Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

लखनऊ के पत्रकार कबाब और रोगन जोश खाते थे इसलिए पांच कालीदास मार्ग का शुद्धीकरण जरूरी!

Ambrish Kumar : लोगों को पता नहीं होगा अखिलेश यादव पांच कालीदास में नहीं रहते थे. मायावती रहती थीं. पर दोनों के दौर में पत्रकारों के चक्कर में प्रेस कांफ्रेंस के बाद खाने में कई बार कबाब से लेकर रोगन जोश तक परोसा जाता था. ऐसे में किसी संन्यासी के प्रवेश से पहले शुद्धिकरण तो जरूरी है. शम्भुनाथ शुक्ल का सुझाव भी ठीक है कि आसपास के सभी रिहाइसी इलाकों को गोबर और गोमूत्र से शुद्ध किया जाना चाहिए. वैसे सारे अतिथि गृह भी इसमें शामिल किये जाएं.

यूपी के वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार की एफबी वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ प्रमुख कमेंट्स इस प्रकार हैं…

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Ambrish Kumar : लोगों को पता नहीं होगा अखिलेश यादव पांच कालीदास में नहीं रहते थे. मायावती रहती थीं. पर दोनों के दौर में पत्रकारों के चक्कर में प्रेस कांफ्रेंस के बाद खाने में कई बार कबाब से लेकर रोगन जोश तक परोसा जाता था. ऐसे में किसी संन्यासी के प्रवेश से पहले शुद्धिकरण तो जरूरी है. शम्भुनाथ शुक्ल का सुझाव भी ठीक है कि आसपास के सभी रिहाइसी इलाकों को गोबर और गोमूत्र से शुद्ध किया जाना चाहिए. वैसे सारे अतिथि गृह भी इसमें शामिल किये जाएं.</p> <p style="text-align: right;"><strong>यूपी के वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार की एफबी वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ प्रमुख कमेंट्स इस प्रकार हैं...</strong></p>

Ambrish Kumar : लोगों को पता नहीं होगा अखिलेश यादव पांच कालीदास में नहीं रहते थे. मायावती रहती थीं. पर दोनों के दौर में पत्रकारों के चक्कर में प्रेस कांफ्रेंस के बाद खाने में कई बार कबाब से लेकर रोगन जोश तक परोसा जाता था. ऐसे में किसी संन्यासी के प्रवेश से पहले शुद्धिकरण तो जरूरी है. शम्भुनाथ शुक्ल का सुझाव भी ठीक है कि आसपास के सभी रिहाइसी इलाकों को गोबर और गोमूत्र से शुद्ध किया जाना चाहिए. वैसे सारे अतिथि गृह भी इसमें शामिल किये जाएं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यूपी के वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार की एफबी वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ प्रमुख कमेंट्स इस प्रकार हैं…

Amitaabh Srivastava मांसाहार के बाद शुद्धिकरण वाले तर्क से तो चौक अमीनाबाद नखास और अकबरी गेट जैसी जगहों पर गंगाजल के टैंकर रोज़ाना भिजवाने पड़ेंगे कई महीनों तक। हालांकि मुख्यमंत्री जी के निवास से ये सब दूर हैं लेकिन फिर भी माहौल में शुद्धता, साफ सफाई तो रहनी ही चाहिए। टुंडे कबाबी के यहां अब शायद करमकल्ले की टिकिया मिलने लगे शुद्धिकरण के inagural offer के तौर पर।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Pavan Kumar Yadav Sir JI a Jo bjp ke lakho karykarta hai Jo meet bhakosate hai kya unka bhi shudhi karan hoga

Ambrish Kumar व्यापक शुद्धिकरण कार्यक्रम हेतु मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों की मदद ली जानी चाहिए Shambhunath Nath

Advertisement. Scroll to continue reading.

Shambhunath Nath अब अपन तो अदना-से पत्रकार। न लीपने के न पोतने के। और यूँ भी मैं तो प्याज़-लाहशुन तक नहीं खाता सो अपन क्या कहें।

Ambrish Kumar आप संपादक रहे हैं, इस समय तो गोरखपुर के स्टिंगर भी प्रभावशाली माने जा रहे हैं. अपने वाले ने भी पूछा था- भाई साहब,महाराज से कुछ कहना हो तो बताएं. दस साल से ज्यादा का साथ है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Amitaabh Srivastava लखनऊ के खान पान में तो वैसे भी इस तरह के व्यंजनों का चलन रहा है जो होते शाकाहारी हैं लेकिन उनका ज़ायका मांसाहार को भी मात करता है. मिसाल के तौर पर ज़मीकंद और कटहल के कबाब – कई बार गोश्त से फर्क बताना मुश्किल हो सकता है. अब्दुल हलीम शहर की किताब ‘गुजिश्ता लखनऊ’ में लखनऊ के दिलचस्प खान पान का विस्तार से ज़िक्र मिलता है. राज्य सरकार के संस्कृति विभाग को नयी सरकार और उसके मुखिया को ये सब भी बताना चाहिए. आखिरकार संस्कृति कुल मिला कर राजनीति का ही हिस्सा है.

Deepu Naseer मुलायम शाकाहारी हैं, अखिलेश भी हैं क्या? अटल जी नॉनवेज के शौक़ीन थे, मोदी शाक़ाहारी हैं.. 7RCR का शुद्धिकरण हुआ था क्या?

Advertisement. Scroll to continue reading.

Shriram Sen घृणा पाप से करो पापी से नही

Sushil Kaul आपने जानकारी दी तो पता चला कि बहन मायावती जी पांच कालीदास मार्ग में रहतीं, हम भी जब अपने नये मकान मे हमने भी वही किया था, जो योगी जी कर रहे, आपकी जानकारी से शुद्धीकरण का महत्त्व अब समझ आ रहा है। हाँ एक बात है, पत्रकार जो शाकाहारी के साथ-साथ मांसाहारी हैं, उनके लिए अलग भवन की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Santosh Singh भाई उनका घर है जो मर्जी करें दूसरों को क्या?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. dvv

    March 21, 2017 at 8:54 am

    patrakar sabse bade paapi hote hai..
    dalle

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement