बिहार के सबसे छोटे जिले शेखपुरा में सरकारी योजनाओं में मची लूट की खबर जब एक पत्रकार लिखना शुरू करता है तो जिलाधिकारी ने उसे फर्जी केस लगाकर शेखपुरा थाना कांड संख्या 140/2020 में जेल भिजवा दिया। जब पत्रकार जेल से बेल लेकर बाहर आया तो उसने फिर एक खबर सोशल मीडिया पर लिख दी। इस खबर को सोशल मीडिया से डिलीट कराने के लिए दबाव बनाने रात एक बजे उसके घर पुलिस भिजवा दिया गया। प्रेशर बनाकर डीएम ने सोशल मीडिया से पोस्ट हटवा दिया।
हिंदी दैनिक के पत्रकार का नाम ललन प्रसाद है। जिले में कई योजनाओं, कोरन्टीन सेंटरों और आपदा राहत में मची लूट की खबर लिखने वाले पत्रकार पर एससी/एसटी एक्ट के तहत फर्जी केस अनुसूचित जाति/जनजाति थाना कांड संख्या 21/2020 करवा दी गई।
पत्रकार ललन ने अपने उत्पीड़न के बारे में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, प्रधान मंत्री, डी जी पी बिहार, डीआईजी मुंगेर बिहार को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
हिन्दी दैनिक के पत्रकार ललन प्रसाद का आरोप है कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने में जिले के नगर क्षेत्र के अहियापुर वार्ड के वार्ड पार्षद के पति शहवाज खान और उपभोक्ता फोरम सदस्य अजित कुमार सिन्हा की भी भूमिका संदेह के घेरे में है। ये दोनों स्थानीय जदयू के विधायक रणधीर कुमार सोनी के चट्टे-बट्टे हैं और उन्ही के इशारे पर फर्जी मुकदमा कराया गया है।
राजद के प्रदेश महासचिव विजय सम्राट ने विधायक के इन दोनों दलालों की प्रापर्टी की जांच अन्वेषण ब्यूरो से कराने की मांग उठाई है। इन दोनों ने कैसे अकूत सम्पत्ति पैदा की, इसकी जांच होनी चाहिए। पत्रकार ललन प्रसाद ने विधायक के कारनामे को अभी हाल ही में उजागर किया था। प्रवासी मजदूरों द्वारा विधायक से रोजगार मांगे जाने पर विधायक सोनी ने कहा था कि जो बाबूजी तुमको पैदा किये हैं वो रोजगार दिए क्या? यह कहते हुए एक वीडियो व खबर पत्रकार ललन प्रसाद ने ही चलाई थी। उसको लेकर विधायक सोनी आग बबूला हो गया था। इसी बात को लेकर डीएम के इशारे पर विधायक अपने दोनों गुर्गों से साजिश करवाकर एक मांझी से केस करवाया।
सम्राट ने कहा कि इसमें विधायक के खिलाफ सीएम को लिखा जा रहा है। पत्रकार के ऊपर इस तरह के हमले को विपक्षी पार्टी ने भी गम्भीरता से लिया है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से भी इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पीड़ित पत्रकार ने गुहार लगाई है।
विजय सिंह
June 7, 2020 at 11:04 pm
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन संज्ञान लें।
Rajesh Kumar
June 8, 2020 at 8:16 pm
आकंठ डूबे घोटालेबाजों का भण्डाफोड़ने का जो कार्य दिलेरी से किया वो सराहनीय कदम है। रही बात हुक्मरानों की तो अपने आकाओं के गुलाम हैं।
हनक दिखा कर चौथे सतम्भ के बचे खम्भों को गिराने व ध्वस्त करने का कार्य 2014 से ही हो रहा है।