है चंद वो लोग बार बार उनकी पोस्ट को लाइक करते है. दरअसल उमेश कुमार को अपना भविष्य हासिये पर दिखने लगा है, ये पत्रकार नहीं ब्लैकमेलर है जो मीडिया की छवि गिरI रहे है. जबसे इन महाशय ने रावत का स्टिंग किया है तब से इन महाशय से सभी पोलिटिकल पार्टी ने दूरिया बड़ा ली है, अब तो अखिलेश भाई साहब नाश्ते पर क्या अपने गेट के आस पास फटकने नहीं देते।
    ये भाई साहब पहले बिल्कुल फक्कड़ थे, इनका आप पत्रकारिता का पिछले हिसाब देखे तो इनके पास ब्लैकमेलिंग के अनुभव के अलावा कुछ नहीं है. एक पत्रकार जो अपने को बोलता है, इतनी अकूत संपत्ति कहा से आई. हरक सिंह रावत ने भी फंडिंग के अलावा क्या ऐसे धन्दे थे. आप भाईसाहब की अकूत संपत्ति देख कर तो रजनीगंधा के मालिकों और हरक सिंह रावत को भी शर्म की स्थिति पैदा होती होगी और इन्होने सोचना भी चाहिए। महाशय कभी अपने गाड़ियों के बेड़े की, तो कभी अपने जहाजों के बेड़े की, तो कभी अपने फार्म हाउसों, तो कभी अपने राजमहलों की फोटो डालते हैं. शर्म तो तब आती है जब कुछ घटिया पत्रकार लाइक करते हैं और उसपर टिप्पड़ियाँ देते हैं. पत्रकार है लेकिन १५ – २० पुलिस वालो के साये में चलते है.
    ये पत्रकारिता के सिपाही है या मज़ाक हैं. ऐसे ही लोगो ने पत्रकारिता को शर्मशार कर दिया है. सरकार ने इन पत्रकार महाशय की भी जाँच करवानी चाहिए, असलियत सामने आ जाएगी।

  2. ashirwad

    July 4, 2016 at 3:39 pm

    एक बड़ी चर्चा टीवी जगत से आ रही है. खबर है कि समाचार प्लस, राजस्थान का शटर डाउन किया जा रहा है. तीस जून आखिरी वर्किंग डे होगा. इसके बाद यह चैनल नाम मात्र को रहेगा यानि केवल प्रतीकात्मक तौर पर दिखेगा. चर्चा तो यह भी है कि समाचार प्लस यूपी उत्तराखंड भी बस विधानसभा चुनावों तक का मेहमान है. कारण बताया जा रहा है कि चैनल को संचालित करने वाली कंपनी घाटे में चल रही है और फाइनेंसर ने आगे समाचार प्लस के साथ बिजनेस करने से मना कर दिया है.

    समाचार प्लस राजस्थान के ज्यादातर स्टाफ को एक महीने की एडवांस सेलरी देकर 30 जून के बाद न आने को कह दिया गया है. इन्हें निकाले या हटाए जाने का लिखित नोटिस नहीं दिया जा रहा. सिर्फ मुंहजुबानी बोलकर सबको हटाया जा रहा है. एक महीने की एडवांस सेलरी देकर कई तरह के एहसान गिनाए जा रहे हैं और इंप्लाइज को बोला जा रहा है कि मार्केट में कई चैनल आ रहे हैं, नौकरी आराम से मिल जाएगी.

    चैनल की एचआर श्वेता सिंह इंप्लाइज से कह रही हैं कि यहां तो एक महीने की एडवांस सेलरी दी भी जा रही है, दूसरे चैनल्स ने बंद होने के बाद इंप्लाइज को कुछ नहीं दिया. 30 जून से चैनल बंद किए जाने का एनाउंसमेंट समाचार प्लस में 21 जून को किया गया. इंप्लाइज को धमकाया भी गया कि अगर लेबर कोर्ट गए तो वहां भी कुछ नहीं होने वाला. जो सेलरी मिल रही है उसी में खुशी मनाओ और एहसान मानो चैनल का. समाचार प्लस राजस्थान में इस भयंकर छंटनी के बाद अब मात्र दस लोग बचे हैं. सीनियर लेवल के लोगों जैसे आउटपुट इंचार्ज, एसाइनमेंट हेड, वीडियो एडिटर हेड आदि को तीन चार महीने की एडवांस सेलरी देने का लालच देकर मुंह बंद करा दिया गया है ताकि वो लोग जूनियर्स का साथ न दें. बेचारे असिस्टेंट और ट्रेनी अपने हक की लड़ाई भी नहीं लड़ पा रहे. उनको सीनियर लोग दबाव बनाकर पकड़े हुए हैं.

    इस बीच, समाचार प्लस से ही मिली एक अन्य सूचना के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने स्टिंग आपरेशन के बाद चैनल को दिए जाने वाला विज्ञापन बंद कर दिया है. इससे समाचार प्लस के यूपी यूके चैनल की आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो गई है. समाचार प्लस को फंड करने वाली रजनीगंधा ब्रांड की कंपनी डीएस ग्रुप उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का स्टिंग आपरेशन किए जाने के बाद से तनाव में है. डीएस ग्रुप के लोग मूलत: व्यापारी हैं और वे किसी पोलिटिकल पार्टी से सीधा टकराव लेने की इच्छा नहीं रखते.

    भाजपा के इशारे पर किए गए स्टिंग आपरेशन के बाद समाचार प्लस चैनल कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के निशाने पर आ गया है और उत्तराखंड में हरीश रावत की वापसी के बाद से डीएस ग्रुप सशंकित है. चैनल के लगातार घाटे में चलने और कांग्रेस के निशाने पर चैनल के संचालनकार्ताओं के आने के बाद परेशान डीएस ग्रुप अब इस मीडिया बिजनेस से निकलने की कवायद तेज कर चुका है. इसी के तहत राजस्थान चैनल में भयंकर छंटनी कर इसे मृत्युशय्या पर डाला जा रहा है. कहा जा रहा है कि यूपी और उत्तराखंड में चुनाव बाद वहां भी चैनल के कामकाज को समेट लिया जाएगा या फिर बेहद सीमित कर दिया जाएगा. यानि कि चुनाव बाद समाचार प्लस यूपी यूके में भयंकर छंटनी तय है.

    एक अन्य जानकारी के मुताबिक समाचार प्लस के शेयर होल्डर और प्रधान संपादक उमेश कुमार ने लखनऊ व देहरादून में सांध्य दैनिक मिड डे एक्टिविस्ट का जो प्रयोग किया था, वह असफल रहा. दोनों ही राजधानियों में अखबार का प्रकाशन बंद हो चुका है. सिर्फ फाइल कापी का प्रकाशन किया जा रहा है. दोनों जगहों के संपादकों ने इस्तीफा देकर अलग अलग जगहों पर ज्वाइन कर लिया है. कई सारे इंप्लाइज की सेलरी बकाया है लेकिन उन्हें कुछ नहीं दिया गया. मिडडे एक्टिविस्ट देहरादून के संपादक चेतन गुरुंग ने इस्तीफा देकर वीकएंड टाइम्स, देहरादून में संपादक के रूप में ज्वाइन कर लिया है जबकि मिडडे एक्टिविस्ट लखनऊ के संपादक मोहम्मद ताहिर ने राजधानी लखनऊ से ही प्रकाशित होने जा रहे हिन्दी सांध्य दैनिक द डेलीग्राफ में बतौर स्थानीय सम्पादक पदभार ग्रहण कर लिया है

  3. lalbahadur bhakhar

    September 11, 2016 at 5:30 am

    खबर सही नहीं है सर समाचार प्लस चल रहा है

  4. priti singh

    July 19, 2018 at 3:51 pm

    i want to join your channel

  5. priti singh

    July 19, 2018 at 3:52 pm

    please sir…send me any no or email id..

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