लगता है संत प्रसाद काफी प्रिय हैं हेमंत शर्मा और अजीत अंजुम को. तभी तो संत प्रसाद द्वारा एक बार शुरुआत में टीवी9 समूह को गच्चा दिए जाने के बावजूद हेमंत शर्मा और अजीत अंजुम ने इन्हें गले लगा लिया है. गच्चा देने वाले संत प्रसाद को अबकी काफी बड़ा पद दे दिया गया है. मैनेजिंग एडिटर का. विनोद कापड़ी द्वारा टीवी9 ग्रुप को अलविदा कहने के कारण यह पद खाली था.
टीवी9समूह के हिंदी चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ की लांचिंग के वक्त जब भर्ती चल रही थी तो संत प्रसाद ने इंडिया टीवी को छोड़कर टीवी9 भारतवर्ष जाने का ऐलान कर दिया था. लेकिन आखिर वक्त में गच्चा दे दिया. वे इंडिया टीवी में ही रुक गए. चर्चा थी कि उन्हें रजत शर्मा ने अच्छा खासा पैकेज व प्रलोभन देकर रोक लिया. संत प्रसाद द्वारा टीवी9 भारतवर्ष का आफर ठुकरा दिए जाने के कारण मार्केट में टीवी9 भारतवर्ष की काफी किरकिरी हुई. यहां तक कहा गया कि लगता है इस चैनल को लांच करने वालों की साख ऐसी नहीं कि इनके आफर को दूसरे चैनलों में काम करने वाले पत्रकार कुबूल कर सके.
इंडिया टीवी के सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर संत प्रसाद को महीनों बाद टीवी9 भारतवर्ष ने न सिर्फ दुबारा हाथ-पांव जोड़कर अपने यहां बुलाया है बल्कि मैनेजिंग एडिटर जैसे पद का आफर भी दे दिया है. इस नए डेवलपमेंट से टीवी9 भारतवर्ष की जगहंसाई हो रही है. लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या इस चैनल के प्रबंधन के उपर संत प्रसाद को रखने के लिए कोई अघोषित किस्म का बड़ा दबाव है जो आफर ठुकराने वाले को बड़े से बड़ा पद देकर ज्वाइन कराने के लिए तत्पर हैं?
ज्ञात हो कि संत प्रसाद को इंडिया टीवी भी अजीत अंजुम ही लेकर गए थे. यही अजीत अंजुम टीवी9 भारतवर्ष की लांचिंग के वक्त संत को लाना चाह रहे थे. सब कुछ फाइनल होने के बाद संत प्रसाद ने अजीत अंजुम को ऐलानिया धोखा दे दिया. संत प्रसाद के व्यवहार को पेशेवर नहीं माना गया. अगर ऑफर लेटर ले लिया था तो संस्थान बदलने के फैसले पर अड़े रहकर विश्वास और भरोसे का सम्मान करना चाहिए था. पर संत प्रसाद ने टीवी9 भारतवर्ष जाने से मना करके सबके भरोसे को तोड़ा. साथ ही अपनी जुबान, अपनी बात, अपने कहे से मुकर गए.
अब उन्हीं संत प्रसाद को टीवी9 भारतवर्ष मैनेजिंग एडिटर के रूप में ज्वाइन करा रहा है. लोगों का कहना है कि टीवी9 भारतवर्ष का प्रबंधन एक के बाद एक जिस तरह के फैसले कर रहा है, उससे वह खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है. फिलहाल मीडिया मार्केट में यह संदेश है कि टीवी9 भारतवर्ष अब पूरी तरह अजीत अंजुम के कब्जे में आ चुका है. अजीत अंजुम का आतंक पूरे न्यूज रूम में है. वह हर क्षण टीवी स्क्रीन पर दिखने के लिए बेताब हैं. इस बात की चर्चा सोशल मीडिया में भी कई लोग विस्तार से कर रहे हैं जिसे भड़ास पर जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा.
पिछले साल 8 दिसंबर को भड़ास पर प्रकाशित ये खबर भी पढ़ें-
Pradeep
June 25, 2019 at 6:05 pm
संत को गच्चा इंडिया टीवी भी दे सकता है।इंडिया टीवी पहले लोगों को लालच देकर रोकता है।बाद मैं उनको हरास करता है जो कह कर रोका जाता वह उनको देता । और यही कारण संत के टीवी9 मैं आने का। क्योंकि वहाँ पर काफी लोगों के साथ ये हो चुका है। मैं उन लोगों का उधारण नहीं देना चाहता।
Amit
June 25, 2019 at 6:19 pm
मीडिया के जब खुद के कोई सिद्धांत नहीं तो पत्रकार आखिर कब तक ढोएंगे सिद्धांतो का टोकरा ? सिद्धांतों से रोटी नहीं मिलती साहब l हालांकि काफ़ी वक़्त मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रहा संत प्रसाद जी के बारें में सुना जरूर लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं इन्हें नहीं जानता लेकिन जो आपकी पोस्ट में अभी पढ़ा उसे पढ़कर मैं उन्हें गलत नहीं कहूंगा l आज के दौर में सिद्धांत नाम की कोई चीज़ नहीं l ज़माना मतलबी है पत्रकारों का भी परिवार हैं,उनके भी बच्चे हैं अगर वो भी ठीक तरीके से बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अपने हित के बारें में सोचता है तो इसमें कोई बुराई नहींl कुछ तो योग्यता होगी इनकी जो चैनल इनके लिए पलके बिछाये बैठा है वरना मतलब की इस दुनियां में यूं ही कोई किसी को भी बार बार नहीं बुलाताl