भड़ास की खबर अंततः सही साबित हुई. नईदुनिया’ के प्रधान सम्पादक की कुर्सी से श्रवण गर्ग 31 अक्टूबर को विदा हो गए. इस आशय की खबर ‘भड़ास’ ने 18 सितम्बर को दी थी. जागरण मैनेजमेंट ने श्रवण गर्ग को दिल्ली बुलाकर उन्हें हटाए जाने की जानकारी दी. इसके बाद ही वे इंदौर लौटे और एडिटोरियल के सीनियर्स को बुलाकर बता दिया कि वे ‘नईदुनिया’ से जा रहे हैं, आज उनका आखरी दिन है.
उधर, कुछ लोगों का कहना है कि श्रवण गर्ग ने नईदुनिया अखबार से इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि रिटायर हो गए हैं. अक्टूबर लास्ट में बाकायदे उनकी फेयरवेल पार्टी की गई.
छजलानी परिवार से ‘नईदुनिया’ खरीदने के बाद जागरण प्रबंधन ने श्रवण गर्ग को संपादकीय दायित्व सौंपा था. पिछले ढाई सालों में श्रवण गर्ग ने अपनी मेहनत से नई दुनिया में जान डाल दी. जो लोग पुराने जमे जमाए थे, उनसे जब श्रवण गर्ग ने काम लेना शुरू किया तो वो लोग तिलमिला कर लामबंद हो गए और श्रवण गर्ग के खिलाफ अघोषित अभियान चलाने लगे.
चर्चा ये है कि श्रवण गर्ग ‘दबंग दुनिया’ ज्वाइन करने वाले हैं. वे दिल्ली दफ्तर में बैठेंगे. जनवरी से ‘दबंग दुनिया’ का दिल्ली संस्करण शुरू होने की भी जानकारी है. ‘दबंग दुनिया’ के मालिक और गुटका किंग किशोर वाधवानी और उनके नए-नए सीईओ प्रवीण खारीवाल एक बार श्रवण गर्ग से मिलने नईदुनिया दफ्तर भी गए थे.
भड़ास पर प्रकाशित एक पुराने इंटरव्यू के जरिए श्रवण गर्ग के व्यक्तित्व और करियर के बारे में आप काफी कुछ जानकारी पा सकते हैं… क्लिक करें…
सौमित्र
November 3, 2014 at 12:36 pm
श्रवण जी हमेशा काम की इज्जत करते हैं। उनमें लीडरशिप है। वे जानते हैं कि कौन कितने काम का है और किनसे, क्या काम लेना है। मुझे उम्मीद है कि दबंग दुनिया को श्रवण जी के नेतृत्व का फायदा मिलेगा। मेरी शुभकामनाएं।
Vijay Sharma
November 4, 2014 at 3:28 am
श्रवण गर्ग ‘को ‘नईदुनिया’ के चीफ एडिटर पद से हटाए जाने वाली इस खबर में एक अखरने वाला तथ्य ये है कि श्रवण गर्ग ‘नईदुनिया’ से रिटायर हुए हैं। जबकि, औपचारिक रूप से तो वे दैनिक भास्कर के दिल्ली दफ्तर से बिदा हुए थे। ‘नईदुनिया’ में तो वे ढाई साल पहले आये थे और साल-सालभर के कॉन्टेक्ट पर थे। इसलिए ‘नईदुनिया’ से तो रिटायर होने का सवाल ही नहीं उठता! उनकी उम्र भी 65 वर्ष से ज्यादा है, जो रिटायरमेंट की उम्र से कहीं ज्यादा है। इस सच को भी इंदौर के पत्रकार बखूबी जानते हैं, कि ‘नईदुनिया’ में बने रहने के लिए श्रवण गर्ग ने क्या-क्या जतन नहीं किए! खबर तो यहाँ कि समाजवादी पार्टी के इंदौर के पूर्व सांसद कल्याण जैन के मार्फ़त मुलायम सिंह यादव तक जुगाड़ लगाई गई! लेकिन, जागरण समूह ने मुलायम सिंह यादव को भी अपनी मजबूरी बता दी थी! सौ बात की एक बात ये है कि श्रवण गर्ग को ‘नईदुनिया’ ने हटाया है, न कि वे रिटायर हुए हैं।
Vidhyarthi
November 4, 2014 at 11:56 am
Shravanji is a great journalist. I wish him best for his future project.
rawan garg
November 4, 2014 at 11:49 pm
Bhai sa, Sravan garg kalank hai patrakarita par… Naidunia office mai abhi jasn ka mahol hai… vo isliye nahi ki garg kaam jyada leta tha ya galiyaan deta tha… har waqt ki rajniti se yahan ka catorth sreni karmi se lekar editor tak heraan tha… haalat yahan tak aa pahoche the ki yahan jo bhi kaam karta tha bas majbori hi thi uski… yahan mithaiyan baanti hai bhai sa….
Prakash
November 5, 2014 at 4:38 am
श्रवण गर्ग आज जो कुछ भी है वह दैनिक भास्कर की बदौलत है। उन्होंने भास्कर को और भास्कर ने उन्हें बड़ा बनाया। भास्कर से वे जागरण में गए यह भी उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप था पर किशोर वाधवानी जैसे टैक्स चोर के लिए दिल्ली दरबार में चप्पल घिसना उनके लिए अवनति का सर्वोच्च बिंदु होगा। इस पड़ाव पर दिल्ली में संपादक बनने से तो उन्हें इंदौर के सांध्य दैनिक अग्निबाण या प्रभात किरण में निशुल्क सेवाएं देनी चाहिए।
ravi
November 5, 2014 at 11:52 pm
श्रवण गर्ग में न तो संपादकीय योग्यता है न पत्रकारिता की काबिलियत। जिस शख्स को बोलने-बतियाने का ढंग नहीं मालूम उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। उसकी घूरती बहशी आंखे और घमंडी स्वभाव के बारे में सोचकर खून खौल जाता है। इच्छा कुछ विशेषणों से नवाजने की भी हो रही है लेकिन बूढ़े आदमी के बारे में क्या कहा जाए। अब ऊपर वाला हिसाब-किताब करेगा।
neeraj
November 6, 2014 at 12:39 pm
Shravan Garg ko log Rawan Garg bhi bulate hai. kyonki vah bhi vidvan tha aur ghamandi bhi. laking shravan to rawan se bhi badtar hai. Press Council of India ke is member ne Naidunia ke talented journalist ke sath kya kiya yah jaghair hai. Manoj Dubey nam ke ek sub editor ko apne chamber mai itna danta ke vo bahosh ho gaya. Jaideep ne use sofe par letaya aur pani mangaya tha. Shravan ke bare mai ke aur bat ki ise sabhi press se nikala gaya hai. Free Press se lekar, Bharkar aur Naidunia tak. Aaj note kar le Dabang Dunia se bhi Nikala hi jayega.
mukesh
November 20, 2014 at 1:37 am
bhai logo ko bata dena chahata hoo ki …. SHRAVAN GARG JI DABANG DUNIA me nahi ja rahe hai . ye conform news hai . pareshan na ho.