Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

सत्य पाल मलिक गवर्नर होकर भी कितना खरा बोलते हैं! प्रधानमंत्री को चैलेंज और तारीफ़ भी, एकदम बेधड़क!

प्रमोद कुमार पांडेय-

मेरठ कॉलेज, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से राजनीति की शुरुआत करने वाले वहाँ छात्र संघ अध्यक्ष रहे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की धारा समाजवादी राजनीति की रही है। बतौर छात्रनेता भी जे पी मूवमेंट उनकी सक्रिय भूमिका रही। जनता दल में वीपी सिंह के साथ रहे। फिर भाजपा से जुड़े। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के बने। अभी मेघालय हैं।
किसान आंदोलन से शुरुआत कर अब लगातार बेधड़क बोल रहे हैं। वे प्रधानमंत्री को चैलेंज करते हैं और तारीफ़ भी! एकदम बेधड़क…

Advertisement. Scroll to continue reading.

“Corruption पर कोई compromise करने की ज़रूरत नहीं है।”

” आज मैं सीना ठोक के कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री के पास सारी संस्थाएँ हैं और मेरी सारी जाँच करवा लें, मैं ऐसे ही बेधड़क रहूँगा क्योंकि मेरे पास कुछ नहीं है।”

ठीक बात है। ईमानदारी आगे सब फेल है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

“…..मैंने प्रधानमंत्री जी से वक़्त लिया और उनसे मिलने गया। उनको मैंने कहा कि साहब ये फ़ाइल हैं। ये इसमें घपला है। ये लोग इसमें involved हैं। ये आपका नाम लेते हैं। आप बताएँ कि क्या करना है। अगर इसको कैन्सल नहीं करना है तो मैं छोड़ देता हूँ, किसी दूसरे को लगा दीजिए मेरी जगह। मैं रहूँगा तो इसको होने नहीं दूँगा। मैं इस बात की तारीफ़ करूँगा प्रधानमंत्री की के उन्होंने कहा कि नहीं सतपाल corruption पर कोई compromise करने की ज़रूरत नहीं है। मैंने वो किया और कश्मीर में जो कि इतनी corrupt state है कि आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते। सारे देश में commission 4-5% माँगा जाता है, कश्मीर में 15% माँगा जाता है। उस स्टेट में दहशत हो गयी और मेरे रहते कोई करप्शन का बड़ा काम नहीं हुआ।”

सर्वप्रिया सांगवान-

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेघालय के गवर्नर सत्य पाल मलिक, कल राजस्थान में एक समारोह के दौरान बोल रहे थे। उनके भाषण में भ्रष्टाचार पर ज़ोर था। बिहार के भ्रष्ट एजुकेशन सिस्टम पर भी बोला, वे वहां भी गवर्नर रहे थे। किसान आंदोलन के पक्ष में भी बोल चुके हैं। कश्मीर के भी गवर्नर रह चुके हैं. उनके भाषण का कुछ हिस्सा लिखा है-

“आदमी की सबसे बड़ी ताक़त उसकी ईमानदारी है। मेरी oath हो रही थी जब मंत्री की तो वीपी सिंह जी ने मुझे कहा कि सतपाल संभल कर काम करना। मैंने पूछा कि क्यों। कहने लगे कि बेईमानी करने के बाद प्रधानमंत्रियों से नहीं लड़ा जा सकता। और हम दोनों को प्रधानमंत्रियों से लड़ना है। लिहाज़ा पाक साफ़ रहना है। मैं जो कश्मीर से लौटने के बाद किसानों के लिए बोल दिया बेधड़क, अगर मैं कश्मीर में कुछ कर लेता तो मेरे घर तो ED पहुँच जाती सबसे पहले, income tax वाले पहुँच जाते। आज मैं सीना ठोक के कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री के पास सारी संस्थाएँ हैं और मेरी सारी जाँच करवा लें, मैं ऐसे ही बेधड़क रहूँगा क्योंकि मेरे पास कुछ नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

“मेरे कश्मीर में जाने के बाद दो फ़ाइलें मेरे पास आयी। एक में तो अंबानी इन्वॉल्व्ड थे। एक में संघ के बड़े अफ़सर हैं, वो थे। पुराने महबूबा के सरकार के मिनिस्टर थे जो अपने को प्रधानमंत्री के बहुत नज़दीक बताते थे। दोनों विभाग के secretaries ने मुझे ये बताया कि साहब इसमें घपला है। मैंने दोनों डील कैन्सल कर दिए। secretaries ने मुझे ये भी बताया कि साहब डेढ़-डेढ़ सौ करोड़ रुपया इसमें आपको मिल सकता है। मैंने कहा कि मैं तो पाँच कुर्ते-पायजामे लेकर आया हूँ, ऐसे ही चला जाऊँगा। लेकिन एहतियातन मैंने प्रधानमंत्री जी से वक़्त लिया और उनसे मिलने गया। उनको मैंने कहा कि साहब ये फ़ाइल हैं। ये इसमें घपला है। ये लोग इसमें involved हैं। ये आपका नाम लेते हैं। आप बताएँ कि क्या करना है। अगर इसको कैन्सल नहीं करना है तो मैं छोड़ देता हूँ, किसी दूसरे को लगा दीजिए मेरी जगह। मैं रहूँगा तो इसको होने नहीं दूँगा। मैं इस बात की तारीफ़ करूँगा प्रधानमंत्री की के उन्होंने कहा कि नहीं सतपाल corruption पर कोई compromise करने की ज़रूरत नहीं है। मैंने वो किया और कश्मीर में जो कि इतनी corrupt state है कि आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते। सारे देश में commission 4-5% माँगा जाता है, कश्मीर में 15% माँगा जाता है। उस स्टेट में दहशत हो गयी और मेरे रहते कोई करप्शन का बड़ा काम नहीं हुआ।”

“फारूक अब्दुल्ला रोशनी ऐक्ट लाये थे कि ये सरकारी ज़मीनें हैं। हम ठीक-ठाक दाम पर दे देंगे। इससे जो रुपया मिलेगा उससे बिजली की हालात सुधारेंगे। बिजली की हालत तो सुधरी नहीं। कई एकड़ का प्लॉट फारूक अब्दुल्ला को मिल गया। उनके बेटे को मिल गया। महबूबा को मिल गया। मुझे जब लोगों ने शिकायत कि तो मैंने पता करवाया। तो पता चला कि बिलकुल ऐसा ही है। मैंने वो सारा कैन्सल कर दिया और उसकी जाँच बैठा दी। अब वहाँ जाँच भी सरकारी संस्थाएँ करती हैं। वो भी डरते हैं कि कल को ये आ जाएँगे। तो वहाँ बहुत अच्छी एक लेडी जज चली गयीं थी। मैंने उन लोगों को कहा कि जज साहब के पास चले जाओ। तो वो high court में चले गए। मिस मित्तल थीं और उन्होंने सारा मामला सीबीआई को पकड़ा दिया। अब सब नेताओं के बंगले cancel हो गए। सबकी ज़मीनें cancel हो गयीं।”

Advertisement. Scroll to continue reading.

“मैंने Jammu के अपने चीफ़ कमिश्नर को कहा कि जम्मू के आस-पास जो ज़मीनें हैं उनका survey करो। उन्होंने बताया कि बहुत ज़मीन पड़ी है ख़ाली लेकिन आपके हटते ही क़ब्ज़ा कर लेंगे लोग। मैंने कहा क्यों, तो बोले कि महबूबा के लोगों को तो देर ही नहीं लगती क़ब्ज़ा करने में। खूँटा गाड़ के भैंस बांध देता है। यही अब्दुल्ला का काम है। मैंने पूछा कि क्या करूँ। बोले कि इसको कर दो। मैंने कहा कि मैं इसको बाँटने का नहीं हूँ। ना मैं इसको बेचने का हूँ। आप एक काम करो। मेरे यहाँ तीन corps है Army की। तीन Lieutenant General पढ़ते थे कश्मीर में। इन तीनों को बुलाकर आर्मी को ज़मीन दे दो। मैंने वो सारी ज़मीन फ़ौज को बँटवा दी। बची हुई पुलिस के क्वॉर्टर बनवाने के लिए दे दी। आज एक इंच ज़मीन ऐसी नहीं है जिस पर कोई क़ब्ज़ा कर ले। या उसे खा जाए।”

“ये क़रीब क़रीब सब जगह हालत है देश की।”

Advertisement. Scroll to continue reading.

भाषण सुनना हो तो इस लिंक पर क्लिक करें-

https://fb.watch/8NWofJkk2m/

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement