विजय शंकर चतुर्वेदी-
…और एक शिंदे ये हैं…
अपने जनसत्ता, मुंबई के दिनों में मैंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री, पूर्व ऊर्जा मंत्री, आंध्रप्रदेश के पूर्व राज्यपाल सुशील कुमार शिंदे के जाति प्रमाण-पत्र को लेकर बावेला मचते देखा था. उनके दलित होने पर प्रश्नचिह्न खड़े किए गए थे. आजकल यह उपनाम फिर से चर्चा में है. मैंने इसके बारे में सामग्री जुटाने का प्रयास किया, तो जाहिर हुआ…
शिंदे लोग अपना शजरा 300 ईसवी के सेंद्रक राजवंश से जोड़ते हैं, जिसने महाराष्ट्र और कर्नाटक के हिस्सों पर 1000 ईसवी तक अधिकांश समय राज किया था. चंद्रवल्ली (चित्रदुर्ग) जिला में प्राप्त शिलालेख में सिंद/शिंदे वंश का उल्लेख है. कोंकण-गोवा के कदंब राजघराने की राजकुमारी से आजानबाहु सिंद के विवाह का भी उल्लेख मिलता है.
चालुक्य वंश के पुलकेशिन द्वितीय (609-642 ईसवी) के मामा जी श्रीवल्लभ सेनानंद राव सेंद्रक घराने के ही थे. नवसारी जिले के बगुम्रा दानपत्र में भी सेंद्रक राजाओं की छोटी-सी वंशावली मिलती है.
आगे चलकर शिंदे घराने की तीन शाखाएं हो गईं- कराड, जुन्नर और शिंदवाड़ी की शाखा. बहमनी साम्राज्य के दौरान कोंकण का शिंदे रविराव घराना प्रसिद्ध था.
तब का शिंदे घराना ख़ुद को नागवंशी मानता था और आज के शिंदे भी यही मानते हैं.
महाराष्ट्र के मौजूदा शिंदे उपनाम का अंग्रेज़ीकरण है- सिंधिया, जैसे ठाकुर का टैगोर.
शिंदे की मूल जाति कुनबी है, जिन्हें मध्यकाल के बाद से शूद्र माना जाने लगा था. संभवतः राजपाट छिन जाने और प्रभुत्व क्षीण होने का असर होगा.
पेशवाकालीन शिंदे घराने के संस्थापक राणोजी थे, जिन्हें सातारा के कन्हेरखेड़ (कोरेगांव तालुका) में पाटीलगीरी मिली थी. पेशवा बाजीराव प्रथम ने राणोजी की स्वामिभक्ति देखकर उन्हें पदोन्नति देते हुए अपना अंगरक्षक नियुक्त किया था. इससे पहले वह पेशवा के जूते/चप्पल की रखवाली में तैनात थे. आगे चलकर राणोजी ने एक से बढ़कर एक मराठा सूरमा तैयार किए.
शिंदे मराठा बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और मूलतः कृषक होते थे, जैसे कि होलकर धनगर बिरादरी के हैं, जो मूलतः पशुपालक होते थे.
पेशवाई के दौरान शिंदे सरदार संपूर्ण भारत में मराठा अभियानों की प्रमुख शक्ति और विशाल राजपरिवार का हिस्सा बन गए. ग्वालियर घराना इन्हीं शिंदे/सिंधिया का है.
पानीपत की तीसरी लड़ाई में वीरता दिखाने के लिए शालपेकर शिंदे (एक शाखा, जैसे पिंगोरीकर, सिलीमकर आदि) तो पाणीपते शिंदे ही बजने लगे थे.
…और एक एकनाथ शिंदे भी हैं.