बाबू सिंह कुशवाहा के कृपा पात्र अखबार जनसंदेश टाइम्स के बनारस में दिन इस समय खराब चल रहे हैं। कर्मचारियों की भविष्य निधि जमा नहीं करने पर 12 दिसंबर को हुई छापेमारी के बाद भविष्य निधि अफसरों की छानबीन का काम अभी खत्म ही नहीं हुआ था तब तक सोमवार को कर्मचारियों के बकाये वेतन और उत्पीड़न को लेकर श्रम विभाग की टीम ने छापा मार दिया। लेबर आफिसर जेपी सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम बकाये वेतन, कर्मचारियों को मनमाने तरीके से निकाले जाने एवं वेज बोर्ड के नियमों के विपरीत वेतन देने के मामले में जीएम सीपी राय से पूछताछ की। कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेजों की मांग करने पर जीएम सीपी राय और फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड एकाउंटेंट अतुल विश्वकर्मा टाल-मटोल करने लगे।
टीम ने दो दिन में लेबर आफिस को सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आफिस में एकसाथ दो विभागों की जांच टीमों के होने से हड़कंप की हालत थी। श्रम विभाग की टीम ने जीएम से वार्ता के बाद शिकायत कर्ता पक्ष से भी फोन पर बात की और कहा कि यदि कल तक बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता है तो प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। भरोसा दिलाया कि सभी कर्मचारियों को मजिठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वेतन और बकाये का भुगतान जनसंदेश प्रबंधन को करना ही पड़ेगा। यदि प्रबंधन ऐसा नहीं करता है तो श्रम नियमों के अनुसार आरसी जारी कर दी जायेगी।
वहीं दूसरी ओर पीएफ मामले में भविष्य निधि विभाग की सख्ती सोमवार को भी बरकरार रही। सुबह ही छानबीन की प्रक्रिया को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के लिए भविष्यनिधि कर्मियों की टीम जनसंदेश आफिस पहुंच गयी। दोपहर बाद चर्चा थी कि जनसंदेश प्रबंधन के खिलाफ पीएफ जमा नहीं करने पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी। वहीं इस बात की भी चर्चा रही कि पीएफ बकाये का भुगतान कर दिया गया। इस सारे घटनाक्रम में सबसे शर्मनाक स्थिति काशी पत्रकार संघ की रही। संस्थान के फोटोग्राफर और काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष बीबी यादव आफिस में मौजूद होने के बावजूद पीएफ एवं श्रम विभाग की टीमों के सामने कर्मचारियों के वाजिब हक को लेकर जुबान तक नहीं खोले, वहीं प्रेस क्लब के एक पदाधिकारी अधिकारियों की खुशामद में ही व्यस्त रहे। जनसंदेश परिसर में दिन भर यह चर्चा रही कि प्रेस क्लब के पदाधिकारी प्रबंधन की तरफ से अधिकारियों को मैनेज करने में लगे हैं।
Rahul Gupta
December 16, 2014 at 4:01 pm
Vineet Maurya ne bhe lko office aur Kanpur office bhe logo ka aise he khoon choos kar nikal diya hain. salery dena to dur PF bhe Dabayen baitha hain.
Rahul Gupta
December 17, 2014 at 9:50 am
Pahle Vineet Maurya ka Gala pakadna chayen aur uske baad Subhas Rai aur Satendra ishra ka . yahi wo hain jinhone duba diya lkucnow edition ko.