मुरादाबाद से मजीठिया का दावा पेश करने वाले पहले क्रांतिकारी संतोष सिंह का केस अंतिम पड़ाव पर पहुंचा… हिन्दुस्तान मुरादाबाद में बतौर सिटी चीफ कार्य करने वाले संतोष सिंह को हिन्दुस्तान मुरादाबाद के सम्पादक मनीष मिश्रा के स्थानांतरण के बाद नवांगुत सूर्य कान्त द्ववेदी ने अपने पूर्व व्यक्तिगत द्वेष के चलते हाशिये पर डाल दिया.
पिछले साल अपैल माह में भेजे जाने वाले अप्रेजल में संतोष की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया. संपादक ने संतोष को इतना मजबूर कर दिया कि वो इस्तीफा दे दें.
पर संतोष सिंह ने हार न मानी. संतोष ने अपनी पदोन्नति न होने पर नए आए संपादक सूर्यकांत से सवाल पूछा- ”आपने यहां आने के अपने मात्र 3 माह में कार्यकाल में किस मापक यंत्र से मेरी कार्यशैली एवं दक्षता का आकलन कर लिया?” इस सवाल के पूछे जाने पर भड़के सूर्यकांत ने संतोष को कार्य स्थल पर आने पर रोक लगा दी.
इसके पश्चात संतोष सिंह ने DLC मुरादाबाद में एक केस फाइल किया. उन्होंने हिन्दुस्तान मुरादाबाद संस्करण अखबार पर मजीठिया वेज बोर्ड द्वारा निर्धारित दर से भुगतान न दिए जाने का आरोप लगाया. इस वाद के दायर किए जाने के बाद उन्होंने मजीठिया के हिसाब से भुगतान क्लेम किया.
इस वाद के निस्तारित न हो पाने के कारण मात्र तीन माह में इसे लेबर कोर्ट रामपुर स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ पर अनेक तारीखों के बावजूद हिन्दुस्तान मुरादाबाद की ओर से न तो कोई मजबूत साक्ष्य उपलब्ध कराया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दाखिल किया गया. श्रम न्यायालय में संतोष सिंह की गवाही हो चुकी है. अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी. इस मामले में मार्च तक फैसला आने की पूरी उम्मीद है.