Yashwant Singh : अखिलेश यादव जैसा बेचारा और धूर्त मुख्यमंत्री खोजे नहीं मिलेगा… बेचारा इसलिए कि खुद कोई फैसला नहीं ले सकते… धूर्त इसलिए कि चोरों और भ्रष्टाचारियों का नेता बन शासन चला रहे लेकिन खुद के बोल ऐसे होते हैं जैसे उनके जैसा इन्नोसेंट कोई दूसरा नेता नहीं. यह धूर्तता ही तो है कि जो आप हो, उसे छुपा कर एक नई लेकिन झूठी छवि निर्मित करने की कोशिश कर रहे हो जिससे जनता भ्रमित होकर बहकावे में आकर वोट दे जाए… सबको पता है कि अगली बार भी सीएम बने तो यही सब चोर उचक्के लुटेरे मंत्री बनेंगे और यही सब काकस घेरे रहेगा… ऐसे में सिवाय एप्प लांच करने और खुद की मार्केटिंग-ब्रांडिंग करने के, दूसरा कोई काम नहीं होगा… हां, जंगलराज इससे भी भयानक रूप में बदस्तूर जारी रहेगा… सारी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए एंड्रायड स्मार्ट फोन देने का जो नारा अखिलेश ने दिया है, वह एक तरह से वोट पाने के लिए रिश्वत देने जैसा है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल किया जाना चाहिए. आप पांच साल के जंगलराज को एक स्मार्टफोन देकर नहीं ढंक सकते.
अपने भ्रष्टतम और दागी मंत्री गायत्री प्रजापति को बस कुछ दिन के लिए हटा पाया…फिर से उस चोर को अपनी टीम में ले लिया.. काहे भाई… चलो छोड़ो.. अब ये बताओ कि अपने लिए तो छह सात सौ करोड़ का नया सीएम आफिस बना लिए हो… हमारे गाजीपुर जिले के लोगों के लिए ठीकठाक सड़क भी मयस्सर नहीं कराए… देखिए, क्या हाल है गाजीपुर की सड़कों का.. कहने को ये बौद्ध परिपथ की सड़क है लेकिन यहां रोजना एक्सीडेंट में दर्जनों लोग घायल होते हैं… शुक्रिया भाई Braj Bhushan Dubey जी जिन्होंने इन खराब सड़कों के मुद्दे को जोर शोर से उठाया और इस पर अभियान चला रहे हैं… दुबे जी लगातार गाजीपुर जिले की मूलभूत समस्याओं को लेकर सक्रिय रहते हैं और शासन-सत्ताधारियों की नींद हराम किए रहते हैं…
दुबे जी के ताजा अभियान के बारे में पढ़ने के लिए क्लिक करें : यूपी के जंगलराज में बौध परिपथ पर रोज गिरता है खून…. गाजीपुर में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शुरू किया ‘आपरेशन एनएच’
इसी गाजीपुर से महान पत्रकार अच्युतानंद मिश्रा के भतीजे विजय मिश्रा भी मंत्री हैं… ओम प्रकाश सिंह मंत्री हैं… ऐसे लाल बत्ती वालों की संख्या चार से ज्यादा बताई जाती है है.. लेकिन ये सब के सब आंख के अंधे हो चुके हैं… इन्हें कुछ दिखाई नहीं देता… ये सभी अपने आकाओं के नक्शेकदम पर चलते हुए सारी की सारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा उगाही के लिए करते रहते हैं…
अखिलेश यादव से लोगों को बहुत उम्मीदें थीं लेकिन यह आदमी चूं चूं का मुरब्बा बन चुका है.. न छवि साफ सुथरी रही और न ही कोई विकास कार्य किया… जैसा जंगलराज कायम है, उसे ही चलते देने का नाम अखिलेश यादव है. सोचिए, किसी करप्ट अफसर के यहां कोई छापा डलवा पाया अखिलेश यादव? कोई चोर अफसर कभी अरेस्ट हुआ? इसलिए क्योंकि सारे चोर और करप्ट तो अखिलेश यादव के राज में इनके खानदानियों से संरक्षण पाए हुए हैं… सो, लूटकांड का जो महान दौर यूपी में रचा गया है, उसके सिरमौर अखिलेश बाबू ही कहे जाएंगे… लाख ये किंतु परंतु लेकिन इफ बट आदि लगाएं… लेकिन जनता बस एक बात जानती है कि अखिलेश राज में जन जन का जीवन ज्यादा दूभर हो गया है और चोरों लुटेरों भ्रष्टाचारियों की जय जयकार मची हुई पड़ी है…
शासन सत्ता में उपर से नीचे तक चोर ही चोर भरे हुए हैं… ढेर सारे पैसे देकर अच्छी पोस्टिंग पाओ और जमकर कमाओ… इस पूरे लूट प्रदेश में अजीब किस्म के दानव राज की दुर्गंध फैली हुई है जिसमें किसके साथ क्या कब कहां घटित हो जाएगा, कहा नहीं जा सकता… पत्रकार दिनदाहड़े जला फूंक दिए जाते हैं, हत्यारे मंत्री बने रहते हैं… जो सच बोलने की कोशिश करेगा, वह मारा जाएगा या जेल जाएगा… जो झूठ चापलूसी भ्रष्टाचार के साथ खड़ा होकर यसमैन बना रहेगा, उसकी तरक्की दिन दूनी रात चौगुनी होती जाएगी. नौकरशाही का आलम ये है कि प्रदेश में सारे कामधाम ठप है. किसी को किसी से कोई डर भय नहीं. कोई उत्तरदायित्व-जवाबदेही नहीं. बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स ठप पड़ चुके हैं. बस केवल ब्रांडिंग और मार्केटिंग का खेल जारी है. चेहरा चमकाने की कोशिशों में सब व्यस्त हैं. अब तो पता ही नहीं चलता कि यूपी में कोई मुख्य सचिव भी है… कोई डीजीपी भी है… तो क्या अखिलेश ऐसे ही यसमैन चाहते हैं ताकि न कोई काम हो और न उन पर उंगली उठे? यानि नो वर्क, नो क्वेश्चनमार्क… किंकर्तव्यविमूढ़ता की हद है…
इस यादव खानदान को मुगालता हो चुका है कि वे चाहें जो करें, सत्ता में तो उन्हें आना ही है… देखते हैं यूपी की जनता क्या तय करती है… लेकिन फिलहाल तो अपन का यही कहना है कि भई, अखिलेश के चेहरे मोहरे पर मत जाओ… यह रीढ़विहीन युवा न कोई कड़ा फैसला ले सकता है और न ही दागियों-भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन कर सकता है. यह शिशु सीएम सिर्फ अच्छी अच्छी बकलोली कर सकता है जिस पर उसके चमचे वाह वाह भर कर कह लिख बोल सकते हैं… ऐसा कोई भी नहीं जो अखिलेश यादव को बता सके कि वह एक ऐतिहासिक मौका खो चुके हैं… वह चाहते तो उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचारियों से मुक्त कर खुद को जबरदस्त लोकप्रिय नेता बना सकते थे लेकिन अखिलेश की हालत यूं हो गई है कि न खुदा मिला न बिसाले सनम.
भड़ास के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह की एफबी वॉल से. संपर्क : [email protected]
यूपी में जंगलराज की दर्जनों कहानियां पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : अखिलेश राज कुछ और नहीं, बस एक भयंकर जंगला राज का उन्नत नाम…
Mukesh Yadav
October 3, 2016 at 11:29 am
तो फिर अबकी बार भाजपा…बसपा…या कांग्रेस ? …बसपा को भी आप गरियाते थे…सपा को भी…भाजपा को भी तो इस कांग्रेस होनी चाहिए….कुछ नहीं बदलेगा…सिर्फ चेहरे बदलेंगे…और लोकतंत्र का ये नंगा नाच चलता रहेगा।