प्रोफेसर मटुकनाथ के साथ बड़ा बुरा हुआ. जूली जी भी छोड़कर चली गईं. पुरनकी गुरुआइन तो पहले ही छोड़ दी थीं। एक दशक पहले लवगुरु के रूप में चर्चा पाए प्रोफेसर मटुकनाथ निरीह तन्हा हो गए हैं. जिस प्रेमिका के लिए उन्होंने पत्नी और समाज का साथ छोड़ा था वह प्रेमिका जूली उन्हें छोड़ कर चली गई है. दरअसल, उनकी माशूका जूली कुमारी अब आध्यात्मिक खोज में निकल गई हैं. इस बारे में लव गुरु मटुकनाथ का कहना है कि कोई नहीं जानता हालात कैसे बदल गए. हमारे साथ यह कैसे हुआ. हम दोनों एक दशक से एक साथ रह रहे थे. गौरतलब है कि साल 2004 में जब जूली और मटुकनाथ मिले थे तब मटुकनाथ 51 साल के थे.
जब साल 2004 में जूली और मटुक के प्यार की कहानियां अखबारों और टीवी न्यूज चैनल्स की हेडलाइन बनने लगी तो पटना के बीएन कॉलेज जहां मटुकनाथ चौधरी हिंदी के प्रोफेसर थे, ने उन्हें कॉलेज से निकाल दिया. मटुक की पत्नी ने टीवी पत्रकारों के साथ उस घर पर छापा तक पड़वाया जहां वह जूली के साथ लिव इन में रह रहे थे. तब पत्नी का आरोप था कि मटुक स्टूडेंट्स को ज्यादा नंबर देने का वादा करके प्रलोभन देते थे। इसके बाद मटुकनाथ ने तलाक के लिए अर्जी भी दे दी थी. वे अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता भी दे रहे थे.
मटुकनाथ का कहना है कि करीब चार साल पहले जूली की रूचि अध्यात्म में जागी और वे पुड्डुचेरी, ऋषिकेश, पुणे में ओशो आश्रम में समय बिताने लगी। आखिर में उन्होंने तय किया कि वे पूर्ण रूप से अध्यात्म की शरण लेंगी. उनके इस निर्णय में उनका साथ देती हुए मटुकनाथ ने उन्हें मुक्त किया. हालांकि अब मटुक खुद बिल्कुल अकेले हैं और उनका बेटा तक उनसे बात नहीं करता है. मटुकनाथ अक्टूबर में पटना यूनिवर्सिटी से रिटायर हो जाएंगे. उनकी योजना रिटारमेंट के बाद भागलपुर में छात्रों के लिए प्रेम पाठशाला खोलने की है.